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National Artist Atang: राष्ट्रीय कलाकार Atang de la Rama की जयंती 2026: फिलीपींस की सांस्कृतिक प्रतीक

National Artist Atang, फिलीपींस की कला और संस्कृति के इतिहास में कुछ नाम ऐसे दर्ज हैं जो न सिर्फ अपने समय को बदलते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा बन जाते हैं।

National Artist Atang : संगीत और थिएटर की महान कलाकार Atang de la Rama की 2026 जन्म जयंती विशेष

National Artist Atang, फिलीपींस की कला और संस्कृति के इतिहास में कुछ नाम ऐसे दर्ज हैं जो न सिर्फ अपने समय को बदलते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा बन जाते हैं। अटांग डे ला रामा (Atang de la Rama) ऐसा ही एक महान नाम है—एक ऐसी कलाकार जिन्होंने ओपेरा, संगीत, नृत्य और थिएटर की दुनिया में अपनी अमिट छाप छोड़ी। 2026 में उनकी जन्म जयंती मनाते हुए विश्वभर में कला प्रेमी उनकी याद और योगदान को सम्मान देते हैं। अटांग डे ला रामा को फिलीपींस में National Artist for Theater and Music की उपाधि दी गई थी, जो यह दर्शाता है कि उनका योगदान सिर्फ अदाकारी तक सीमित नहीं था बल्कि उन्होंने कला को जनसरोकारों से जोड़ा और देश के सांस्कृतिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

अटांग डे ला रामा कौन थीं?

अटांग डे ला रामा का जन्म 28 जनवरी 1902 को हुआ था। बचपन से ही उन्हें संगीत, अभिनय और नृत्य की दुनिया से गहरा लगाव था। मात्र पाँच वर्ष की उम्र में उन्होंने पहली बार मंच पर कदम रखा और धीरे-धीरे थिएटर और पारंपरिक फिलीपीनी कला का एक चमकता सितारा बन गईं। वह अपने समय की सबसे प्रमुख संगीतशास्त्री, गायिका, नृत्यांगना और अभिनेत्री थीं। अटांग विशेष रूप से फिलीपींस की लोक संस्कृति, “कुंडिमन” गीतों और ओपेरा कला को लोकप्रिय बनाने के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने न सिर्फ स्थानीय रंगमंच को ऊंचाई दी बल्कि उन कलाकारों की प्रेरणा बनीं जो मंच को सामाजिक परिवर्तन का माध्यम मानते हैं।

ओपेरा और थिएटर की दुनिया की चमकती कलाकार

अटांग डे ला रामा को फिलीपींस की ओपेरा क्वीन (Queen of Kundiman and Sarswela) भी कहा जाता है। उन्होंने स्थानीय थिएटर शैली “सार्सुएला (Sarswela)” को जीवित रखने और उसे नई पहचान देने में प्रमुख भूमिका निभाई।

उनके कुछ प्रमुख नाट्य और संगीत योगदान:

  • “Dalagang Bukid” — यह उनका सबसे प्रसिद्ध नाटक और फिल्म रूपांतरण दोनों में बेहद लोकप्रिय रहा। इसमें उनका अभिनय और गायकी आज भी याद की जाती है।
  • “Paglipas ng Dilim”
  • “Ang Kiri”
  • “Beloved Land”

उन्होंने इन प्रस्तुतियों के माध्यम से सामाजिक मुद्दों, प्रेम, देशभक्ति और मानव भावनाओं को कलात्मक रूप देकर दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बनाई।

फिलीपींस की पारंपरिक कला की संवाहक

अटांग डे ला रामा सिर्फ कलाकार नहीं थीं, बल्कि संस्कृति की संरक्षक थीं। उन्होंने फिलीपींस के पारंपरिक संगीत और नृत्य को संरक्षित करने और उसे युवा कलाकारों तक पहुंचाने का मिशन अपनाया। उन्होंने विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों, छोटे शहरों और दूरस्थ समुदायों में प्रदर्शन करके इस बात को सुनिश्चित किया कि कला सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित न रहे। उनकी यह सोच उन्हें आम जनता के दिलों के और भी करीब ले आई।

संगीत में योगदान

अटांग कुंडिमन फिलीपींस के पारंपरिक प्रेमगीत की विशेषज्ञ गायिका थीं। उनकी गायकी में स्वच्छ स्वर, भावनात्मक अभिव्यक्ति और संस्कृति का गहरा नाद सुनाई देता था। उनकी जानी-मानी कुंडिमन प्रस्तुतियों में शामिल हैं:

  • “Nasaan Ka Irog”
  • “Mutya ng Pasig”
  • “Madaling Araw”

इन गीतों को अटांग की आवाज ने ऐसा जीवन दिया कि वे आज भी फिलीपींस के सांस्कृतिक इतिहास का अभिन्न हिस्सा बने हुए हैं।

राष्ट्रीय कलाकार की उपाधि

फिलीपींस सरकार ने अटांग के कला योगदान और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखने के उनके प्रयासों को देखते हुए उन्हें National Artist for Theater and Music की सर्वोच्च उपाधि से सम्मानित किया। यह सम्मान उनके लंबे, संघर्षपूर्ण और प्रेरणादायक कलात्मक सफ़र की मुहर था।

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जन्म जयंती 2026 का महत्व

2026 में अटांग डे ला रामा की जन्म जयंती मनाना मात्र एक स्मरण दिवस नहीं, बल्कि उनके योगदान को नई पीढ़ी तक पहुँचाने का अवसर भी है। डिजिटल युग में जहां आधुनिक संगीत और अभिनय तेज़ी से बदल रहे हैं, वहाँ अटांग जैसे कलाकारों की विरासत युवाओं को यह याद दिलाती है कि कला की जड़ें संस्कृति, इतिहास और समर्पण में होती हैं।

इस वर्ष उनकी जन्म जयंती पर:

  • कई सांस्कृतिक कार्यक्रम,
  • संगीत समारोह,
  • थिएटर प्रस्तुतियाँ,
  • और डॉक्यूमेंट्री स्क्रीनिंग्स

आयोजित की जाती हैं, ताकि लोग उनके जीवन और उपलब्धियों को करीब से जान सकें।

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अटांग का प्रभाव और आज की पीढ़ी पर असर

अटांग डे ला रामा की कला आज भी नई पीढ़ी के कलाकारों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

  • उन्होंने यह साबित किया कि कला सामाजिक बदलाव लाने का सशक्त माध्यम है।
  • उनके गीतों और नाटकों में सामान्य जीवन की भावनाएँ थीं, इसलिए उनकी लोकप्रियता सीमाओं से परे चली गई।
  • उन्होंने महिला कलाकारों के लिए राह आसान बनाई—अपने समय में एक महिला के लिए थिएटर और ओपेरा मंच पर संघर्ष करना आसान नहीं था, लेकिन अटांग ने यह कर दिखाया।

उनकी ऊर्जा, समर्पण और साहस आज भी नाटककारों, गायकों और मंच कलाकारों को प्रेरित करता है। अटांग डे ला रामा सिर्फ एक कलाकार नहीं थीं वे फिलीपींस की सांस्कृतिक आत्मा थीं। उनकी कला ने एक युग को आकार दिया और ऐसी पहचान बनाई जो आने वाली सदियों तक कायम रहेगी। 2026 में उनकी जन्म जयंती हमें यह याद दिलाती है कि सच्ची कला समय की सीमाओं से परे होती है।

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