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World Kindness Day 2022: वर्ल्ड काइंडनेस डे पर जानें ऐसी काइंडनेस स्टोरी के बारे में जिन्हें सुनकर आपके मुंह से भी निकले ‘WOW’

World Kindness Day 2022: जाने क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड काइंडनेस डे


World Kindness Day 2022: पूरी दुनिया में 13 नवंबर को वर्ल्ड काइंडनेस डे मनाया जाता है। इसका मतलब है कि इस दिन किसी के लिए कुछ करने, दया दिखाने और किसी को अपने काम से खुश करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन को लोग दुनिया भर में किसी न किसी के प्रति अपनी दया भाव दिखा कर मनाते हैं। दया का मतलब है कि बिना उम्मीद किए उन लोगों की मदद करना जिनसे हमें वापसी में भी मिलना या फिर कहें जो हमें कुछ भी देने के लायक नहीं होते। अगर हम किसी ऐसे व्यक्ति की मदद करते हैं जो हमें बदले में कुछ नहीं दें सकते तो उस मदद की बाद हम एक अलग ही शांति और खुशी महसूस करते हैं। तो चलिए आज हम आपको वर्ल्ड काइंडनेस डे पे ऐसे ही कुछ चीजों के बारे में बताते है जिन्हें कर के आपको अंदर से एक अलग तरह का सुकून और शांति मिलेगी।

Be Kind

मिलकर रहने से बड़ी से बड़ी चुनौती भी दूर हो सकती है:  एक जंगल में बहुत सारे सुंदर-सुंदर हिरण रहा करते थे। जिनमें से एक का नाम सुरीली था। उसकी एक पांच महीने की बेटी मृगनैनी भी थी। मृगनैनी हमेशा अपनी मां के साथ जंगल में घूमा करती थी। एक दिन मृगनैनी अपनी मां के साथ घूम रही थी उसी दौरान वहां दो गीदड़ आ गए, और दोनों गीदड़ मृगनैनी को मार कर खाना चाहते थे मृगनैनी की मां सुरीली ने दोनों गीदड़ को अपने सिंघ से मार कर रोकने की कोशिश की लेकिन वो रोक न पाई। लेकिन तभी वहां अचानक ढेर सारे हिरनी का झुंड आ गया, और सभी हिरन गीदड़ के पीछे दौड़ने लगे। देखते ही देखते गीदड़ वहां से रफूचक्कर हो गया।

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मोरल: एक साथ मिल कर रहने से बड़ी से बड़ी चुनौती भी दूर हो सकती है।

सच्ची मित्रता

सच्ची मित्रता: एक जंगल में दो बलशाली शेर सूरसिंह और सिंहराज रहते थे। सुरसिंह अब बूढ़ा हो गया था। जिसके कारण वह अधिक शिकार नहीं कर पाता था। इसलिए सिंहराज उसके लिए शिकार करता और भोजन लेकर आता था। सिंहराज जब भी शिकार पर निकलता तो सूरसिंह अकेला हो जाता, और उसके बाद कोई भी जानवर डर के मारे उसके पास नहीं जाते थे। एक दिन सुरसिंह को अकेला देख सियार का एक झुंड उस पर टूट पड़ा। आज सियार को बड़ा शिकार मिल गया था। चारों तरफ से सियारों ने सुरसिंह को नोच नोच कर जख्मी कर दिया था। जिसके कारण वह बेहोश की हालत में हो गया। वही दूसरी तरफ से अचानक सिंहराज वहां दहाड़ता हुआ आ गया। सिंहराज को अपने पास आते देख कर सभी सियारों के प्राण सूखने लगे। और सभी लोग सिंहराज को देख कर रफूचक्कर हो गए जिसके कारण सुरसिंह की जान बच गई।

मोरल: सच्ची मित्रता सदैव काम आती है। इसलिए कहा जाता है जीवन में सच्चे मित्र का होना बहुत आवश्यक है।

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