वेटिंग लिस्ट की समस्या होगी शून्य, जानिए क्या है रेलवे की बड़ी प्लानिंग: Train Waiting List
रेलवे ने ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट को पूरी तरह खत्म करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का प्लान बनाया है। इसके लिए ट्रैक पर करीब 3 से 4 हजार नई ट्रेनें दौड़ाई जाएंगी। रेल मंत्री ने साफ कहा है कि हमारी अगली प्लानिंग वेटिंग लिस्ट की समस्या को शून्य बनाने की है।
जानिए क्या है रेलवे का मेगा प्लान, रेलवे के वर्तमान हालात को भी समझ लीजिए: Train Waiting List
Train Waiting List: आपको बता दें कि रेलवे इस योजना पर 1 लाख करोड़ (10 खरब) रुपये खर्च कर रहा है। दरअसल, त्योहारों पर घर जाना हो या परिवार के साथ कहीं घूमने का प्लान, सबसे ज्यादा मुश्किल ट्रेन में कंफर्म टिकट मिलने की रहती है। रेलवे लगातार इस कोशिश में है कि यात्रियों को ज्यादा से ज्यादा सुविधा मुहैया कराई जाए। इस कड़ी में एक बड़े प्लान पर तैयारी शुरू हो चुकी है। केंद्रीय रेल मंत्री ने दावा किया है कि जल्द ही वेटिंग लिस्ट का झंझट पूरी तरह खत्म हो जाएगा। यात्रियों को जब चाहेंगे, तब कंफर्म टिकट मिल जाएगी।
गौरतलब है कि होली, दिवाली, छठ जैसे त्योहारों पर यूपी, बिहार जाने वाली ट्रेनों में खचाखच यात्री भरे होते हैं। कई महीने पहले से ही ट्रेनें फुल हो जाती हैं और सैकड़ों यात्रियों की लंबी वेटिंग लिस्ट तैयार रहती है। यात्रियों के साथ-साथ रेलवे के लिए भी यह लंबे समय से सिरदर्द और चुनौती बना हुआ है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि अब हम ऐसे प्लान पर काम कर रहे हैं, जो देशभर में वेटिंग लिस्ट का झंझट पूरी तरह खत्म कर देगा।
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क्या है रेलवे का मेगा प्लान
इकनॉमिक टाइम्स के अनुसार, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि रेल यात्रियों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है और हमारी कोशिश हर किसी को कंफर्म सीट उपलब्ध कराने की है। इसके लिए नई ट्रेनें खरीदने पर तेजी से काम हो रहा है और इस पर कुल 1 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसका आवंटन अगले 4 से 5 साल में किया जाएगा और ट्रेनों की संख्या भी अगले 10 से 15 साल में बढ़ जाएगी।
क्या हैं वर्तमान हालात
अभी देश में रोजाना 2 करोड़ से ज्यादा यात्री ट्रेनों में सफर करते हैं। इसके लिए रेलवे 10,754 ट्रेनें रोज दौड़ाता है। अगर 3,000 ट्रेनें और जोड़ दी जाएं तो देश में वेटिंग लिस्ट का टंटा खत्म हो जाएगा। कोरोना काल से पहले के मुकाबले अब तक 568 ट्रेनों का फेरा बढ़ाया भी जा चुका है, लेकिन सालाना 100 करोड़ यात्रियों को ढोने के लिए यह पर्याप्त नहीं है। रेलवे का अनुमान है कि 2030 तक ट्रेनों के जरिये सालाना 1,000 करोड़ लोग यात्रा करने लगेंगे, तब ट्रेनों की संख्या बढ़ाना भी जरूरी है। ट्रेनों की संख्या में 30 फीसदी इजाफा होने के साथ ही वेटिंग लिस्ट पूरी तरह खत्म हो जाएगी। फिर न तो त्योहारों पर दिक्कत होगी और न ही पीक ऑवर में भागदौड़।
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