प्रोटीन की कमी से अनेक तरह के दुष्प्रभाव, जानिए विशेषज्ञ क्या कहते हैं: National Protein Day 2024
एक स्वस्थ और शारीरिक रूप से सक्रिय व्यक्ति के लिए एक ग्राम प्रति किलोग्राम वजन के हिसाब से प्रोटीन की आवश्यकता होती है। उदाहरण के तौर पर, अगर कोई 60 किलोग्राम का व्यक्ति है, तो उसे 50 से 60 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है।
National Protein Day 2024: जानिए हेल्दी बॉडी के लिए कितने जरूरी है प्रोटीन, हर आयु वर्ग के लिए अलग-अलग जरूरत
National Protein Day 2024: शरीर की आंतरिक कार्यप्रणाली और मांसपेशियों की मजबूती के लिए संतुलित मात्रा में प्रोटीन आवश्यक है। हालांकि, आजकल जिस तरह से सप्लीमेंट, पाउडर आदि के रूप में प्रोटीन का असंतुलित सेवन बिना चिकित्सकीय परामर्श के बढ़ रहा है, खासकर बॉडी बिल्डिंग के लिए, उससे फायदा कम नुकसान की अधिक आशंका रहती है। ऐसे में प्रोटीन का निर्धारित मात्रा में ही सेवन होना चाहिए।
प्रोटीन से बनता है शरीर
प्रोटीन को बॉडी बिल्डिंग ब्लॉक्स माना जाता है। इससे शरीर का निर्माण होता है, इसलिए इसका अलग-अलग रूपों में सेवन आवश्यक होता है। शरीर के हार्मोन, एंजाइम आदि सभी में प्रोटीन होता है, यानी प्रोटीन के बिना तो जिंदगी की कल्पना ही नहीं की जा सकती। लेकिन, यह भी ध्यान रखना है कि किसी भी चीज की अति होने से स्वाभाविक रूप से उसका दुष्प्रभाव भी होता है।
प्रोटीन की कमी से अनेक तरह के दुष्प्रभाव
हार्मोन, एंजाइम में प्रोटीन होता है और मांसपेशियों व ऊतकों (टिश्यूज) का भी प्रोटीन से निर्माण होता है, ऐसे में अगर प्रोटीन की कमी हो जाए, तो अनेक तरह की दिक्कतें आने लगती हैं। पूरा शरीर कमजोर पड़ने लगता है। खासकर, मांसपेशियों पर प्रोटीन की कमी का बहुत बुरा असर होता है।
हर आयु वर्ग के लिए अलग-अलग जरूरत
आमतौर पर एक स्वस्थ और शारीरिक रूप से सक्रिय व्यक्ति के लिए एक ग्राम प्रति किलोग्राम वजन के हिसाब से प्रोटीन की आवश्यकता होती है। उदाहरण के तौर पर, अगर कोई 60 किलोग्राम का व्यक्ति है, तो उसे 50 से 60 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है। हालांकि, प्रोटीन लेते समय यह भी ध्यान रखना है कि जीवनशैली किस तरह की है। अगर कोई मजदूरी कर रहा है और कोई बैठकर काम कर रहा है, तो दोनों की जरूरतें अलग-अलग होंगी। प्रोटीन आवश्यक मात्रा में और चिकित्सकीय निर्देशानुसार ही लेना चाहिए।
प्रोटीन प्राप्त करने के विकल्प
अगर पर्याप्त ढंग से भोजन के जरिये शरीर को प्रोटीन की आपूर्ति नहीं हो पा रही है, तो सप्लीमेंट का एक विकल्प रहता है। जिन्हें कोई बीमारी या भूख कम लगने जैसी समस्याएं हैं, तो वे सप्लीमेंट के जरिये प्रोटीन की भरपाई कर सकते हैं। जो लोग बॉडी बिल्डिंग या वेटलिफ्टिंग के लिए अत्यधिक और अनियंत्रित प्रोटीन ले रहे हैं, उससे शरीर को नुकसान हो सकता है। कई बार तो लोग खुद से ही प्रोटीन लेना शुरू कर देते हैं। इससे किडनी, लिवर आदि से जुड़ी समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है।
प्लांट बेस्ड प्रोटीन
प्लांट बेस्ड प्रोटीन में टोफू, टेम्पेह, नट और वेजिटेरियन सीड्स शामिल हैं। अगर आप शाकाहारी हैं तो आपके लिए यह बेस्ट ऑप्शन हो सकता है। इनमें फाइबर और अन्य पोषक तत्वों की मात्रा ज्यादा होती है।
अंडे को न करें अनदेखा
अंडा प्रोटीन का अच्छा सोर्स है। इसके के साथ ही इसमें विटामिन डी, विटामिन बी 12 और कोलीन भी अच्छी-खासी मात्रा में पाई जाती है। अंडे को अपनी डाइट में कई तरह से शामिल कर सकते हैं। इसे आप बॉयल कर खा सकते हैं, तल कर इस्तेमाल कर सकते हैं, ऑमलेट के तौर पर भी यूज कर सकते हैं।
डाइट को बैलेंस बनाएं
आप जो भी खाते हैं, उसे बैलेंस तौर पर ही खाएं। खाना बनाते समय ध्यान रखें कि उसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और हेल्दी फैट्स का सोर्स हो। इससे बॉडी को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन मिलेगा और आप हेल्दी बनेंगे।
प्रोटीन की कमी के लक्षण
1. प्रोटीन की कमी होने पर कमजोरी महसूस होने, वजन में गिरावट आने जैसी समस्याएं आ सकती हैं।
2. हड्डियों और मांसपेशियों में क्षय जैसी दिक्कतें होती हैं।
3. सूजन, फैटी लिवर, त्वचा और बालों की समस्या, संक्रमण और प्रतिरक्षा प्रणाली के कमजोर होने जैसी समस्याएं आ सकती हैं।
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