लाइफस्टाइल

काम करें समझदारी से या परिश्रम से

समझ बनाम परिश्रम


कार्य करना आवश्यक है क्योंकि यह हमें सफलता के नए स्तर तक पहुँचाता हैं। इससे हमें ज़िन्दगी में आगे बढ़ने का अवसर मिलता है और आगे बढ़ना तो सफलता के लिए ज़रूरी है ही। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि काम का कौन सा प्रकार आपको असल में सफलता के नए स्तर पर पहुँचा सकता है-मेहनत से किआ गया या फिर समझदारी से किआ गया। मेहनत से किया गया कार्य अर्थात् कोई भी कार्य बिना ज्ञान या नए विचार लगाए बिना किआ जाए और समझदारी से किआ गया कार्य अर्थात् ऐसा कार्य जिसे नए तरीक़े के विचारों से किआ जाए। दोनो की अपनी अलग विशेषताएँ हैं।

आज हम अपना जीवन ऐसे युग में जी रहे हैं जब किसी के पास समय नही है और हमें ख़ुद की क़ाबिलियत साबित करने के लिए भी बहुत सारा टाइम नही मिल सकता। इसमें कोई शक नहीं है की हमें परिश्रम अवश्य ही करना चाहिए परंतु बिना समझ के किआ गया परिश्रम केवल व्यर्थ है। इसलिए समझ हर कार्य में ज़रूरी है।

परिश्रम ही सफलता की कुंजी है
परिश्रम ही सफलता की कुंजी है
  • इससे आपका समय बचता है और आप उस बचे हुए समय में बाक़ी काम भी के सकते हैं।
  • इससे आप अपना लक्ष्य आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
  • इससे आपकी समाज में भी पहचान बढ़ती है।
  • यह समय की एक बहुत बड़ी माँग है क्योंकि हम सभी की जीवनशैली व्यस्त है जिसमें समझ से काम लेना अनिवार्य है।

परिश्रम से किए गए कार्य में अत्यधिक समय लगता है। इसके बाद आपके अंदर कोई और कार्य करने की क्षमता नही बचती। इसमें आपका शारीरिक परिश्रम तो होता है किंतु मस्तिष्क का परिश्रम नही हो पाता। ऐसा हो सकता है की इससे आपको अपने कार्य का उत्तम नतीजे मिल पाए। समझ से किए गये कार्य आसान भी होते हैं और उनका फल भी अच्छा ही मिलता है। हम यह भी कह सकते हैं की कुछ क्षेत्र में परिश्रम ज़रूरी है और कुछ में समझ।

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