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साल 2024 का पहला एकादशी कब है, जानें सही तिथि और मुहूर्त: Saphala Ekadashi 2024

सफला एकादशी का व्रत सारे कार्य को सिद्ध करने का आशीर्वाद प्रदान करता है और इस दिन श्रीहरि की पूजा से हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होता है और इस बार सफला एकादशी 2024 में 7 जनवरी से शुरू होकर 8 जनवरी तक मनाया जाएगा।

सारे कार्य को सिद्ध करने का सफला एकादशी का व्रत 7 या 8 जनवरी, जानें पूजा दान रात्रि जागरण करने का समय : Saphala Ekadashi 2024

सफला एकादशी का व्रत सारे कार्य को सिद्ध करने का आशीर्वाद प्रदान करता है और इस दिन श्रीहरि की पूजा से हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होता है और इस बार सफला एकादशी 2024 में 7 जनवरी से शुरू होकर 8 जनवरी तक मनाया जाएगा।

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सफला एकादशी का महत्व –

यह व्रत पौष माह के कृष्ण पक्ष की पहली एकादशी को सफला एकादशी के नाम से जाना जाता है। वैसे हमारे  शास्त्रों के अनुसार सफला एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के सारे कार्य सफल हो जाते हैं। भगवान विष्णु ने जनकल्याण के लिए अपने शरीर से माता एकादशी को उत्पन्न किया था और भगवत गीता में भी भगवान श्रीकृष्ण ने एकादशी तिथि को स्वयं के समान ही बलशाली बताया है इसलिए हर माह की एकादशी का नाम और महत्व अलग-अलग होते है।

सफला एकादशी 2024 मुहूर्त –

हमारे पंचांग के अनुसार पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि यानी 07 जनवरी 2024 को 12 बजकर 41 मिनट शुरू होगी और अगले दिन 8 जनवरी 2024 को प्रात: 12 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी। वैसे शास्त्रों के अनुसार सफला एकादशी का व्रत 7 जनवरी 2024 को करना श्रेष्ठ माना जाएगा और इसमें पूरे दिन एकादशी का प्रभाव रहेगा। इस दिन पूजा, दान, रात्रि जागरण करने के लिए ये दिन शुभ माना जाएगा।

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सफला एकादशी पूजा विधि –

इस दिन सभी लोग व्रत रखकर भगवान विष्णु की मूर्ति को ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ‘ मंत्र का उच्चारण करते हुए पंचामृत से स्नान आदि कराते है और फिर वस्त्र, चन्दन, जनेऊ, गंध, अक्षत, पुष्प, धूप-दीप, नैवेद्य, ऋतुफल, पान, नारियल आदि अर्पित करके कपूर से आरती करते है। फिर रात के समय जागरण करके यदि व्रत का पारण किया जाए तो यह बहुत ही उत्तम फलदायी माना जाता है। इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना बहुत ही लाभकारी माना गया है।

पूजा का सही समय – सफला एकादशी के दिन सुबह 08.33 मिनट से दोपहर 12.27 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त माना गया है। एकादशी पर सूर्योदय से व्रत शुरू होकर अगले दिन सूर्योदय के बाद ही समाप्त होता है, इसलिए दिन रात्रि जागरण का विधान माना गया है।

व्रत का पारण कब करें  – सफला एकादशी का व्रत पारण 8 जनवरी 2024 को सुबह 06.39 से सुबह 08.59 मिनट के बीच किया जा सकता है। पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय  रात के 11:58 पर माना गया है।

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