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भारत मे दी निपाह वायरस ने दस्तक : जानें कितना खतरनाक है ये

जानिए क्या है निपाह वायरस, इसके फैलने के कारण, लक्षण और बचाव


साल 2020 से फैला कोरोना वायरस आज भी रुकने का नाम नहीं ले रहा। अभी सभी लोगों कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चिंता में है उसी बीच अभी खबर आ रही है कि केरल में निपाह वायरस फैलने लगा है। जिसके कारण अभी एक बार फिर लोगों को निपाह वायरस का डर सताने लगा है। आपको बता दें कि अभी केरल में निपाह वायरस की चपेट में आने से एक 12 वर्षीय बच्‍चे की मौत हो गई है इस बात की जानकारी खुद केरल के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री वीणा जार्ज ने दी। जिसके बाद केंद्र सरकार ने वहां के लिए नेशनल सेंटर फार डिजीज कंट्रोल की एक टीम को रवाना कर दिया। साथ ही साथ केरल के आस पास के राज्यों को सतर्कता बरतने की अपील की गई। ऐसे में अभी ज्यादातर लोगों के दिमाग में सवाल ये आ रहा है कि आखिर निपाह वायरस क्या है। तो चलिए आज हम आपको निपाह वायरस के बारे में विस्तार से बताते है।

निपाह वायरस क्या है?

निपाह वायरस एक तरह का नया वायरस है। इससे निपाह जूनोटिक वायरस भी कहते है। बता दें कि यह वायरस जानवरों से इंसानों में फैलता है। इतना ही नहीं आपको बता दें कि यह वायरस सिर्फ उन्हीं जानवरों के जरिए इंसानों में आता है जिसमें रीढ़ की हड्डी और कंकाल दोनों चीजे होती है। इतना ही नहीं इस वायरस के कुछ केस इंसान से इंसान में फैलने के भी पाए गए है। बता दें कि पहली बार इस वायरस के लक्षण मलेशिया में सुअर पालने वाले किसानों में पाए गए थे। बंगाल के सिलीगुड़ी में 2001 और फिर 2007 में यह बीमारी सामने आई थी। बता दें कि ये वायरस काफी हद तक एक खास इलाके में ही रहता है। और ये रोगियों के सम्पर्क में आने से ही फैलता है।

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जाने कैसे फैलता है निपाह वायरस?

आपको बता दें कि निपाह वायरस मुख्य रूप से चमगादड़ों और सूअर के संपर्क में आने से फैलता है। बता दें कि यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के किसी दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। बता दें कि मलेशिया में भी इस वायरस के सामने आने की वजह सूअर ही था। जबकि अगर हम बात करें सिंगापुर की तो सिंगापुर में इसकी वजह चमगादड़ था और भारत और बांग्‍लादेश में भी इसकी यही वजह रहा है। बता दें कि अगर कोई चमगादड़ इस वायरस से संक्रमित होता है और वो किसी फल को खाता है तो ये वायरस उस फल के द्वारा इंसान तक पहुंच जाता है।

निपाह वायरस

जाने निपाह वायरस के लक्षण

बता दें कि डब्ल्यूएचओ के मुताबिक निपाह वायरस से संक्रमित व्‍यक्ति को शुरुआत में हल्का बुखार, सिरदर्द, गले में खराश होना, मांसपेशियों में दर्द, उल्‍टी और चक्‍कर आना जैसी समस्याएं होती है। बता दें कि इस निपाह वायरस का इलाज फिलहाल हमारे पास नहीं है इसका अभी सिर्फ एकमात्र इलाज सावधानी बरतना है। आपको फलों को खरीदते समय और खाते समय पूरी सावधानी बरतनी चाहिए। साथ ही साथ आपको चमगादड़ों और सुअरो के संपर्क में आने से भी बचना चाहिए। और किसी निपाह वायरस से संक्रमित व्‍यक्ति के संपर्क में भी नहीं आना चाहिए।

जाने निपाह वायरस के बचाव

  1. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक अगर आपको निपाह वायरस का संदेह है, तो आपको जानवर के परिसर को तुरंत छोड़ देना चाहिए। और उस जगह को क्वारंटीन कर दें।
  2. निपाह वायरस के संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए हमे संक्रमित जानवरों को मार देना चाहिए। और मरे हुए जानवरों को किसी एक्सपर्ट की देखरेख में दफना दें।
  3. बता दें कि संक्रमित खेतों से बाकि जानवरों की आवाजाही को अन्य क्षेत्रों में प्रतिबंधित करने से बीमारी के प्रसार को कम किया जा सकता है।

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