दूसरी बार तलाक पर आयशा मुखर्जी का साहसी पोस्ट, तलाकशुदा के टैग से न डरें
तलाक एक गंदा शब्द है लेकिन आप खुश नहीं है तो इससे अच्छा रास्ता भी नहीं है कोई… आयशा मुखर्जी
भारत के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन और उनकी पत्नी आयशा मुखर्जी अपने आठ साल के वैवाहिक जीवन से अलग हो गए हैं। कल रात से ही यह खबर सुर्खियों में बनी हुई है। लेकिन इस बात पर अभी भी क्रिकेटर ने कोई भी टिप्पणी नहीं की है। वहीं दूसरी ओर आयशा मुखर्जी ने ट्वीट करके अपने तलाक के बारे में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है। आप भी पढ़ें आयशा ने क्या लिखा है अपने तलाक के बारे में…
आयाश का पोस्ट
इंस्टाग्राम पर आयशा ने लिखा है कि “एक बार तलाक हो चुका है लगा रहा था कि “तलाक काफी गंदा शब्द है। जब तक कि मैं दो बार की तलाकशुदा नहीं हो गई”। इससे पहले भी एक बार तलाक हो चुका था। जब मेरी दूसरी शादी टूटी तो यह काफी डरावना था। मैंने सोचा था कि तलाक गंदा शब्द है, लेकिन फिर मेरा दोबारा तलाक हो गया। पहली बार जब मेरा तलाक हुआ तब काफी ज्यादा डरी हुई थी। मुझे यहां तक लगा कि मैं स्वार्थी हूं और हर किसी को नीचा दिखा रही हूं। अपने माता-पिता और अपने बच्चों को नीचा दिखा रही हूं। मैंने भगवान का भी अपमान किया। तलाक इतना गंदा शब्द था।
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अब आप कल्पना कर सकते हैं कि मुझे इससे दूसरी बार गुजरना पड़ रहा है। एक बार तलाक होने की वजह से इस बार मेरा बहुत कुछ दांव कर लगा था और मुझे काफी कुछ साबित करना था। इसलिए जब दूसरी शादी भी दूट गई तो यह सचमुच डरावना है।
पहली बार में जो कुछ महसूस किया था वो सब आंखों के सामने फिर से तैरने लगा। डर, नाकामी और निराशा पिछली बार से 100 गुना ज्यादा है।
अपनी पोस्ट के अंत में बड़े बोल्ट अंदाज में आयशा ने लिखा है कि अगर आप तलाक के दौर गुजर रही हैं और इस डर से अपने रिश्ते को खत्म नहीं करना चाहती है कि लोग आपको तलाकशुदा का टैग देगें तो आप मुझे मैसेज करके मुझसे बात कर सकती हैं।
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दो बार तलाक पर स्वेता तिवारी का बयान
ऐसा पहली बार नहीं है जब किसी पर्सनैलिटी ने तलाक के मामले में खुलकर बोला है। दूसरी बार तलाक कोई बड़ी बात नहीं है अगर आप किसी रिश्ते खुश नहीं है तो घुट घुटकर जीने से अच्छा है आप उससे आजाद हो जाएं ताकि आगे की जिदंगी अच्छी हो।
फेमस टीवी एक्टर स्वेता तिवारी का भी दो बार तलाक हुआ है। दूसरे तलाक के वक्त स्वेता ने अपने पति को जहरीला इंजेक्शन कहा था। वहीं दूसरी ओर जैसे ही स्वेता के तलाक की खबर सार्वजनिक हुई तो लोगों ने उसे ट्रोल करना शुरु कर दिया। लेकिन वह इन सारी चीजें से डरी नहीं, ट्रोर्ल्स तो उन्हें यहां तक कहते है कि तुमने दो शादी की है तुम्हारी बेटी पांच करेंगी। इतना सब होने के बाद भी स्वेता ने अपने जिदंगी को ज्यादा महत्व दिया और दूसरी बार भी तलाक लिया। और अपनी बात को रखते हुए ट्रोर्ल्स से कहा कि जिंदगी में चीजें गलत हो सकती हैं। जिसे बदला जा सकता हैं मुझमें कम से कम इतनी हिम्मत है कि इसका सामना कर रहीं हूं और इस बारे में खुलकर बात की। मैं जो भी कर रही हूं वह अपने और अपने बच्चों के लिए कर रही हूं।
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तलाक के आंकडे
हिंदू मैरिज एक्ट के अनुसार कोई भी महिला जो अपने रिश्ते से खुश नहीं है वह उससे अलग हो सकती है। 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में 13.2 लाख तलाक हुए हैं। जिसमें महिलाएं की संख्या 9.09 है। भारत में शादियों पर लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं लेकिन आपको पता है यहां प्रति एक हजार शादियों में 2.3 फीसदी तलाक होते हैं। मतलब साफ है अगर आप किसी रिश्ते में खुश नहीं है तो कानूनी तौर पर तलाक लेकर अपने जिदंगी को एक बार फिर नई शुरुआत दे सकते हैं।
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लोगों का तो काम है कहना
हमने एक तलाकशुदा महिला से बात की, नाम न लिखने की शर्ते पर उन्होंने कहा कि मेरी शादी से मैं खुश नहीं थी। शादी के कुछ सालों तक तो सबकुछ ठीक रहा लेकिन बाद में मुझे मेरे पति की हरकतों से दिक्कत होने लगी। इस दौरान में प्रेग्नेंट भी हो गई। मैंने दो जुड़वा बेटियों को जन्म दिया। लेकिन अब स्थिति पहली जैसी नहीं रही। मेरे एक बेटी विकलांग है। इसके बावजूद मुझे लगता है कि ऐसे इंसान के साथ रहना जिसके साथ मैं खुश नहीं हूं बेवकूफी है। इसलिए बेहतर विकल्प यह है कि मैं अलग हो जाऊं और मैंने वैसे ही किया।
महिलाओं के तलाक लेने पर सबसे बड़ी परेशानी यह होती है कि जब आप ऐसे दौर से गुजर रहे होते हैं तो आपके मायके वाले पहले तो आपका साथ देते हैं लेकिन बाद में चीजें बदल जाती हैं। इसलिए मैंने जॉब करना शुरु कर दिया क्योंकि अगर आप फाइनेशियली इंडिपैन्डेट है तो तब चीजें ज्यादा आसान हो जाती है। मेरे साथ भी ऐसा ही है लेकिन मैं खुश हूं लोगों का क्या है, कुछ तो लोग कह कहेंगे, लेकिन मेरी जगह उस तकलीफ को थोड़ी न सहेंगे।
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