Baglamukhi Jayanti 2022: माँ बगलामुखी की उपासना से भक्त पाते हैं अपने शत्रुओं पर विजय, जानें तिथि और पूजा विधि
Baglamukhi Jayanti 2022: जिस देवी की पूजा कर अर्जुन ने जीता महाभारत आइये उनकी करें उपासना
Highlights-
. हर साल वैशाख माह में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को बगलामुखी जयंती मनाई जाती है।
. इस वर्ष श्री बगलामुखी जयंती 9 मई को मनाई जाएगी।
Shree Baglamukhi Jayanti: हर साल वैशाख माह में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को बगलामुखी जयंती मनाई जाती है। इस वर्ष श्री बगलामुखी जयंती 9 मई को मनाई जाएगी। बगलामुखी जयंती माता बगलामुखी के अवतार दिवस के रूप में मनाया जाता है। माता बगलामुखी को माता पीताम्बरा भी कहा जाता है। माँ के रूप को पीले रंग के कपड़े के साथ माथे पर सुनहरे रंग के चंद्रमा से दर्शाया जाता है।
वैसे तो माँ अपने भक्त जनों के सारे दुख हरती हैं लेकिन खास तौर से प्रतियोगिता और अदालत के मामलों को जीतने के लिए माँ की पूजा – अर्चना की जाती है। माँ बगलामुखी को मंगल ग्रह से संबंधित समस्याओं की समाधान की देवी के रूप में जाना जाता है।
Bagala means “rope” or “rein” and Mukhi means “face” or “image”. Therefore, #Bagalamukhi is the Goddess whose face has the power to capture or control or to rule any situation or form in manifesitation.
#BaglaMukhiJayanti pic.twitter.com/HttDtbV1WH
— 𝐌𝐲𝐭𝐡𝐨𝐥𝐨𝐠𝐢𝐜𝐚𝐥𝐟𝐚𝐜𝐭 (@Mythologyfact) May 1, 2020
माँ बगलामुखी के बारे में जानें-
. मां बगलामुखी 10 महाविद्याओं में से एक आठवीं महाविद्या है। यह सभी माता सती की रूप हैं।
. बगलामुखी देवी का प्राकट्य स्थल गुजरात को सौराष्ट्र क्षेत्र में माना जाता है। कहते हैं कि हल्दी रंग के जल से इनकी उत्पत्ति हुई है।
. भारत में माँ बगलामुखी के तीन ही प्रमुख शक्तिपीठ हैं। यहाँ माँ के तीन ऐतिहासिक मंदिर हैं जो दतिया (मध्य प्रदेश) , कांगड़ा ( हिमाचल) तथा शाजापुर ( मध्यप्रदेश ) में हैं। तीनो का अपना अलग – अलग महत्व है। यहाँ देशभर से तांत्रिक अनुष्ठान के लिए आते हैं।
. बगला एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ होता है दुल्हन। इसका मतलब यह हुआ कि दुल्हन की तरह अलौकिक सौन्दर्य और अपार शक्ति की स्वामिनी होने के कारण देवी का नाम बगलामुखी पड़ा।
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. देवी बगलामुखी सम्पूर्ण ब्रह्मांड की शक्ति का समावेश हैं। शत्रुनाश, वाद – विवाद में विजय प्राप्त करने किए माँ की पूजा की जाती है। इनकी उपासना से शत्रुओं का नाश होता है तथा भक्त का जीवन हर प्रकार से बाधा मुक्त हो जाता है।
Let’s try and Understand Goddess Baglamukhi today on Baglamukhi Jayanti 😊
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— Sshivani Durga Ph.D (@SshivaniDurga) May 1, 2020
. युद्ध में विजय दिलाने और वाक् शक्ति प्रदान करने वाली देवी माता बगलामुखी की साधना युद्ध में विजय होने और शत्रुओं के नाश के लिए की जाती है। ऐसी मान्यता है कि महाभारत के युद्ध में श्री कृष्ण की प्रेरणा पर अर्जुन ने कई जगह जाकर शक्ति की साधना की थी। उनकी साधना के परिणाम स्वरूप देवी के विभिन्न रूपों ने पांडवों की मदद की थी।
देवी को प्रसन्न करने के उपाय व पूजा विधि-
पीले फूल और नारियल चढ़ाने से देवी प्रसन्न होती हैं। देवी को पीला वस्त्र चढ़ाने से सारी समस्याएं टल जाती है। माँ बगलामुखी को पीली हल्दी के ढेर पर दीप दान करें।
बगलामुखी जयंती के दिन भक्त को स्नान कर पीले वस्त्र धारण करने चाहिए। इस दिन भक्त माँ का व्रत रख सकते हैं और पीले रंग की सामग्री का उपयोग करें। जैसे की माँ के लिए पीले रंग के वस्त्र का चयन करें साथ में माँ को पीला चंदन, पीला फूल चढ़ाएं। माँ की पूजा के बाद माँ बगलामुखी की चालीसा और आरती पढ़ें। भक्त चाहें तो फल का सेवन कर शाम को व्रत खोल सकते हैं।