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Lok Sabha Chunav 2024: अगर किसी और ने फर्जी तरह से आपका वोट डाल दिया, तो तुरंत करें ये काम

पहले के चुनाव में वोटिंग के दौरान कुछ मामले ऐसे भी सामने आ चुके हैं, जब मतदाता को यह पता चला कि उनके नाम पर कोई पहले ही मतदान कर चुका है। अगर आपके साथ भी ऐसा हो जाता है तो मौके पर क्या करना चाहिए? आइए इसे जान लेते हैं।

Lok Sabha Chunav 2024: जानिए जब आपकी जगह कोई दूसरा मतदान कर दे तो क्या करें ?


Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण की वोटिंग जारी है। दूसरे चरण की वोटिंग में मतदाता उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और केरल समेत 13 राज्यों की 88 सीटों के लिए मतदान कर रहे हैं। पहले के चुनाव में वोटिंग के दौरान कुछ मामले ऐसे भी सामने आ चुके हैं, जब मतदाता को यह पता चला कि उनके नाम पर कोई पहले ही मतदान कर चुका है। अगर आपके साथ भी ऐसा हो जाता है तो मौके पर क्या करना चाहिए? आइए इसे जान लेते हैं।

नियमावली के तहत इसे वोट की चोरी होना कहते हैं

चुनाव आयोग की नियमावली में इसे वोट की चोरी होना कहते हैं। भारतीय चुनाव आचरण अधिनियम-1961 धारा 49 (पी) में इसका जिक्र किया गया है। 1961 में चुनाव आयोग ने इसमें बदलाव करते हुए ऐसे मामलों को शामिल किया था ताकि मतदाता को वोटिंग के अधिकार से वंचित न होना पड़े।

क्या करें जब आपकी जगह कोई दूसरा मतदान कर दे तो?

ऐसे हालात में सबसे पहले पोलिंग स्टेशन के पीठासीन अधिकारी से मिलें और मतदान करने की अपील करें। चुनाव में पीठासीन अधिकारियों की अहम भूमिका होती है। बूथ की व्यवस्था से लेकर ईवीएम तक की जिम्मेदारी उनके पास होती है। इसके बाद आपसे कुछ सवाल-जवाब किए जाएंगे। प्रमाण के तौर पर वोटर आईडी कार्ड और चुनाव आयोग की तरफ से जारी की गई पोलिंग बूथ की स्लिप दिखानी होगी। डॉक्यूमेंट दिखाने के बाद अगर पीठासीन अधिकारी आपके जवाबों से संतुष्ट होता है तो आपको मतदान करने की अनुमति दी जा सकती है। वहीं, अगर कोई ऐसा करके धोखाधड़ी की कोशिश करता है तो पीठासीन अधिकारी उस मतदाता के खिलाफ कम्प्लेन भी दर्ज करा सकता है।

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क्या होती है टेंडर वोट की वैल्यू?

बीबीसी की एक रिपोर्ट में देश के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एन गोपालस्वामी बताते हैं कि अगर दो उम्मीदवारों को एक समान वोट मिलते हैं तो भी टेंडर वोटों की गिनती नहीं की जाती। ऐसे हालात में विजेता का फैसला टॉस के जरिए होता है। टॉस जीतने वाले कैंडिडेट को विजेता घोषित किया जाता है। हालांकि, टॉस हारने वाले कैंडिडेट के पास अदालत जाने का अधिकार होता है। वह अदालत में अपील कर सकता है कि टेंडर वोट उसके पक्ष में हो सकते हैं। ऐसे हालात में टेंडर वोट की मदद से गलत वोट की पहचान की जाती है और उसे गिनती से हटाया जाता है।

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