Chandrayaan-3: अंतरिक्ष में भारत की ऐतिहासिक सफलता, चांद की सतह पर भारत
अंतरिक्ष की दुनिया में भारत ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, इसरो ने अपने तीसरे चंद्र मिशन, चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है।
Chandrayaan-3 : चंद्रयान-3 40 दिनों में चांद पर, पूरा करेगा 3.84 लाख किमी का सफर
अंतरिक्ष की दुनिया में भारत ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, इसरो ने अपने तीसरे चंद्र मिशन, चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है।हिंदुस्तान का तीसरा सबसे बड़ा मिशन है। इसे 642 टन वजनी, 43.5 मीटर ऊंचे एल एम3-एम4 रॉकेट से लॉन्च किया गया। यह देश का सबसे ताकतवर बाहुबली रॉकेट है जिसे फैट बाय रॉकेट के नाम से भी जानते हैं। चंद्रयान-3 के पृथ्वी की कक्षा में पहुंचने के बाद लूनर ट्रांसफर ट्रेजेक्टरी में डाला गया। 615 करोड़ की लागत से तैयार हुआ यह मिशन करीब 45 से 48 दिन की यात्रा के बाद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंड करेगा।दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग होती है, तो भारत दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला विश्व का पहला देश बन जाएगा। वास्तव में ये भारत के लिए एक ऐतिहासिक समय है।
14th July 2023 will always be etched in golden letters as far as India’s space sector is concerned. Chandrayaan-3, our third lunar mission, will embark on its journey. This remarkable mission will carry the hopes and dreams of our nation. pic.twitter.com/EYTcDphaES
— Narendra Modi (@narendramodi) July 14, 2023
चंद्रमा की सतह पर अध्ययन –
2008 में भारत ने चंद्रयान-1 लॉन्च किया था। यह एक ऑर्बिटर अभियान था। ऑर्बिटर ने 10 महीने तक चांद का चक्कर लगाया था। चंद्रयान-2 अभियान 2019 में लांच किया गया जिसकी चन्द्रमा के सतह पर सफल लैंडिंग नहीं हो पाई थी लेकिन चंद्रयान -2 का आर्बिटर अभी तक काम कर रहा है। एक बार फिर चंद्रयान-3 के सफलतापूर्वक लांच होने के बाद भारत अंतरिक्ष में एक बड़ी शक्ति के तौर पर स्थापित हो गया है।रोवर सतह से जमा किए गए डेटा लैंडर को भेजेगा। लैंडर के जरिए ये डेटा इसरो के अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंचेगा। रोवर प्रज्ञान चंद्रमा के एक दिन या पृथ्वी के हिसाब से 14 दिनों तक सक्रिय रहेगा। एक चंद्र दिवस के बराबर चंद्रमा की सतह पर रहकर परीक्षण करेगा। चंद्रमा का एक दिन पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर है। प्रिपरेशन मॉड्यूल के साथ भेजा गया पेलोड चंद्रमा की कक्षा से पृथ्वी का अध्ययन करेगा।
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LVM3 M4/Chandrayaan-3:
Lift-off, tracking and onboard views pic.twitter.com/eUAFShS1jA— ISRO (@isro) July 14, 2023
रॉकेट की रफ्तार क्या है –
दोपहर 2.35 बजे जब रॉकेट बूस्टर को लॉन्च किया जाएगा तो इसकी शुरुआती रफ्तार 1627 किमी प्रति घंटा होगी. लॉन्च के 108 सेकंड बाद 45 किमी की ऊंचाई पर इसका लिक्विड इंजन स्टार्ट होगा और रॉकेट की रफ्तार 6437 किमी प्रति घंटा हो जाएगी. आसमान में 62 किमी की ऊंचाई पर पहुंचने पर दोनों बूस्टर रॉकेट से अलग हो जाएंगे और रॉकेट की रफ्तार 7 हजार किमी प्रति घंटा पहुंच जाएगी.
अरविंद केजरीवाल –
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसरो को चंद्रयान-3 के सफलतापूर्वक लांच होने टीट्ट करके बधाई दी है।
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जय हिंद, जय भारत 🇮🇳 pic.twitter.com/iC4EdO3lof
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) July 14, 2023
श्री जगदीप धनखड़ –
Congratulations to the team at #ISRO for the historic launch of Chandrayaan-3! This extraordinary feat highlights the advancement the country has made in space science & research. This milestone in India's stellar space journey makes every Indian proud! @isro
— Vice President of India (@VPIndia) July 14, 2023
भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ इसरो को चंद्रयान-3 के सफलतापूर्वक लांच होने बधाई दी है।
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