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Delhi Metro: अगर रोज कर रहें मेट्रो में सफर, तो आपके लिए ये जानना है जरूरी

करोल बाग जैसे कुछ एलिवेटेड स्टेशनों के पास ऐसी योजना के लिए कोई जमीन या सर्विस लेन नहीं है। मेट्रो के बाहर डीएमआरसी का कोई अधिकार नहीं है।

Delhi Metro: क्या आप भी मेट्रो स्टेशन के बाद जाम से हो जाते है परेशान

Delhi Metro: दिल्ली में जब भी आप मेट्रो स्टेशन में घुसते हैं तो अपने एक चीज को जरूर महसूस किया होगा। मेट्रो स्टेशन के नीचे खड़े ई-रिक्शा से लेकर ऑटो, कैब वालों की भीड़। दिल्ली में कई मेट्रो स्टेशन तो ऐसे हैं, जिनमें घुसने से पहले स्टेशन के बाहर लगे ई-रिक्शा से लेकर ऑटो, कैब जाम का कारण होता है। ऐसे में यह पूरी बात किसी जंजाल से कम नहीं होती है। कई बार तो जाम ऐसा होता है कि आदमी पूरी तरह से झेल नहीं पाता है। खासकर तब जब आप ऑफिस, कॉलेज या किसी जरूरी काम के लिए लेट हो रहे हों तब।

घोंघे की चाल से चलता ट्रैफिक

एक रिपोर्ट के मुताबिक छतरपुर मेट्रो स्टेशन पर एक गेट पर ऑटो कतार लगी थी। विपरीत दिशा में, जहां मेट्रो स्टेशन एक पैदल यात्री पुल से जुड़ा हुआ होता है जहां आधी सड़क पर ऑटो का कब्जा रहता है। इससे ट्रैफिक फ्लो बाधित होता है। यहां तक कि बस स्टैंड पर भी अवैध तरीके से वाहन खड़े रहते हैं। नेहरू प्लेस मेट्रो स्टेशन का हाल भी कुछ अलग नहीं था। ऑटो के अलावा, सड़क किनारे विक्रेताओं ने रोड को घेर कर रखा हुआ है। इससे ट्रैफिक स्लो हो जाता है।

बगल के बाजार में काम करने वाले लोगों ने कहा, ‘शाम के समय स्थिति तब और खराब हो जाती है, जब ट्रैफिक घोंघे से भी धीमी गति से चलता है।’ करोल बाग और जीटीबी नगर में हालात अलग नहीं थे। नॉन-पीक आवर्स में भी ट्रैफिक जाम से लोग खीझ जाते हैं। जीटीबी नगर मेट्रो स्टेशन के बाहर की लगभग आधी सड़क ई-रिक्शा से भरी हुई है। निराश स्थानीय निवासी ने अफसोस जताया कि अधिकारियों ने अभी तक अवैध पार्किंग के खतरे को हल नहीं किया है। अवैध पार्किंग के बारे में ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि हम गलत तरीके से पार्क किए गए वाहनों का चालान करते हैं। कभी-कभी उन्हें खींच कर ले जाते हैं। हालांकि, अतिक्रमण एमसीडी का विषय है।

मल्टी-मॉडल इंटीग्रेशन सिस्टम है लागू

दिल्ली में छतरपुर और जीटीबी नगर मेट्रो स्टेशन शहर एक दूसरे से बिल्कुल अलग छोर पर हैं। हालांकि, इन स्टेशनों के एंट्री गेट के बाहर एक समस्या कॉमन है। वह हैं इन दोनों स्टेशनों के बाहर पार्किंग की समस्या। इससे यहां ट्रैफिक जाम की स्थिति बन जाती है। इससे यातायात बाधित होता है। करोल बाग और नेहरू प्लेस मेट्रो स्टेशनों पर भी यही समस्याएं हैं। मेट्रो स्टेशनों के बाहर सड़कों पर पार्क होने वाले ऑटो, ई-रिक्शा और कैब अब दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के लिए चिंता का कारण हैं। यह स्थिति तब है जब से नेहरू प्लेस और करोल बाग स्टेशनों के साथ 59 स्टेशनों पर मल्टी-मॉडल इंटीग्रेशन लागू किया है।

ना तो खाली जमीन, ना ही सर्विस लेन

केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान के मुख्य वैज्ञानिक और प्रमुख एस वेलमुरुगन ने कहा कि हालांकि काफी हद तक डीएमआरसी ट्रांसपोर्ट के लास्ट माइल मोड के लिए पार्किंग के लिए कुछ स्थानों पर जगह देता है। समस्या यह है कि करोल बाग जैसे कुछ एलिवेटेड स्टेशनों के पास ऐसी योजना के लिए कोई जमीन या सर्विस लेन नहीं है। मेट्रो के बाहर डीएमआरसी का कोई अधिकार नहीं है। स्टेशन और सड़क की मालिक एजेंसियां ऑटो और ई-रिक्शा को पार्क करने के लिए कोई अलग से इनके लिए स्थान उपलब्ध नहीं करा रही हैं।

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इस तरह के सड़क ब्लॉकेज से कारवालों, मेट्रो यात्रियों और पैदल चलने वालों को असुविधा होती है। वेलमुरुगन ने कहा, “इस समस्या को हल करने के लिए स्पेशल ट्रैफिक मैनेजमेंट की योजना होनी चाहिए। साथ ही इसे दृढ़ता से लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि लास्ट माइल कनेक्टिविटी में सुधार करना होगा। एजेंसियों को पार्किंग के लिए जगह चिह्नित करनी होगी। इसके अलावा केवल कुछ ऑटो या ई-रिक्शा को ‘वेटिंग’ संकेतों के साथ गेट के पास खड़े होने की अनुमति देनी चाहिए। यदि कुछ संभावित स्थानों पर कुछ उपाय किए जाते हैं, तो इससे ट्रैफिक जाम में कमी आ सकती है।

क्या है मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन?

मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन में मेट्रो स्टेशन के आसपास 300 मीटर के एरिया को बस स्टैंड, ऑटो और ई-रिक्शा से इंटीग्रेट करना है। इसमें अप्रोच रोड, पेडेस्टेरियन वॉकवे और पार्किंग एरिया भी शामिल होगा। दिल्ली में 59 मेट्रो स्टेशन पर पहले ही एमएमआई को लागू किया जा चुका है। 10 मेट्रो स्टेशन पर इसको लेकर काम चल रहा है। नेहरू प्लेस और करोल बाग मेट्रो स्टेशन को लेकर काम चल रहा है। इस काम को इस साल जून तक पूरा किए जाने की उम्मीद है। जीटीबी नगर मेट्रो स्टेशन पर एमएमआई का प्रस्ताव रखा गया है। डीएमआरसी के एक अधिकारी ने कहा कि हम सभी रेगुलेटर्स के साथ-साथ कार्यान्वयन एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इसके पीछे स्टेशन को मल्टी मॉडल हब में बदलना है जो यात्रियों को यात्रा के एक मोड से दूसरे में स्थानांतरित करने की अनुमति देता है।

मेट्रो फेज तीन के तहत बनेंगे छह नए पुलिस स्टेशन

दिल्ली मेट्रो के फेज तीन के तहत बनने वाले 92 स्टेशन पर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए छह नए पुलिस स्टेशन बनेंगे। ये पुलिस स्टेशन उद्योग नगर, लाजपत नगर, आईएनए, जनकपुरी, मंडी हाउस और केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन पर स्थित होंगे। उद्योग नगर मेट्रो पुलिस स्टेशन पर 17 मेट्रो स्टेशनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी होगी। लाजपत नगर और आईएनए मेट्रो पुलिस स्टेशन पर 11-11 मेट्रो स्टेशनों के सुरक्षा की जिम्मेदारी होगी। जनकपुरी मेट्रो पुलिस स्टेशन पर 15 मेट्रो स्टेशन, मंडी हाउस मेट्रो पुलिस स्टेशन पर 9 मेट्रो स्टेशन और केंद्रीय सचिवालय मेट्रो पुलिस स्टेशन के जिम्मे छह मेट्रो स्टेशनों की सुरक्षा व्यवस्था होगी।

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