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Kanwar Yatra 2025: पहली बार ले जा रहे हैं कांवड़? जानें क्या रखें साथ और किन बातों का रखें ध्यान

Kanwar Yatra 2025, कांवड़ यात्रा सावन माह में भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और भक्ति का अनोखा प्रतीक है।

Kanwar Yatra 2025 : कांवड़ यात्रा 2025 में पहली बार जा रहे हैं? नए भक्तों के लिए पूरी गाइड नियम, सावधानियां और सामग्री

Kanwar Yatra 2025, कांवड़ यात्रा सावन माह में भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और भक्ति का अनोखा प्रतीक है। यह यात्रा हर साल लाखों भक्तों द्वारा की जाती है, जो गंगा जल लाकर शिवलिंग पर चढ़ाते हैं। अगर आप 2025 में पहली बार कांवड़ यात्रा पर जा रहे हैं, तो आपको इससे जुड़ी पूजा सामग्री और नियमों की सही जानकारी होनी चाहिए ताकि आपकी यात्रा सफल और फलदायक हो।

Kanwar Yatra 2025 की तारीख

2025 में सावन माह की शुरुआत 11 जुलाई से हो रही है और समाप्ति 9 अगस्त को होगी। कांवड़ यात्रा विशेष रूप से सावन के दूसरे और तीसरे सोमवार के बीच चरम पर होती है।

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पूजा सामग्री की सूची

1. तांबे या स्टील का पात्र – गंगाजल भरने के लिए

2. कांवड़ – जल ले जाने के लिए विशेष झूला

3. रुद्राक्ष माला या कांवड़िया पोशाक – पहचान चिन्ह के तौर पर

4. भस्म (विभूति) और चंदन – तिलक के लिए

5. धूप, दीपक और अगरबत्ती – शिव पूजन के लिए

6. बेलपत्र, धतूरा और आक के फूल – शिव को अर्पित करने के लिए

7. दूध, दही, घी, शहद और शक्कर – पंचामृत बनाने के लिए

8. फल और मिठाई – भोग हेतु

9. जल से भरा पात्र या गंगाजल की बोतलें – अभिषेक के लिए

10. पॉलिथीन या कपड़ा – जल को ढंकने के लिए (गंगाजल की पवित्रता बनाए रखने हेतु)

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कांवड़ यात्रा के नियम

1. ब्रहमचर्य का पालन करें: यात्रा के दौरान संयमित जीवनशैली रखें और मानसिक शुद्धता बनाए रखें।

2. शुद्ध और सात्विक भोजन करें: मांस, शराब, लहसुन-प्याज आदि से पूरी तरह परहेज रखें।

3. नंगे पांव चलें: परंपरागत रूप से कांवड़ यात्रा नंगे पांव की जाती है।

4. गंगाजल को जमीन पर न रखें: जल को सिर के ऊपर या कांवड़ में संतुलित रखें, यह अत्यंत पवित्र माना जाता है।

5. कांवड़ को झुकाएं नहीं: इसे जमीन पर रखने या किसी और को छूने से बचें।

6. शिव मंदिर में जल चढ़ाने से पहले स्नान करें: स्वच्छ शरीर और वस्त्र के साथ पूजा करें।

7. झगड़ा या क्रोध न करें: यात्रा के दौरान मानसिक संतुलन और शांति बनाए रखें।

8. ‘बोल बम’ का जाप करें: यह यात्रा भगवान शिव के नाम का स्मरण करते हुए ही पूरी की जाती है।

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यात्रा के दौरान सावधानियां

यात्रा के दौरान मौसम का ध्यान रखें, बारिश में फिसलन से बचें। स्वास्थ्य संबंधी जरूरी दवाएं साथ रखें। समूह में यात्रा करना अधिक सुरक्षित होता है। स्थानीय प्रशासन के नियमों का पालन करें। अगर आप पहली बार कांवड़ यात्रा कर रहे हैं, तो यह एक आध्यात्मिक और अनुशासन भरी अनुभव यात्रा है। श्रद्धा और नियमों का पालन करके आप भगवान शिव की कृपा पा सकते हैं।

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