Rudraksh Importance : जाने क्यों पहना जाता है रुद्राक्ष? किन किन लोगों के लिए होता है लाभदायक
Rudraksh Importance : जाने कितने प्रकार के होते है रुद्राक्ष और क्या है उनका लाभ? जाने विधि और नियम
- जाने शिव को क्यों अति प्रिय होता है रुद्राक्ष।
- जाने रुद्राक्ष का महत्व।
- रुद्राक्ष पहनने के दौरान आपको किन बातों का रखना चाहिए विशेष ध्यान।
- जाने कैसे हुई थी रुद्राक्ष प्राप्ति?
Rudraksh Importance : हमारे हिन्दू शास्त्रों में रुद्राक्ष को काफी ज्यादा महत्व दिया जाता है। मान्यता है कि रुद्राक्ष भगवान शिव को अति प्रिय है। इसी कारण जो भी लोग रुद्राक्ष धारण करते है उन पर भगवान की विशेष कृपा बनी रहती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है। यही कारण है कि रुद्राक्ष को चमत्कारी और अलौकिक माना जाता है। क्या आपको पता है रुद्राक्ष एक मुखी से लेकर इक्कीस मुखी तक होते हैं? जिनके अपने- अपने महत्व होते है। माना जाता है कि अगर कोई भी व्यक्ति रुद्राक्ष को सभी नियम और विधि के अनुसार पहन लें तो वह हर तरह के संकटों से छुटकारा पा लेता है और उसकी कुंडली में ग्रहों की स्थिति भी सही हो जाती है। तो चलिए आज हम आपको बताते है कि रुद्राक्ष पहनने से पहले आपको कौन से नियम जानना बेहद जरूरी है जिनके आधार पर आपको पूर्ण फल प्राप्त होगा।
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जाने कैसे हुई थी रुद्राक्ष प्राप्ति?
हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जब माता सती ने खुद को अग्नि में प्रवेश कराकर अपने शरीर का त्याग कर दिया था तब भगवान शिव ने रुदन रूप धारण कर लिया था इस दौरान उनके रुदन से निकले आंसू पृथ्वी पर कई जगह पर गिरे और उनके ही हमें रुद्राक्ष के रूप में एक चमत्कारी तत्व की प्राप्ति हुई थी।
रुद्राक्ष पहनने के दौरान आपको किन बातों का रखना चाहिए विशेष ध्यान
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1. जब भी कोई व्यक्ति रुद्राक्ष धारण करता है तो उससे रुद्राक्ष धारण करते समय रुद्राक्ष मंत्र और रुद्राक्ष मूल मंत्र का 9 बार जाप करना चाहिए। इतना ही नहीं व्यक्ती को सोने से पहले और रुद्राक्ष को हटाने के बाद भी इन मंत्रों को दोहराना चाहिए। अगर आप कभी भी रुद्राक्ष को एक निकालते है तो आपको उससे निकालने के बाद पवित्र स्थान पर रखना चाहिए जहां आप पूजा करते है।
2. आपको बता दें कि रुद्राक्ष को तुलसी की माला की तरह ही पवित्र माना जाता है। इस लिए ही आपको इसे धारण करने के बाद मांस-मदिरा से दूरी बना लेनी चाहिए।
3. हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रुद्राक्ष को पहन कर कभी भी श्मशान घाट पर नहीं जाना चाहिए। इसके साथ ही साथ अगर किसी के घर पर नवजात बच्चे का जन्म होता है तो भी आपको वहां रुद्राक्ष पहन कर नहीं जाना चाहिए। इतना ही नहीं इसके साथ ही बता दें महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए।
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4. आपको कभी भी रुद्राक्ष को बिना नहाए नहीं छूना चाहिए। नहाने के बाद ही आपको इससे शुद्ध करके ही धारण करना चाहिए। साथ ही आपको रुद्राक्ष धारण करते समय भगवान शिव का मनन करना चाहिए। इसके साथ ही शिव मंत्र ‘ऊँ नम: शिवाय’ का जाप करते रहें। क्या आपको पता है आपको रुद्राक्ष को हमेशा लाल या फिर पीले रंग के धागे में ही पहनना चाहिए। कभी भी इसे काले रंग के धागे में नहीं पहनना चाहिए। क्योंकि इससे आप पर अशुभ प्रभाव पड़ सकता है।
5. अगर अपने रुद्राक्ष माला को धारण कर लिया है तो इसे किसी और को बिल्कुल न दें। इसके साथ ही साथ दूसरे की दी गई रुद्राक्ष को भी बिल्कुल धारण न करें। रुद्राक्ष को आपको हमेशा साफ रखना चाहिए। रुद्राक्ष के मनके के छिद्रों में धूल और गंदगी जम सकती है। इसलिए जितनी बार हो सके इन्हें साफ करें। अगर आपके रुद्राक्ष का धागा गंदा हो जाएं या फिर टूट जाएं तो आपको इससे बदल देना चाहिए। रुद्राक्ष की सफाई करने के बाद रुद्राक्ष आपको इससे गंगाजल से धो लेना चाहिए। वह उसकी पवित्रता बनाए रखने में मदद करता है।