Holi 2024: पाकिस्तान में दो दिन होलिका दहन तो 9 दिन मनाई जाती थी होली, प्रह्लादपुरी मंदिर से है खास कनेक्शन
Holi 2024: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुल्तान शहर में प्रह्लादपुरी मंदिर स्थित है। यह मंदिर एक समय पर मुल्तान का ऐतिहासिक स्मारक हुआ करता था। हिंदू धर्म में भी इसका खास महत्व है। मान्यता है कि मंदिर को भक्त प्रहलाद ने हजारों साल पहले भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार के सम्मान में बनवाया था।
Holi 2024: पाकिस्तान में प्रहलाद ने भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार के सम्मान में बनवाया था प्रह्लादपुरी मंदिर
इस साल 24 मार्च को होलिका दहन है और 25 मार्च को होली खेली जाएगी। देशभर में होली बड़ी की धूमधाम से मनाई (Holi 2024 Date) जाती है। होली के इस पर्व का पाकिस्तान के प्रह्लादपुरी मंदिर (Prahladpuri Temple) से बहुत ही खास कनेक्शन है। होली मनाने की किस्सा इस मंदिर से जुड़ा हुआ है। आपको बता दें कि पाकिस्तान के इस मंदिर में दो दिन तक होलिका दहन का आयोजन होता था। होली के मौके पर जानते हैं पाकिस्तान के इसी मंदिरा के बारे में जिसका होलिका दहन की पौराणिक कथा से गहरा नाता है।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुल्तान शहर में प्रह्लादपुरी मंदिर स्थित है। यह मंदिर एक समय पर मुल्तान का ऐतिहासिक स्मारक हुआ करता था। हिंदू धर्म में भी इसका खास महत्व है। मान्यता है कि मंदिर को भक्त प्रहलाद ने हजारों साल पहले भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार के सम्मान में बनवाया था। इसे बेहतर समझने के लिए होलिका दहन की कथा जानना जरूरी है।
क्या है होलिका और प्रहलाद की कथा?
कथा के मुताबिक, हिरण्यकश्यप राक्षसों का राजा था। उसका पुत्र प्रहलाद, भगवान विष्णु का भक्त था। हिरण्यकश्यप भगवान विष्णु को अपना दुश्मन मानता था, इसलिए उसने प्रहलाद को भी भगवान की भक्ती करने से रोकने की कोशिश की। जब इससे बात नहीं बनी तो उसने अपनी बहन होलिका से मदद मांगी। होलिका को यह वरदान मिला हुआ था कि उसे आग नहीं जला सकती है। वो प्रहलाद को अपनी गोद में लेकर जलती आग में बैठ गई।
नरसिंह भगवान ने किया था हिरण्यकश्यप का वध
हालांकि भगवान विष्णु की कृपा से होलिका के इस साजिश में होलिका ही भस्म हो गई और प्रहलाद सुरक्षित बच गया। इस कथा को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। प्रहलाद के जीवित बच जाने पर हिरण्यकश्यप और ज्यादा क्रोधित हो गया। उसने गुस्से में बालक प्रहलाद को खंभे से बांध दिया और उसे मारने के लिए तलवार उठा ली। तभी उस खंभे से भगवान विष्णु के अवतार नरसिंह प्रकट हुए और उन्होंने हिरण्यकश्यप का वध कर दिया।
मुल्तान के मंदिर से जुड़ी क्या मान्यताएं हैं?
मुल्तान मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहीं पर होलिका आग में भस्म हो गई थी। इसके अलावा, यहीं पर हिरण्यकश्यप ने प्रहलाद को खंभे से बांधा था और भगवान नरसिंह ने खंभे से प्रकट होकर उसका वध किया था। बीबीसी की रिपोर्ट के हवाले से स्थानीय हिंदू कार्यकर्ता शकुंतला देवी ने बताया, ‘यह मंदिर हजारों साल पुराना है। 1861 में मंदिर के लिए चंदा भी इकट्ठा किया गया था।’
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बंटवारे के समय पाकिस्तान के हिस्से में चला गया मंदिर
1947 में बंटवारे के समय प्रह्लादपुरी मंदिर पाकिस्तान के हिस्से में चला गया था। यहां होली पर भक्तों का तांता लगता था। दो दिन तक होलिका दहन का आयोजन होता था और 9 दिन तक होली मेला चलता था। लेकिन 1992 में अयोध्या-बाबरी मस्जिद विवाद के बाद कुछ कट्टरपंथियों ने मंदिर को तोड़ दिया। तब से सरकार ने भी इसकी देखभाल पर खासा गौर नहीं किया है। कुछ साल पहले पाकिस्तान की अदालत ने मंदिर के रेनोवेशन कराए जाने का आदेश दिया था। हालांकि, अब तक यह पूर्ण रूप से ठीक नहीं किया गया है।
प्रह्लादपुरी मंदिर, पाकिस्तान
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में प्रह्लादपुरी मंदिर स्थित है जो नरसिंह अवतार के सम्मान में बनवाया गया था। यह मंदिर पाकिस्तान पंजाब के मुल्तान शहर में स्थित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर का निर्माण हजारों साल पहले भक्त प्रहलाद ने कराया था। ऐसा कहा जाता है कि इसी स्थान पर होलिका अग्नि में जलकर भस्म हुई थी।
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