Parenting Tips: बात-बात पर बच्चों को डांट रहे हैं तो हो जाएं सावधान, मेंटल हेल्थ पर पड़ता बुरा असर
Parenting Tips: हमें यह जरूर ध्यान रखना चाहिए कि हम बच्चों से बातचीत के समय किन शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। बच्चा जब गलती करे तो उसे डांटने की बजाय समझाने की कोशिश करें।
Parenting Tips: भूलकर भी न कहें बच्चों से ये बातें, दिमाग पर डालती है बुरा असर
बच्चों को डांटना पेरेंट्स के लिए बहुत ही नॉर्मल सी बात है, लेकिन कई बार उन्हें डांटते वक्त हम यह भूल जाते हैं कि हमारी कही हुई बातों का उनके मन पर कैसा असर पड़ेगा। डांटते वक्त गाली-गलौज करना, दूसरे बच्चों से उनकी तुलना करना, जरूरत से ज्यादा उम्मीदें पालना, सिर्फ उनकी कमियों को लाइमलाइट करन जैसी बातें उनके मन-मस्तिष्क पर नकारात्मक असर डालती हैं। माता-पिता को यह समझना जरूरी है कि हर बच्चा टॉपर व ऑल राउडंर नहीं हो सकता, सबका आईक्यू लेवल एक जैसा नहीं होता।
हमें यह जरूर ध्यान रखना चाहिए कि हम बच्चों से बातचीत के समय किन शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। बच्चा जब गलती करे तो उसे डांटने की बजाय समझाने की कोशिश करें। ल्यूवेन यूनिवर्सिटी की एक स्टडी में पता चला है कि हर छोटी-छोटी बात पर बच्चों को डांटने से बड़े होने पर उनमें डिप्रेशन और कई तरह की मानसिक समस्याएं बढ़ सकती हैं। आइए जानते हैं बार-बार डांट का बच्चों पर क्या असर पड़ता है…
कॉन्फिडेंस में कमी
अगर माता-पिता बच्चों को बात-बात पर डांट लगाते हैं तो इससे बच्चे का कॉन्फिडेंस लेवल कम होता है और उनके आत्म सम्मान में कमी आने लगती है। इसलिए पैरेंट्स को बच्चों को जितना हो सके डांटने से बचना चाहिए।
सामजिक क्षमताओं का कम होना
बच्चों के साथ अगर पैरेंट्स स्ट्रिक्ट से पेश आते हैं तो इसकी वजह से उनकी सामाजिकता कम होती है। उनकी सामाजिक क्षमता पर इसका निगेटिव असर पड़ता है। ऐसे में वे सामाजिक तौर पर काफी कठिनाई महसूस करते हैं।
गुस्सैल स्वभाव
माता-पिता की ज्यादा डांट का असर बच्चों के व्यवहार पर पड़ता है। अगर उन्हें हर छोटी-बड़ी बात पर डांटा जाए तो बच्चे घर में तो कुछ नहीं बोलते लेकिन बाहर उनका गुस्सैल स्वभाव देखने को मिलता है। कई बार तो वे काफी आक्रामक तक हो जाते हैं।
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असफलता स्वीकार नहीं कर पाते
जिन बच्चों को ज्यादा डांट पड़ती है, वे अपनी असफलता स्वीकार नहीं कर पाते हैं। उनके अंदर इतना ज्यादा डर होता है कि असफल होने पर वे गलत कदम तक उठा सकते हैं। अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा कठिनाईयों से मुकाबला करे और हर परिस्थिति में खुद को मजबूत रखे तो उसके साथ अच्छे तरह से व्यवहार करें। उनकी भावनाओं को फ्रीडम दें। हर छोटी-छोटी बात पर डांटने से अच्छा उन्हें प्यार से समझाएं।
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