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First Day of Durga puja: जानें नवरात्रि के पहले दिन, पूजा सामग्री, शुभ मुहूर्त, मंत्र और प्रसाद के बारे में…

First Day of Durga puja: नवरात्रि के पहले दिन होती है माँ शैलपुत्री की पूजा


First Day of Durga puja: आज से शुरू हुई है शारदीय नवरात्रि और आज है शारदीय नवरात्रि का पहला दिन। आपको बता दें कि शारदीय नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की उपासना की जाती है। इसी दिन कलश स्थापना भी की जाती है। जिसे कई लोग घटस्थापना भी कहते है। नवरात्रि के पहले दिन कई लोग जौ बोने के साथ-साथ अखंड ज्योति भी जलाते हैं।  आपको बता दें कि हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। क्या आपको पता है वैसे तो हमारे देश में नवरात्रि चार बार आती है लेकिन  चैत्र और शारदीय नवरात्रि को ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल शारदीय नवरात्रि 7 अक्टूबर यानि की आज से शुरू हुए हैं जो की 15 अक्टूबर यानि विजय दशमी के साथ ही पूरे होंगे। मान्यताओं के अनुसार सभी लोग मां की नौ दिनों तक आराधना करते हैं, जिसे खुश होकर मां  दुर्गा 9 दिनों तक उनके घरों में विराजमान रहकर उन पर अपनी कृपा बरसाती हैं। आपको बता दें कि मां दुर्गा के इन नौ दिनों को बहुत ज्यादा पवित्र माना जाता है। इन नौ दिनों तक कोई भी भक्त मास, मछली, शराब आदि का सेवन नहीं करता है। बता दें कि नवरात्रि के नौ दिनों तक माँ भगवती को उनका मनपसंद भोग चढ़ाया जाता है। तो चलिए आज हम आपको नवरात्रि के पहले दिन पूजा सामग्री, शुभ मुहूर्त, मंत्र और प्रसाद के बारे में विस्तार से बताते है।

Durga puja 2021

नवरात्रि का पहला दिन माँ शैलपुत्री का

नवरात्रि का पहला दिन माँ शैलपुत्री का होता है। जिन्हें सौभाग्य का प्रतीक माना जाता हैं। बता दें कि मां शैलपुत्री नौ दुर्गाओं में पहली दुर्गा हैं।  यह नाम राज हिमालय पर्वत में पैदा होने के कारण उन्हें मिला है। नवरात्र के पहले दिन योगी अपनी शक्ति को जड़ में रखकर अपने योग का अभ्यास करते हैं। तो चलिए आज हम आपको बता रहे हैं कि नवरात्र के नौ दिन तक किस दिन किस माता की पूजा करें, पूजा की विधि और उसका महत्व।

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नवरात्रि के पहले दिन की पूजा सामग्री

नवरात्रि के दौरान मां की पूजा ले लिए लाल रंग की चुनरी रखें। मान्यताओं के अनुसार मां दुर्गा को लाल रंग बहुत ज्यादा पसंद है। इसलिए मां के लिए लाल चुनरी, कुमकुम, मिट्टी का पात्र, जौ, साफ की हुई मिट्टी, जल से भरा हुआ कलश सोना, चांदी, तांबा, पीतल या मिट्टी का कलश, सिक्के, अशोक या आम के पांच पत्ते, पानी वाला नारियल, लाल सूत्र, मौली, इलाइची, लौंग, कपूर, साबुत सुपारी, साबुत चावल, फूल माला और नवरात्रि कलश मंगा लें। इतना ही नहीं इसके साथ ही पूजा के लिए लाल रंग के आसन का भी इंतजाम करें।

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जाने माँ शैलपुत्री का मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:
जाने मां शैलपुत्री को किस चीज से लगाएं भोग

हमारे हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि का एक विशेष ही महत्व होता है। वैसे तो साल में चार नवरात्रि आती है लेकिन धूम-धाम से चैत्र और शारदीय नवरात्रि को मनाया जाता है। ये बात तो हम आपको बता ही चुके हैं कि नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की उपासना की जाती है और मां दुर्गा के शैलपुत्री रूप को गाय के घी से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है। आप चाहें तो माँ शैलपुत्री को गाय के घी से बना हलवे का भोग भी लगा सकते है। बता दें कि इससे आप मां को चढ़ाने के बाद व्रत में भी खा सकते हैं।

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