आप क्या बना रहे है: बेहतर सीवी या बेहतर इंसान
बेहतर सीवी या बेहतर इंसान
कहते है कि अगर एक अच्छी और आरामदायक ज़िन्दगी जीनी है तो उसके लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है। सारी ज़िंदगी निकल जाती है पर वो संतुष्टि नहीं मिल पाती जिसकी हम उम्मीद करते है। बचपन में स्कूल में मेहनत करते है, फिर कॉलेज में और भी दफ्तर में। और ये सारी मेहनत हम अनुभव और कामयाबी के लिए करते जिसका प्रयोग हम अपने सीवी को बेहतर बनाने के लिए करते है।पर इस भागदौड़ में हम ये भूल जाते है कि हम आखिर चाहते क्या है? हमे चुनाव करना होता है बेहतर सीवी या बेहतर इंसान बनने में।
बेहतर इंसान बनने से मेरा मतलब है कि खुद को इस काबिल बना लो की आपकी काबिलियत आपका जूनून बन जाए। ऐसा जूनून जो हमे अपनी मंज़िल तक पहुंचाए। हम खुद अपने पैरों पर खड़े हो सके। आपको खुद का मूल्य तय करना है। आपको अपने सीवी का नहीं ओर अपनी काबिलियत और अपने व्यक्तित्व का मूल्य बढ़ाना। खुद को ऐसा बनाना है कि आपका परिचय आपका सीवी नहीं पर आपका व्यक्तित्व और आपका हुनर दे।
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अब अगर बात करे की क्यों आपका अपने मूल्य को बढ़ाना ज़रूरी है तो आपको एक उदाहरण देते है। एक 500₹ का नोट आपको दिया जाए तो आप खुशी खुशी वो ले लेंगे। अगर उसी नोट को मोड़ दिया जाए तो भी आप उसको स्वीकार कर लेंगे। और अब कर उसको मोड़तोड़ कर कुचल दिया जाए तो भी आप उसे लेना चाहेंगे। क्योंकि चाहे कुछ भी हो जाए उस नोट की कीमत और मूल्य कभी नहीं बदलेगी।
उसी प्रकार चाहे ज़िन्दगी आपको मोड़े, तोड़े या कुचले आपका अस्तित्व और आपकी कीमत कभी नहीं बदलेगी। अपने आप को और अपनी काबिलियत को इतना ज्यादा निखार लो की ज़िन्दगी चाहे कुछ भी कर ले, ज़िन्दगी के किसी भी पड़ाव में आप कमज़ोर ना पड़े और आपका मूल्य कभी कम न हो। आप चाहे कोई भी काम करते हो, पर उस काम को इतनी शिद्दत से करे की आप उस में सबसे बेस्ट हो जाए।
माना कि खुद को कुछ बनाने का सफर इतना आसान नहीं होता। पर अगर इस सफर में आप हर मान जाओ तो भी नुक्सान आप ही का है। ज़िन्दगी जीनी ही है तो एक जज़्बे के साथ जियो ताकि जब मारो तब दिमाग में सिर्फ सुन्दर यादे हो, अधूरे सपने नहीं। आपका व्यक्तित्व और हुनर ही लोगो को याद रहेगा। आपका सीवी चाहे जितना ही बढ़िया क्यों ना हो, अगर आप अच्छे इंसान नहीं है आपके उस सीवी का कोई फायदा नहीं है।