जानें शास्त्रों के अनुसार हमें किसे नमस्कार नहीं करना चाहिए
बचपन से ही हमें घर में यह सिखाया जाता है कि अगर कोई घर में आएं तो उसे नमस्कार करना है। इसके साथ ही अगर हम किसी अपने या रिश्तेदार से मिलते है
बचपन से ही हमें नमस्कार करना सिखाया जाता है
बचपन से ही हमें घर में यह सिखाया जाता है कि अगर कोई घर में आएं तो उसे नमस्कार करना है। इसके साथ ही अगर हम किसी अपने या रिश्तेदार से मिलते है तो जाहिर तौर पर अपने संस्कारी भाव के साथ उन्हें नमस्ते कहते है। हां और ऐसा करना भी चाहिए। इससे ही बच्चे बचपन से ही अपने संस्कार और संस्कृति को सीखते हैं।
वैसे तो हमें सबको नमस्कार करना चाहिए जिन्हें हम जानते है। लेकिन नारद पुराण के अनुसार कुछ लोगों को नमस्कार नहीं करना चाहिए।
तो चलिए ऐसे लोगों को बारे मे बताते हैं जिन्हें नमस्कार नहीं करना चाहिए।
नस्तिक
नारद पराण के अनुसार भगवान में आस्था नहीं रखने वाले नस्तिक व्यक्तियों को नमस्कार नहीं करना चाहिए।
चोर
कोर्ट द्वारा अगर किसी व्यक्ति के अपराधिक मामलों में चोर पाया जाता है। तो उसे भी नमस्कार नहीं करना चाहिए।
पागल
अगर कोई व्यक्ति पागल हो या दौड़ता हुआ मंत्र जाप करता है। या फिर ऐसा व्यक्त अपवित्र अवस्था में हो उसे नमस्कार ही करना चाहिए।
सोएं व्यक्ति को
सोए व्यक्ति को कभी नमस्कार नहीं करना चाहिए। क्योंकि वह निंद्रा की अवस्था में होगा और आपके नमस्ते का जवाब नहीं दे पाएंगा। इसलिए आपका नमस्ते बोलना बेकार हो जाएंगा।
बीमार व्यक्ति को
अगर कोई व्यक्ति उल्टी कर रहा हो तो उसे भी नमस्कार नहीं करना चाहिए।
पति से वाद-विवाद करने वाली महिला से
रजस्वला महिला, क्रोध करने वाली महिला और पति से विवाद करने वाली महिला से भी नमस्कार करें। क्योंकि हमारे धार्मिक ग्रंथों के अनुसार पति को भगवान का दर्जा दिया गया है। इसलिए अगर हम पति से वाद-विवाद करते है तो अप्रत्यक्ष रुप से भगवान के साथ वाद-विवाद करते हैं।
श्राद्ध, व्रत,दान, पूजा,यज्ञ और तर्पण करते हुए व्यक्ति को भी नमस्कार नहीं करना चाहिए। इससे उस व्यक्ति का ध्यान भटक जाता है।
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