बिज़नस

TDS Deduction: हर महीने सैलरी से कट रहा आपका टीडीएस, तो ये उपाय आपके लिए है एकदम परफैक्ट

एनपीएस आपके वेतन से टीडीएस कटौती को कम करने का एक शानदार तरीका है। इसमें निवेश करने का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आपकी सेवानिवृत्ति के बाद आपको कुछ हद तक वित्तीय सुविधा मिले। यह आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80CCD के अंतर्गत आता है।

TDS Deduction:टैक्स बचाने के लिए ये तरीके आएंगे आपके काम, आज से ही करें इसमें इन्वेस्ट


TDS Deduction:टीडीएस यानी टैक्स डिडक्शन एट सोर्स आपकी सैलरी से काटे जाने वाला एक टैक्स है। यह प्राप्तकर्ता को भुगतान करते समय भुगतानकर्ता (आपकी कंपनी) द्वारा टैक्स का एक निश्चित प्रतिशत होता है जिसके आपकी सैलरी से काटा जाता है। टीडीएस का मतलब अर्जित वेतन पर देय आयकर से है। आपकी सैलरी से कितना टीडीएस काटा जाएगा यह उस पर निर्भर करता है कि आप किस टैक्स स्लैब रेट के दायरे में आते हैं। इसी के अनुसार आपके वेतन में से टीडीएस नियोक्ता द्वारा काटा जाता है। टीडीएस कटौती आपके टैक्स ब्रैकेट के आधार पर 10 प्रतिशत से 30 प्रतिशत के बीच होती है। लेकिन आज हम आपको बताएंगे की आप टीडीएस को कटने से कैसे बचा सकते हैं या फिर उसे कम कर सकते हैं।

कैसे बचा सकते हैं टीडीएस?

टीडीएस से बचने के लिए आप फॉर्म 15जी या 15एच जमा कर सकते हैं। अगर आप सीनियर सीटिजन है तो आप फॉर्म 15H का उपयोग कर सकते हैं। अगर कुल आय पर कोई टैक्स नहीं है तो इसे जमा किया जा सकता है। इसके अलवा आप विभिन्नि निवेश विकल्पों में निवेश कर आसानी से टैक्स बचा सकते हैं जो टैक्स कटौती के लिए पात्र हैं। चलिए जानते हैं कौन से हैं वो निवेश के विकल्प।

एनपीएस

एनपीएस आपके वेतन से टीडीएस कटौती को कम करने का एक शानदार तरीका है। इसमें निवेश करने का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आपकी सेवानिवृत्ति के बाद आपको कुछ हद तक वित्तीय सुविधा मिले। यह आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80CCD के अंतर्गत आता है।

सुकन्या समृद्धि योजना

सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश यह सुनिश्चित करने का एक अच्छा तरीका है कि आपके वेतन से टीडीएस कटौती कम हो। इस संबंध में आप अधिकतम कर छूट का दावा 1.5 लाख रुपये प्रति वर्ष कर सकते हैं। यह आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80सी के अंतर्गत आता है।

पीपीएफ

वेतन पर टीडीएस कटौती को कम करने के लिए पीपीएफ में निवेश करना एक अच्छा तरीका है। यह एक सरकारी योजना है जो आपको छोटी रकम बचाने और उस पर रिटर्न भी देने की सुविधा देती है। यह आपको धारा 80सी के तहत कर कटौती का दावा करने में भी मदद करता है।

पहली बार होम लोन पर भी बचेगा टीडीएस

धारा 80 ईई की बदौलत यदि आप अपने जीवन में पहली बार लोन पर घर खरीदते हैं तो आप वेतन पर टीडीएस बचा सकते हैं। इस मामले में आपको अधिकतम कर छूट एक वर्ष में दो लाख रुपये तक ले सकते हैं।

Read More: Active Vs Passive Investment: जानिए क्या है एक्टिव फंड्स और पैसिव फंड्स में अंतर, आज ही समझ लें ये दोनों टर्म

ऑनलाइन टीडीएस ऐसे करें चेक

1. सबसे पहले /www.incometaxindiaefiling.gov.in/home पर जाकर Register Yourself के विकल्प का चयन करें।

2. PAN में दर्ज डिटेल के आधार पर सारी जानकारी दर्ज करें और पासवर्ड जेनरेट करें।

3. यूजर आईडी (आपका पैन नंबर) और पासवर्ड के जरिए अकाउंट को लॉगिन करें।

4. लॉगिन के बाद View Tax Credit Statement (26 AS) का विकल्प दिखेगा।

5. View Tax Credit Statement (26 AS) ऑप्शन पर क्लिक करने के बाद एक दूसरी वेबसाइट पर पहुंच जाएंगे।

6. अन्य वेबसाइट TRACES (TDS Reconciliation Analysis and Correction Enabling System) है।

7. इस वेबसाइट पर आपको TDS से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी मिल जाएगी।

अगर आपके पास भी हैं कुछ नई स्टोरीज या विचार, तो आप हमें इस ई-मेल पर भेज सकते हैं info@oneworldnews.com

Back to top button