लाइफस्टाइल

आंखों के इन रोगों का आपको को हो सकता है खतरा 40 के बाद आंखों का करवाएं रेगुलर चेकअप :Eye Check Up

हर चीज एक उम्र के साथ ढलती है तो आंखों के बारे में भी अक्सर यह बात कही जाती है कि 40 की उम्र के बाद आंखों की रोशनी कम होने लगती है। अगर आप अपनी खानपान और लाइफस्टाइल अच्छी रखेंगे तो आपकी आंखें हेल्दी रहेंगी।

Eye Checkup:समय के साथ कम होने लगती है आंखों की रोशनी,इस तरह करें देखभाल

हर चीज एक उम्र के साथ ढलती है तो आंखों के बारे में भी अक्सर यह बात कही जाती है कि 40 की उम्र के बाद आंखों की रोशनी कम होने लगती है। अगर आप अपनी खानपान और लाइफस्टाइल अच्छी रखेंगे तो आपकी आंखें हेल्दी रहेंगी।

We’re now on WhatsApp. Click to join

आंखों की रोशनी का कम होना –

आज की भागती और दौड़ती लाइफस्टाइल में हर चीज प्रभावित होती रहती है। ऐसे में 40 की उम्र के बाद आंखों की रोशनी भी कम होने लगती है। वहीं अगर आप अपनी खानपान और लाइफस्टाइल अच्छी रखेंगे तो आपकी आंखें हेल्दी रहेंगी। ऐसे में डॉक्टर अक्सर एक सुझाव देते हैं कि 40 की उम्र के बाद रेगुलर आंखों का चेकअप करवाते रहें, क्योंकि ढलते उम्र के साथ अक्सर व्यक्ति को एक ना एक  बीमारी अपना शिकार बना लेती है और वह है ग्लूकोमा या मोतियाबिंद की बीमारी। वैसे तो मोतियाबिंद की बीमारी का पता अगर वक्त रहते चल जाता है तो आप इससे बच सकते हैं। वहीं ग्लूकोमा बढ़ने से  आंखों पर दबाव बढ़ता है और आंखों की ऑप्टिक नर्व खराब होने लगती है, जिसके कारण व्यक्ति अंधा भी हो सकता है। ग्लूकोमा के कारण एक बार आंखों की रोशनी खो गई तो वापस नहीं आ सकती है।

read more : Makar Sankranti 2024: इस साल मकर संक्रांति में न करें इन बातों को अनदेखा, लग सकता है काल योग

ग्लूकोमा बढ़ने के कारण क्या है –

आंखों  में ग्लूकोमा बढ़ने के कारण सिर में तेज दर्द, आंखों का लाल होना, खुजली, धुंधला दिखाई देना यह ग्लूकोमा के लक्षण हो सकते हैं। और खासकर बीपी और डायबिटीज के मरीज को यह बीमारी जल्दी पकड़ लेती है। वैसे तो ग्लूकोमा दो तरह के होते है।

ग्लूकोमा के टाइप्स –

ओपन एंगल ग्लूकोमा

इसमें पानी आंखों के चारों तरफ घूमता रहता है,और साथ ही लगातार आंखों से पानी निकलता रहता है। जिसके कारण आंखों पर जोर पड़ता है, और दिखाई देने की शक्ति धुंधली होने लगती है।

ग्लूकोमा के इस टाइप में ट्रबेक्युलर नर्व में दिक्कत आने लगती है। यह एक जेनेटिक कारण भी हो  सकता है और यह बीमारी प्रेगनेंसी के दौरान भी हो सकता है।

एंगल क्लोजर ग्लूकोमा

आंखों का लाल होना और दर्द होना इस ग्लूकोमा के इस टाइप में होता है। इसमें आंखों से पानी निकलने लगता है।

ग्लूकोमा होने के कारण –

इसमें बीमारी में आंखों की रोशनी धुंधली होने लगती है। जैसे की बीपी और डायबिटीज के मरीज को यह बीमारी उम्र ढलने के साथ हो सकती है। और इसके शुरुआती लक्षण है आंख और माथा में तेज दर्द का होना, आंखों का लाल होना, जी मिचलाना, उल्टी, मतली आदि होना हो सकता है।

अगर आपके पास भी हैं कुछ नई स्टोरीज या विचार, तो आप हमें इस ई-मेल पर भेज सकते हैं info@oneworldnews.com

Back to top button