Crime Against Women: पांच दिन पांच घटनाएं, क्यों देश की बेटियां निशाने पर
Crime Against Women: नए साल के मौके पर देश में बेटियों के साथ बर्बरता, बेटियों का फिर वही सवाल आखिर कब तक?
Highlights –
- नए साल के दौरान देश की राजधानी दिल्ली में एक – के – बाद एक घटित वारदातों ने देश की जनता को एक बार फिर डरा दिया है।
- ये वारदात खासकर महिलाओं के साथ घटित हो रही हैं
- पूरी दुनिया जब नए साल का जश्न मना रही थी देश की कुछ बेटियां अपनी मौत और जिंदगी के बीच लड़ रही थी।
- 2014 के बाद महिलाओं के साथ सबसे अधिक क्राइम रेट में इजाफा हुआ है।
Crime Against Women नए साल के दौरान देश की राजधानी दिल्ली में एक – के – बाद एक घटित वारदातों ने देश की जनता को एक बार फिर डरा दिया है। ये वारदात खासकर महिलाओं के साथ घटित हो रही हैं और एक बार फिर सरकार पर सवालों के बौछार हो रहे हैं। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के नारे लगाने वाला देश आज अपनी बेटियों को बचा पाने में सक्षम नहीं हैं। नए साल पर कंझावला में हुआ 20 साल की अंजली के साथ दिल दहला देने वाला हादसा इसका प्रमाण है।
हम चांद पर पहुंच गए हैं, नई तकनीकों और आविष्कारों में हम अव्वल देशों की श्रेणी में हैं लेकिन बेटियों की सुरक्षा में आज भी हमसे चूक हो रही है।
कभी अंजली तो कभी निर्भया, कभी अंकिता को कभी श्रद्धा हम बड़ी आसानी से अपनी बेटियों को एक – के – बाद एक चुपचाप अपनी आँखों के सामने मरते देख रहे हैं और हमारे साथ इन बर्बताओं के मूक दर्शक बनी है सरकार। वह सरकार जो चुनाव के समय हज़ारों वादे करके जाती है जिसमें बेटियों की सुरक्षा सबसे प्रमुख होती है। सरकार के साथ कहीं – न – कहीं हम भी एक शिक्षित समाज के तौर पर अपनी बेटियों की दुखदायी मौतों के लिए जिम्मेदार हैं।
पूरी दुनिया जब नए साल का जश्न मना रही थी देश की कुछ बेटियां अपनी मौत और जिंदगी के बीच लड़ रही थी। इन चार से पांच दिनों में देश के कई हिस्सों से बेटियों के साथ बर्बरता हुईं। आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपको उन बेटियों की कहानी सुनाना चाहते हैं जो उड़ने के ख्वाब देखकर घर से निकलीं लेकिन राह में उनके आज़ाद पंख काट दिए गए।
अंजली की मौत से पूरा देश आज सन्न है। उसके साथ 31 दिसंबर की रात 5 कार सवारों ने जो किया उसने मानवता को शर्मशार कर दिया। 20 साल की अंजली कार के दरवाजे से फंसाकर 13 किलोमीटर तक घसीटी गई। कार में सवार 5 दरिंदों ने उसके सपनों के साथ उसके परिवार के एकमात्र सहारे को मौत के मुंह में धकेल दिया।
एक और चौंका देने वाली वारदात दिल्ली के आदर्श नगर से आई है। आदर्श नगर में 3 जनवरी को एक महिला पर उसके पुरुष मित्र ने चाकू से हमला कर दिया। कारण था महिला का दोस्त से दोस्ती तोड़ना। आपको बता दें ये वारदात कोई रात के अंधेरे में नहीं बल्कि दिन के उजाले में हुई है। घायल युवती को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और आरोपी युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
वहीं दिल्ली के पांडव नगर में एक युवती ने एक युवक पर कार में जबरदस्ती खींचने और पार्टी में जाने से इंकार करने पर तेजाब फेंकने की धमकी देने के आरोप लगाते हुए एफ आई आर दर्ज कराई है।
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बेंगलुरु में नए साल के दूसरे दिन एक दिल दहला देने वाली घटना हुई। पुलिस रिपोर्ट्स के मुताबिक बेंगलुरु में एक व्यक्ति ने एक 19 साल की छात्रा पर चाकू से वार कर उसकी हत्या कर दी। बेंगलुरु पुलिस के अनुसार बेंगलुरु के बाहरी इलाके में स्थित एक निजी विश्वविद्यालय में यह घटना हुई। बता दें कि युवती पर चाकू से वार करने के बाद युवक ने आत्महत्या करने की कोशिश की।
तीसरी वारदात उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा की है जहां 31 दिसंबर की रात को नशे की हालत में कार सवार तीन युवकों ने तीन छात्राओं को जोरदार टक्कर मार दी। हादसे के बाद तीनों आरोपी मौके से फरार हो गए। इसमें से एक छात्रा को गंभीर चोटें आई हैं। उसे ब्रेन हेमरेज हो गया है और दाएं पैर में पांच फ्रैक्चर हैं। आपको बता दें कि यहां भी पुलिस की गैर जिम्मेदाराना हरकत सामने आई। पुलिस ने तब तक कोई एक्शन नहीं लिया जब तक यह मामला मीडिया में नहीं आया। मीडिया में मामला आने के बाद पुलिस उनसे मिलने पहुंची।
महिलाओं के खिलाफ क्राइम के आंकड़ों की बात करें तो 2022 में NCW को महिलाओं के खिलाफ हुए अपराधों की लगभग 31,000 शिकायतें मिलीं, जो 2014 के बाद सबसे अधिक हैं। 2021 में NCW को 30,864 शिकायतें मिली थीं जबकि 2022 में यह संख्या थोड़ी बढ़कर 30,957 हो गई है। इस रिपोर्ट के अनुसार यूपी में रोज 153 महिलाओं से हिंसा होती है।
साल 2021 में देश में तकरीबन 36 लाख 63 हज़ार 360 एफ आई आर दर्ज हुई। इस रिपोर्ट के डेटा के अनुसार यूपी की एक लाख जनसंख्या के मानक के आधार पर क्राइम रेट 154.5 प्रतिशत है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार देश भर में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध में दिल्ली पहले पायदान पर है। दिल्ली में 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 13, 892 मामले दर्ज किए गए, जिसमें 2020 की तुलना में 40 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई।
ये आंकड़े हमने आपको कागजी आंकड़ों के हवाले से बताया है । ऐसे कई मामले हैं जो कभी कागज पर लिखित रूप में आए ही नहीं।
लेकिन फिर वही सवाल जो देश की हर बेटी चीख – चीख कर पूछ रही है कि आखिर कब तक?