International Widow Day: महिलाओं का सम्मान, अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस 2025
International Widow Day, हर वर्ष 23 जून को अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस (International Widow's Day) मनाया जाता है।
International Widow Day : अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस का महत्व
International Widow Day, हर वर्ष 23 जून को अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस (International Widow’s Day) मनाया जाता है। International Widow Day का उद्देश्य समाज में विधवाओं की स्थिति पर ध्यान केंद्रित करना, उनकी समस्याओं को उजागर करना और उन्हें उनके अधिकार दिलाने के लिए वैश्विक स्तर पर जागरूकता फैलाना है। International Widow Day न सिर्फ सहानुभूति जताने का अवसर है, बल्कि सामाजिक परिवर्तन की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम भी है।
विधवाओं की स्थिति
विधवाएं समाज के सबसे उपेक्षित और वंचित वर्गों में से एक हैं। विशेषकर विकासशील देशों में, जहां परंपराएं और रूढ़िवादी सोच गहराई तक जमी हुई हैं, वहाँ विधवाओं को अनेक प्रकार की सामाजिक, मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पति की मृत्यु के बाद न केवल वे भावनात्मक रूप से टूट जाती हैं, बल्कि कई बार उन्हें घर से बेदखल कर दिया जाता है, संपत्ति से वंचित कर दिया जाता है और समाज में अपमानित भी किया जाता है। भारत, नेपाल, बांग्लादेश जैसे देशों में विधवा महिलाओं को अब भी शुद्ध या अशुभ मानने की कुप्रथा कायम है। उन्हें त्योहारों, शुभ कार्यों, और सामाजिक समारोहों में हिस्सा लेने से रोका जाता है। कई बार वे जीवनभर सफेद कपड़े पहनने के लिए मजबूर होती हैं और समाज से एक प्रकार का बहिष्कार झेलती हैं।
International Widow Day की शुरुआत
International Widow Day की शुरुआत वर्ष 2005 में “The Loomba Foundation” द्वारा की गई थी, जिसकी स्थापना ब्रिटेन के लॉर्ड राज लोम्बा ने की थी। यह दिन विशेष रूप से उनकी मां पुष्पा लोम्बा को समर्पित था, जो 10 वर्ष की उम्र में विधवा हो गई थीं। वर्ष 2010 में संयुक्त राष्ट्र ने इस दिन को आधिकारिक रूप से मान्यता दी और तब से यह दिन हर साल 23 जून को मनाया जाता है।
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International Widow Day का उद्देश्य
विधवाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक सहायता उपलब्ध कराना समाज में उनके प्रति फैली नकारात्मक सोच को बदलना, उनके अधिकारों की रक्षा के लिए नीति निर्माण और कानूनों को प्रभावी बनाना विधवाओं की आवाज़ को वैश्विक मंच पर स्थान देना।
अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस का महत्व
समाज को यह समझने की आवश्यकता है कि विधवा होना कोई अपराध नहीं है और उन्हें सम्मान, सहानुभूति और बराबरी का हक मिलना चाहिए। सरकारों, गैर-सरकारी संगठनों और समाज को मिलकर कार्य करना होगा ताकि विधवाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जा सके। उन्हें न केवल जीविका के साधन मिलें, बल्कि मानसिक और सामाजिक समर्थन भी मिलना चाहिए।International Widow Day केवल एक दिन नहीं है, यह एक आंदोलन है, एक पुकार है उन लाखों महिलाओं के लिए जो पति की मृत्यु के बाद उपेक्षा और शोषण का शिकार होती हैं।
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