अगर आप समझते हैं ये बातें तो बन जायेगी जिंदगी और आसान
जानते हैं ये 4 बातें तो बन जायेगी आपकी जिंदगी और आसान
मानसिकता को समझना आपके किये काफी फायदेमंद हो सकता है चाहे वह आपकी खुद की मानसिकता हो या फिर आपके पडोसी लोगों की। कोई माने या नही उसे इस बात से बहुत फर्क पड़ता है कि दुसरे लोग उसके बारे में क्या सोचते हैं अर्थात कही न कही प्रत्येक मनुष्य किसी और की मानसिकता से जुड़ा होता है। ज़िन्दगी का हर पड़ाव एक सबक सिखाता है चाहे वह अच्छा हो या फिर चाहे वह बुरा हो।
प्रत्येक दिन न जाने ऐसी कितनी ही घटनाये होती होंगी जिनकी वजह से आपको निराशा महसूस होती होगी। जिस इंसान से आनी उम्मीद रखी होगी वह उस पर खरा नही उतरा होगा, किसी के लिए मन में कुछ बातें होंगी जो अनकही ही रह गयी होंगी। ये सब बातें आपको ज़रूर ही काफी ठेस पहुचाती होंगी तो इसलिए कुछ नियम ऐसे हैं कि यदि आप उनका पालन करें तो आप कभी दुखी नही होंगे और ऐसी बातें आपको ठेस भी नही पहुंचायेंगी।
तो आइये जानें क्या हैं वे बातें :-
1 ) लोग उतनी परवाह नही करते जितना आप सोचते हैं :
यह सुनने में भले ही अटपटा लगे परंतु यह सत्य है कि लोग उतनी परवाह नही करते जितना आप सोचते हैं। जी हाँ, लोगों को आपके बारे में सोचने में कोई ख़ास रुचि नही होती और उन्हें इसके अलावा और भी कई काम होते हैं। अधिकतर लोगों की आदत होती है कि वे कुछ भी कार्य करने से पहले वे सोचते हैं की दूसरे लोग उनके बारे में क्या सोचेंगे, क्या कहेंगे और व्यर्थ की चिंताएं कर अपना जीवन ख़ुशी से जी ही नही पाते। तो इसलिए यह चिंता छोड़ दें।
2 ) समय के साथ साथ हमारे व्यक्तित्व में भी परिवर्तन आता है :
यह सोचते रहना की हम तो पहले जैसे ही हैं और बाकी लोग बदल गए हैं सर्वथा अनुचित है। यह समझना बेहद आवश्यक है कि समय के साथ साथ खुद हम भी बदलते हैं तो रिश्तों के खराब होने का दोष आप सारा दुसरो पर नही डाल सकते की उनके कारण आपकी दोस्ती बिगड़ी या कुछ और। पहले आप कुछ और थे और अब आप कुछ और हैं तो इस बात को कभी न भूलें।
3 ) खुद की तुलना दूसरों से कभी न करे :
आजकल सब लोग अपने अच्छे अच्छे पल सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं और यह बहुत बड़ा सत्य है कि सब लोग एक जैस3 नहीं होते और न ही उनके जीवन एक जैसे होते हैं। कई बार लोग अपनी कल्पना दूसरों से करने लगते है कि उसकी जिंदगी इतनी अच्छी है उसके पास ये है मेरे पास कुछ भी नहीं है जिससे आप दुखी और कभी कभी चिड़चिड़े भी हो जाते हैं तो आखिर क्या आपको नही लगता कि यदि इस कार्य से आपकी कोई भलाई नही होती तक आपको व्यर्थ में ऐसा नही सोचना चाहिए?
4 ) हमेशा यह न सोचें कि आपकी सलाह की सुनवाई की जाएगी :
जब भी कभी आप अपने दोस्त या परिवार के सदस्य को दुखी देखते हैं तो आपके मन में उसकी मदद करने का विचार आता होगा। आप ज़रूर ही उसे अपना करीबी मित्र जानकर सलाह भी देते होंगे। सलाह देना बहुत अच्छी बात है किंतु यह आशा करना की वह वैसे ही करे जैसा आपने कहा सही नही है क्योंकि यह केवल आपको ठेस पहुंचाता है। क्योंकि लोग करते वही हैं जो उनका मन कहता है इसलिए व्यर्थ उम्मीदें न करें और बेहतर तो यह होगा की दुसरो के झंझटों से खुद को दूर ही रखें।