Virgin Crocodile Birth: बिना नर के गर्भवती हुई मादा घड़ियाल, 16 साल से रह रही थी अकेले
पहली बार एक मादा मगरमच्छ ने बिना नर से संबंध बनाए अंडे दिए। इस तरह की हैरान करने वाली घटना से वैज्ञानिक परेशान हैं। वो मगरमच्छ के जेनेटिक इवोल्यूशन की स्टडी कर रहे हैं।
Virgin Crocodile Birth: विशेषज्ञों से जाने कैसे हुआ ये चमत्कार
Virgin Crocodile Birth: क्या कोई मादा जीव बिना नर से संबंध बनाए गर्भवती हो सकती है। ऐसा हुआ है। पहली बार एक मादा मगरमच्छ ने बिना नर से संबंध बनाए अंडे दिए। इस तरह की हैरान करने वाली घटना से वैज्ञानिक परेशान हैं। वो मगरमच्छ के जेनेटिक इवोल्यूशन की स्टडी कर रहे हैं।
हमने अभी तक कहानियों में सुना या पढ़ा है कि बिना मेल पार्टनर के कोई फिमेल पार्टनर गर्भवती हो जाएं। लेकिन क्या सच में ऐसा होना संभव है? दुनियाभर के वैज्ञानिक इस तरह की कोई विधि तलाशने में जुटे हुए हैं, लैब में बच्चे पैदा करने तक की बात हो रही है।
इसी बीच कोस्टा रिका के चिड़ियाघर में एक मादा घड़ियाल अजूबा बनकर सामने आई है। कहा जा रहा है कि बिना मेल पार्टनर के वह गर्भवती हो गई. उसने अंडे भी दिए, एक तो पूरा भ्रूण था, जो जेनेटिक रूप से अपनी मां के समान था। साइंटिस्ट यह देखकर हैरान हैं और इनमें उन्हें फ्यूचर नजर आ रहा है।
बिना नर मगरमच्छ के गर्भवती हुई मादा मगरमच्छ
फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, आमतौर पर किसी अंडे को भ्रूण बनने के लिए स्पर्म की आवश्यकता होती है। उसके बिना भ्रूण बनना संभव ही नहीं। लेकिन कोस्टा रिका के एक चिड़ियाघर में 16 साल से अकेले रह रही मादा मगरमच्छ बिना स्पर्म के ही प्रेग्नेंट हो गई।
2018 में उसने 14 अंडे दिए। इनमें से 7 अंडे भ्रूण बनने के लायक थे। तीन महीने तक सेने के बाद इनमें से 6 नष्ट हो गए। लेकिन एक पूरी तरह बचा हुआ था, जिससे मगरमच्छ के बच्चे का पता चला। जब गहराई से इसकी छानबीन हुई तो पता चला कि यह भ्रूण बिल्कुल उस मादा मगरमच्छ की तरह था। जेनेटिक रूप से भी वह अपनी मां के समान नजर आ रहा था।
कैसे होता है पार्थेनोजेनेसिस बच्चा
जेनेटिक स्टडी से पता चला कि मगरमच्छों में वर्जिन बर्थ (Virgin Births) की काबिलियत होती है। इसे पार्थेनोजेनेसिस कहते हैं। यानी गर्भधारण की ऐसी प्रक्रिया कितनी पुरानी है। कितने वर्षों से मगरमच्छ या उनके पूर्वज यानी डायनासोर इस तरह से बच्चे पैदा कर रहे हैं। क्या यह गर्भधारण की कोई प्राचीन प्राकृतिक रणनीति है, जिसमें नर की जरुरत न हो। अब वर्जिन बर्थ मगरमच्छों में भी दर्ज कर ली गई। इसके पहले हो सकता है कि यह प्रक्रिया डायनासोर भी करते रहे हों। मगरमच्छ और पक्षी असल में आर्चोसॉरस की वर्तमान पीढ़ी के रिप्रोडेक्शन सिस्टम का पता चलता है। आमतौर पार्थेनोजेनेसिस वह प्रक्रिया है, जिसमें मादा अकेले ही बच्चे पैदा करती है। उसे गर्भधारण करने के लिए नर के वीर्य की जरुरत नहीं होती।
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आपको बता दें कि पौधे और बिना रीढ़ की हड्डी वाले जीव अक्सर यह प्रक्रिया करते हैं। रीढ़ की हड्डियों वाली 80 प्रजातियों में भी यह क्षमता पाई गई है। जैसे- छिपकलियां, सांप शार्क, रे आदि। लेकिन ये तभी होता है जब मादा को कहीं पर बांध कर रखा जाए। या फिर चिड़ियाघर में अकेला छोड़ दिया जाए। जहां नर से उनका संपर्क न हो।