धार्मिक

Bullet Temple राजस्थान का वो मंदिर जहां बुलैट की होती है पुजा, दर्शन के लिए दूर से आते है लोग

अभी तक आपने देवी-देवताओं के बने मंदिर देखे होंगे। लेकिन क्या आपने कभी बुलेट मोटरसाइकिल का मंदिर देखा है? ये जानकर आपको हैरानी होगी। तो चलिए आपको इस मंदिर के बनने के पीछे की कहानी के बारे में बताते हैं।

Bullet Temple जानिए क्या है इस मंदिर की पूरी कहानी और इसके नाम?


Bullet Temple भारत एक ऐसा देश है, जहां कुछ किलोमीटर की दूरी पर आपको कोई न कोई प्राचीन मंदिर मिल जाएगा। इन मंदिरों की अपनी अलग पहचान और मान्यताएं होती हैं, जहां लोग दूर-दूर से मन्नत मांगने आते हैं। देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम पर भी मंदिर बन चुके हैं। लेकिन क्या आपने कभी मोटरसाइकिल का मंदिर सुना है? चौंकिए मत, क्योंकि यह कल्पना नहीं बल्कि सच्चाई है। राजस्थान में एक ऐसा गांव है, जहां मंदिर के अंदर भगवान की मूर्ति को नहीं बल्कि रॉयल एनफील्ड बुलेट 350 को रखा गया है। खास बात यहां यह है कि इस बाइक की लोग दूर-दूर से पूजा करने आते हैं।

बुलैट मोटरसाइकिल कि यहां होती है पुजा

भारत में गाड़ी को लेकर लोगों की अपनी अलग-अलग मान्यताएं हैं। कुछ लोग तो नई कार या मोटरसाइकिल खरीदने पर सबसे पहले मंदिर जाते हैं। कई लोग ऐसे भी हैं, जिनकी गाड़ियों की डैशबोर्ड पर देवताओं की तस्वीरें लगी होती हैं तो कुछ अपनी बाइक पर चुन्नी बांधते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि गाड़ी चलाना रिस्की काम है। ऐसी तमाम चीजें आपने अपनी रोजाना की जिंदगी में देखी होंगी। लेकिन क्या आपने कभी बुलैट मोटरसाइकिल के मंदिर के बारे में सुना है? ये पढ़कर शायद आप भी हैरान रह जाएं लेकिन राजस्थान में ऐसा ही एक मंदिर है। पाली-जोधपुर हाइवे पर चोटिला गांव में सड़क किनारे एक पेड़ के पास पत्थर का चबूतरा बना है। यहीं पर बुलैट मोटरसाइकिल खड़ी है। जोधपुर से इस मंदिर की दूरी 53 किलोमीटर है।

जानिए क्या है कहानी

दरअसल, राजस्थान के इस बुलेट मंदिर की कहानी बड़ी ही दिलचस्प होने के साथ-साथ दुखभरी भी है। दरअसल,सन् 1991 में हुए एक जानलेवा एक्सीडेंट में राजस्थान के पाली जिले के ओम सिंह राठौड़ की मौत हो गई थी। जहां ओम का एक्सीडेंट हुआ था, वहां उनका छोटा सा मंदिर है। यहां उनकी तस्वीर के साथ बुलेट भी रखी गई है। माना जाता है कि आज भी उनकी आत्मालोगों को हाइवे पर होने वाले एक्सीडेंट से बचाती है।

क्या है मंदिर का नाम?

इस मंदिर का नाम ‘ओम बन्ना धाम’ है। लोग इसे ‘बुलेट बाबा मंदिर’ के नाम से भी जानते हैं। दरअसल करीब 30 साल पहले इस गांव में ठाकुर जोग सिंह राठौड़ के बेटे ओम सिंह राठौड़ की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। यह मंदिर उन्हीं ओम सिंह के नाम पर बनाया गया है।

कहां है मंदिर?

ओम बन्ना धाम या बुलेट बाबा मंदिर राजस्थान के जोधपुर से लगभग 50 किलोमीटर दूर पाली शहर के पास चोटिला गांव में स्थित है।

मोटरसाइकिल हो गई गायब

एक्सीडेंट के बाद पुलिस मोटरसाइकिल को थाने में ले आई लेकिन रात में मोटरसाइकिल वहीं आ गई, जहां ओम सिंह राठौड़ का एक्सीडेंट हुआ था। पुलिस भी इस बात से बेहद हैरान थी। इसके बाद मोटरसाइकिल को फिर से थाने लाया गया और इस बार ज़ंजीर से बांधा गया। कहते हैं जंज़ीर में बंधे मोटरसाइकिल कहीं जा तो नहीं पाई लेकिन रात को अपने आप ही स्टार्ट हो गई।

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मंदिर की मान्यता

मंदिर के आसपास के गांव वाले तो ओम सिंह राठौड़ को अपना भगवान ही समझते हैं। लेकिन सिर्फ यहीं के लोग ही नहीं बल्कि राजस्थान के दूर-दराज के इलाको से भी लोग यहां आकर बुलेट की पूजा करते हैं। इसके साथ ही, लोगबाइक पर मन्नत का लाल धागा बाँधते हैं. लोगों का कहना है कि यहां उनकी मन्नतें पूरी होती हैं।

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