Hindu New year 2022: इस साल कब मनाया जाएगा हिंदू नववर्ष? क्यों होता है हिन्दुओ के लिए दिन खास!
Hindu New year 2022: हिन्दू नववर्ष 2 अप्रैल को, इस दिन से शुरू करें सकते है आप शुभ कार्य।
Highlights –
. 2 अप्रैल को मनाया जाएगा हिंदू नववर्ष
. इस दिन से आरम्भ हो जायेंगे सारे शुभ कार्य
. हिंदू वर्ष की शुरुआत चैत्र मास से होती है और अंत फाल्गुन मास से।
Hindu New Year 2022: हिन्दू नववर्ष इस साल 2 अप्रैल को मनाया जाएगा । हिंदू पंचांग के अनुसार एक साल में 12 मास होते हैं ( चैत्र. वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, अश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ, फाल्गुन) । प्रत्येक मास में 30 दिन होते हैं। हिंदू मास में दो पक्ष होते हैं, एक होता है कृष्ण पक्ष और दूसरा होता है शुक्ल पक्ष। ये दोनों पक्ष चन्द्रमा की गतिविधि पर आधारित होते हैं। कृष्ण पक्ष होता है जब चन्द्रमा घटते क्रम में होता है और शुक्ल पक्ष होता है जब चंद्रमा बढ़ते क्रम में होता है। हिंदू वर्ष की शुरुआत चैत्र मास से होती है और अंत फाल्गुन मास से।
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हिंदू महीनो के नाम नक्षत्रों के नाम के अनुसार रखे गए हैं। किसी भी महीने की पूर्णिमा तिथि को चंद्रमा जिस नक्षत्र में होता है, उसी के आधार पर किसी भी महीने का नाम रखा गया है। मास की पहली तिथि प्रतिपदा होती है। फिर द्वितीया, तृतीया, चतुर्दशी आदि तिथियां आती हैं। इसके बाद पंद्रहवीं तिथि पूर्णिमा या अमावस्या होती है।
हिंदू मान्यता के अनुसार इसी दिन के सूर्योदय से ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना प्रारंभ की और कलयुग का आरंभ इसी दिन से हुआ। इसीलिए ये सृष्टि की रचना का उत्सव है। माना ये भी जाता है कि इसी दिन सम्राट विक्रमादित्य ने राज्य स्थापित किया था। प्रभु श्री राम के राज्याभिषेक का दिन भी यही है।
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भारतीय पंचांग में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को नये साल का शुरूआत माना जाता है। यह गणना विक्रम संवत के अनुसार है, जो इसा पूर्व 57 में आरम्भ हुआ था। युगादी पर्व चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को ही मनाया जाता है। वैसे व्यापारी और फसली वर्ष के मुताबिक अलग – अलग त्योहारों के साथ नया साल मनाने की परंपरा है। लेकिन वैदिक काल से चली आ रही काल गणना पद्धति के मुताबिक, चैत्र में ही वर्ष का आरंभ माना जाता है क्योंकि प्रकृति में नयापन का समतार होता है।
चैत्र मास को नव वर्ष मनाने के कई कारण हैं –
1. पेड़ों में पतझड़ के बाद नये फूल एवं पत्ते का आगमन होता है।
2. नवरात्रि का प्रारंभ इसी दिन से होता है।
3. रवि फसल का आगमन भी चैत्र मास से प्रारंभ हो जाता है। अर्थात यह फसल पकने का समय होता है।
4. शरद ऋतु समाप्त होती है और ग्रीष्म ऋतु शुरू होती है। अर्थात इस समय सुहावना मौसम होता है।
5. वसंत ऋतु होने के साथ – साथ मौसम बहुत सुहावना होता है एवं बीमारियां बहुत कम होती है।
इन सबके साथ ये भी माना जाता है कि अगर आप किसी शुभ कार्य को प्रारंभ करना चाहते हैं तो यह बहुत अच्छा समय होता है।
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