प्रेम विवाह बनाम तय विवाह
क्या माता पिता द्वारा तय विवाह प्रेम विवाह से बेहतर होते हैं?
विवाह दो लोगों के बीच का एक अनूठा बंधन होता है जिससे दो दिल हमेशा के लिए एक दूसरे से जुड़ जाते हैं। हर व्यक्ति अपने लिए उत्तम साथी चुनना चाहता है। प्रेम विवाह में लोग अपना साथी ख़ुद चुनते हैं और माता पिता द्वारा तय विवाह में जीवनसाथी भी माता पिता ही चुनते हैं। जिस तरह हर सिक्के के दो पहलू होते हैं उसी प्रकार दोनो तरह के विवाहों के भी दो पहलू होते हैं। ऐसी कोई वस्तु नही है जिसमे कोई त्रुटि ना हो यहाँ तो फिर भी रिश्तों की बात है। इसलिए कोई भी निष्कर्ष निकालने से पहले आवश्यक है की हम पहले इन विवाहों के दोनो पहलू जान लें।
प्रेम विवाह
- प्रेम विवाह में दोनो व्यक्ति एक दूसरे को पहले से जानते हैं और मिलकर शादी का फ़ैसला लेते हैं।
- भविष्य में आने वाली किसी भी समस्या के लिए जोड़ा स्वयं उत्तरदायी होता है।
- प्रेम विवाह कई बार ऐसी स्तिथि उत्पन्न करते हैं जिसमें विवाहित जोड़े को माता पिता से दूर रहना पड़ता है क्योंकि ये अधिकतर माता पिता की अनुमति के बिना होते हैं।
- यदि किसी कारण से शादी नही चल पाती तो तलाक़ की ही नौबत आती है क्योंकि उन्हें घर से सहयोग नही मिलता
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माता पिता द्वारा तय किए जाने वाले विवाह
- क्योंकि ऐसे विवाहों को परिवार तय करते हैं तो विवाहित जोड़े के साथ घरवालों का सहयोग हमेशा बना रहता है।
- दोनों लोग एक दूसरे को पहले से नही जानते इसलिए उन्हें एक दूसरे को जानने का मौक़ा मिलता है जिससे वे पति पत्नी के साथ दोस्त भी बनते हैं।
- लेकिन ऐसे विवाहों में सामाजिक बंधन कभी कभी समस्या बन जाते हैं
- आज के समाज में सभी व्यक्ति इतने व्यस्त हैं उनके पास एक दूसरे को समझने का वक़्त ही नही है जिससे मन मुटाव पैदा होते हैं।
विवाहों के दोनो प्रकार अपने आप में पूर्णत: भिन्न है। दोनो के सकारात्मक व नकारात्मक पहलू हैं। अपने जीवनसाथी चुनने का फ़ैसला किसी भी मनुष्य का निजी फ़ैसला होना चाहिए। यह सिद्ध नही किआ जा सकता की कौन से विवाह बेहतर हैं परंतु यह सब जानने के बाद हम यह तो कह ही सकते हैं की चाहे प्रेम विवाह हो या तय किए जाने वाले विवाह सफलता कि लिए जो अनिवार्य है वो है विश्वास, साझेदारी, प्रतिबद्धता और निष्ठा।