“फेक फ्रेंड्स” से ज्यादा भरोसेमंद होती है किताबे
बुक्स- यानी “नो कम्प्लेंट्स , नो डिमांड्स”
दुनिया बहुत बड़ी है आप हर दिन नए लोगो से मिलते है. कुछ आपके साथ लॉन्ग टाइम के लिए रहते है और कुछ शोर्ट टाइम तक के लिए साथ रहते है. लोगो में दो चेहरे होते है एक अच्छा और दूसरा बुरा और उन दोनों में फर्क ये है की जो अच्छे दोस्त होते है वो आपको हमेशा समझते है आपका साथ देते है और जो फेक फ्रेंड्स होते है वो आपके पीछे से आपका बुरा चाहते है.
कभी- कभी होता है की आपको लगता है की आपका दोस्त आपको अच्छे से समझ नहीं पा रहा है, लेकिन बुक्स वो आईना है जो आपको अच्छे से समझ भी लेता है आपकी खामियों और आपके गुण को बताता है. दोस्तों से भी ज्यादा आपकी ये दो चीज़े आपका हमेशा साथ देती है. एक तो किताबे दूसरा आईना दोनों एक ही चीजे सिखाती है लेकिन दोनों का रोल आपकी लीफ में अलग – अलग होता है.
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दोस्तों से ज्यादा भरोसेमंद होती है किताबे, वो आपका जिंदगी भर साथ निभाती है इसलिए ज्यादा वक़्त किताबो के साथ बिताना चाहिए. दोस्त आपके साथ ज्यादा से ज्यादा 7 घंटे तक रह सकते है लेकिन किताबे आपके साथ 24 घंटे रहती है, इसलिए किताबे फेक फ्रेंड्स से ज्यादा अच्छी है.
किताबे आपके लोनलीनेस को दूर करता है वो आपको कभी बोर नहीं होने देता न ही आपको कभी चीट करता है इसलिए आपका वो बेस्ट फ्रेंड है क्यूंकि किताबे कभी भी आपसे बाकि दोस्तों की तरह कम्प्लेंट्स नहीं करता ना ही कोई डिमांड करती है.
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