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World Stroke Day : 29 अक्टूबर को है विश्व स्ट्रोक दिवस, ये गड़बड़ आदतें आप में भी बढ़ा सकती हैं स्ट्रोक का खतरा

स्ट्रोक एक गंभीर समस्या है जो दुनियाभर में कई लोगों को प्रभावित करती है। बदलती जीवनशैली और खानपान की आदतों का असर अब हमारी सेहत पर भी पड़ने लगा है जिसकी वजह से लोग कई समस्याओं का शिकार होते जा रहे हैं।

World Stroke Day :  कितने तरह के होते हैं स्ट्रोक, जानें इसके लक्षण और कारण


स्ट्रोक एक गंभीर समस्या है जो दुनियाभर में कई लोगों को प्रभावित करती है। बदलती जीवनशैली और खानपान की आदतों का असर अब हमारी सेहत पर भी पड़ने लगा है जिसकी वजह से लोग कई समस्याओं का शिकार होते जा रहे हैं।

 

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स्ट्रोक का खतरा –

भारत में हर साल 18 लाख से अधिक लोग ब्रेन स्ट्रोक के शिकार हो रहे हैं। इसकी वजह ध्यान न देने के कारण ठीक होने वाले लोगों में से ही एक चौथाई लोगों में इसके दोबारा होने की आशंका बढ़ जाती है।  वर्ल्ड स्ट्रोक ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार स्ट्रोक ब्रेन अटैक दुनिया में विभिन्न रोगों से होने वाली मौतों का दूसरा सबसे बड़ा कारण होता है। आज हमारी लाइफस्टाइल की कई गड़बड़ आदतों के कारण स्ट्रोक होने का जोखिम और भी अधिक हो गया है। हमारे शारीरिक निष्क्रियता, पर्याप्त शारीरिक गतिविधि न करने से अन्य स्वास्थ्य स्थितियों के साथ स्ट्रोक का भी खतरा रहता है। इसके अलावा मोटापा, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल और मधुमेह जैसी बीमारियों के शिकार लोगों में इसका जोखिम और भी बढ़ जाता है।

 

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स्ट्रोक के तीन तरह के होते है –

स्ट्रोक के मुख्य रूप से तीन तरह के होते हैं, जिसमें ट्रांसिएंट इस्कीमिक स्ट्रोक, इस्कीमिक स्ट्रोक और हेमरेजिक स्ट्रोक शामिल हैं। आइए जानते हैं इन तीनों से जुड़ी सभी जरूरी बातें-

इस्कीमिक स्ट्रोक  –

यह स्ट्रोक का सबसे आम प्रकार का होता है। यह स्थिति तब होती है, जब ब्रेन के ब्लड वेसल्स संकुचित या बाधित हो जाते हैं, जिससे ब्लड फ्लो गंभीर रूप से कम हो जाता है। बाधित या संकुचित होने की वजह से ब्लड वेसल्स में फैट या फिर रक्त के थक्के जमने लगते हैं, जिससे ब्रेन में ब्लड फ्लो काफी कम हो जाता है।

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ट्रांसिएंट इस्कीमिक स्ट्रोक –

ट्रांसिएंट इस्केमिक अटैक TIA को वॉर्निंग या मिनिस्ट्रोक भी कहा जाता हैं। अगर कोई भी चीज जो आपके दिमाग में ब्लड फ्लो को अस्थायी रूप से बाधित करती है,तो टीआई का कारण बन जाती है। खून का थक्का और टीआई के लक्षण थोड़े समय के लिए ही रहते हैं।

हेमरेजिक स्ट्रोक –

हेमरेजिक स्ट्रोक तब होता है, जब ब्रेन में ब्लड वेसल लीक होने लगती है या फट जाती है। ब्रेन में ब्लीडिंग कई स्थितियों की वजह से हो सकती है, जो रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करती हैं। रक्तस्रावी स्ट्रोक इन कारणों से हो सकता है-

अनियंत्रित हाई ब्लड प्रेशर

खून को पतला करने वाली दवाओं का ज्यादा इस्तेमाल

ब्लड वेसल की दीवारों में कमजोर जगहों पर उभार होना (एन्यूरिज्म)

ट्रामा जैसे कार दुर्घटना

इस्केमिक स्ट्रोक भी हेमरेज का कारण बनता है

स्ट्रोक होने के प्रमुख कारण क्या है –

हाई ब्लड प्रेशर-  हाई ब्लड प्रेशर ब्रेन स्ट्रोक का प्रमुख कारण है।

एट्रियल फिब्रिलेशन-  अनियमित दिल की धड़कन से खून के थक्के और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

धूम्रपान और शराब-  खराब जीवनशैली और शराब-धूम्रपान की आदत भी स्ट्रोक के जोखिम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

डायबिटीज-  हाई ब्लड शुगर का लेवल ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाता है, जिससे स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है।

पारिवारिक इतिहास-  स्ट्रोक का पारिवारिक इतिहास इसके जोखिम को बढ़ा सकता है।

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