Manish Sisodia Arrested: LG की मांग के बाद CBI जांच, सिसोदिया गिरफ्तार !
Manish Sisodia Arrested: मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद AAP ने किया प्रदर्शन का ऐलान
Highlights:
- दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद अब शराब घोटाला मामला आया है चर्चे में
- मनीष सिसोदिया से रविवार को करीब 8 घंटे तक पूछताछ की गई
Manish Sisodia Arrested: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद शराब घोटाला मामला काफी चर्चा में है। मामले में मनीष सिसोदिया से रविवार को करीब 8 घंटे तक पूछताछ की गई जिसके बाद सीबीआई(CBI) ने उन्हें देर शाम गिरफ्तार कर लिया। जानकारी के अनुसार, आज दोपहर दो बजे के बाद सिसोदिया को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया जाएगा। फिलहाल, अब इस मामले पर सियासी जंग भी शुरू हो गई है। केंद्र सरकार के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है। उत्तर प्रदेश के लगभग सभी जिलों में, बीजेपी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन का ऐलान किया गया है, जिससे एक बात तो साफ है कि सिसोदिया की गिरफ्तारी को लेकर आप (Aam Aadmi party) फुल ऑन एक्टिव मोड में है। आम आदमी पार्टी सिसोदिया की गिरफ्तारी के तुरंत बाद केंद्र सरकार और भाजपा पर निशाना साधती हुई नजर आई। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने मनीष सिसोदिया को ईमानदार और राष्ट्र भक्त बताते हुई इस गिरफ्तारी को गंदी राजनीति का टैग दे दिया। फिलहाल आप को अब टीएमसी का भी साथ मिल गया है। सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवान और पंजाब के सीएम भगवंत मान के साथ उनके घर पहुंचे। जहां उन्होंने सिसोदिया की पत्नी से मुलाकात की थी। आम आदमी पार्टी के ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर लिखा गया कि यह देश के लोकतंत्र के लिए काला दिन है।
दरअसल, मई 2020 में दिल्ली सरकार विधानसभा में नई शराब नीति लेकर आई थी जिसे नवंबर 2021 से लागू किया गया। मामला संज्ञान में तब आया जब जुलाई 2022 में दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की थी। दिल्ली सरकार ने जिस दिन से नई शराब नीति लागू की थी, तब से ही विरोध प्रदर्शन शुरु हो गए। बीजेपी की ओर से आरोप लगाए गए कि दिल्ली सरकार दिल्ली के बच्चों को शराबी बना रही है। वहीं आम आदमी पार्टी का कहना था कि नई नीति से दिल्ली सरकार का खजाना भर जाएगा।
वहीं वीके सक्सेना ने मनीष सिसोदिया पर नियमों को नजरंदाज करने और भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए थे। इस मामले में भाजपा ने गलत तरीके से शराब ठेकेदारों के 144 करोड़ माफ करने का आरोप लगाया। यानी शराब के लिए लाइसेंस की फीस को माफ या कम किया गया और तो और शराब फर्मों ने 12% लाभ कमाया। जिसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) और सीबीआई ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ जांच शुरू कर दी थी। इन सब के बीच 31 जुलाई 2022 को दिल्ली सरकार ने नई नीति को वापस लेते हुए पुरानी शराब नीति को ही लागू कर दिया था। तब से ही केजरीवाल सरकार के कई मंत्री और अफसर केंद्र जांच एजेंसी की रडार पर थे।
शराब घोटाला मामले में मनीष सिसोदिया से रविवार को करीब 8 घंटे तक पूछताछ की गई। बताया जा रहा है कि आबकारी विभाग के एक IAS अफसर ने CBI की पूछताछ में सिसोदिया का नाम लिया था। अफसर ने कहा था कि सिसोदिया ने ऐसी शराब नीति बनवाई थी, जिससे व्यापारियों को फायदा हो।
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सीबीआई की पूछताछ में ये भी सामने आया है कि मनीष सिसोदिया ने किसी और के नाम पर 11 फोन खरीदे थे और उन्हें इस्तेमाल करने के बाद नष्ट कर दिया। जानकारी के अनुसार, सिसोदिया को भारतीय दंड संहिता की धारा 477-ए (खातों में हेरफेर) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत गिरफ्तार करने का फैसला किया।