सरदार बल्लभ भाई पटेल ने भारत को भूगोलिक तौर पर एक किया
कई शर्तों और क्रांतियो के बाद 15 अगस्त 1947 को आखिरकार भारत आजाद हुआ था। लेकिन आपको पता है देश के आजाद होने से पहले भारत की शक्ल कैसी थी। 3 जून 1947 को निर्णय लिया गया कि आजादी के बाद देश की शक्ल कैसी होगी। मीटिंग करने के लिए देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु, मोहम्मद जिन्ना और देश के वायसरय लॉड माउन्ट बेटन मौजूद थे। ऑल इंडिया रेडियो स्टेशन से यह कहा गया कि आजादी के नाम पर देश के दो टुकड़े किए जाएंगे। इसका साफ मतलब है देश का विभाजन।
मीटिंग करते नेहरु, जिन्ना और माउन्ट बेटन
देश के आजादी की खबर पहले से ही सुनिश्चित की गई थी। 15 अगस्त को दो देश आजाद होगें। जिसमें हिदूंओं का देश हिंदुस्तान और मुस्लमानों का देश पाकिस्तान होगा।
आपको बता दें देश आजाद होने से पहले भारत में 565 रियासतें थी। इन रियासतें की कमान राजा राजवाड़ों के हाथ में थी। इन राजा राजवाड़ों ने अंग्रेजों की गुलामी स्वीकार कर रखी थी। इन रियासतों की अपनी सेवा थी अपनी कानून था और कईयों की अपनी मुद्रा भी थी।
जब बात भारत के आजाद होने के आई तो सबसे बड़ी बात यह थी कि अगर यह रियासतें भारत में शामिल नहीं होते तो भारत कैसा होगा।
अब सबसे बड़ा सवाल था कि कैसे इन रियासतों को भारत में शामिल किया जाए।
सरदार बल्लभ भाई पटेल
भारत को भूगोलिक तौर पर एक करने के लिए सभी रियासतें को एक करना जरुरी थी।
देश के पहले गृहमंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल ने देश को एक करने में सबसे बड़ी भूमिका निभाई।
पटेल ने देश के सभी रियासतों के राजा राजवाडों से मुलाकात की और उन्हें भारत के साथ शामिल होने की अपील की।
आज का भारत
पटेल ने एक एक कर सभी से मुलाकात की और सभी को भारत में शामिल होने के लिए राजी किया। लेकिन यह सब इतनी आसानी से नहीं हो गया। जम्मू कश्मीर को भारत में शामिल करने के लिए अपनी जान तक जोखिम में डाली।
आखिरकार उन्होंने सबको राजी किया और भारत को ऐसा बनाया जैसा आज हम देख सकते हैं।