पीएसएलवी ने आठ उपग्रहों से साथ भरी सफल उड़ान
पीएसएलवी ने आठ उपग्रहों से साथ भरी सफल उड़ान
पीएसएलवी ने आठ उपग्रहों से साथ भरी सफल उड़ान :- इसरो ने आज इतिहास रचा दिया है। इसरो ने आज एक साथ आठ उपग्रहों का प्रक्षेपण किया है। सोमवार को ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान पीएसएलवी सी 35 के प्रक्षेपण के साथ अब तक के सबसे लंबे मिशन को अंजाम दिया गया है। भारत के प्रमुख प्रक्षेपण यान पीएसएलवी ने सोमवार सुबह मौसम उपग्रह स्कैटसैट-1 और पांच अन्य उपग्रह सहित कुल आठ अलग-अलग उपग्रहों को लेकर सफलता से उड़ान भरी।
मुंबई आईआईटी के छात्रों का सैटेलाइट उड़ा
यह प्रक्षेपण आध्रप्रदेश श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में किया गया। यहां प्रक्षेपण सोमवार को सुबह 9.12 मिनट में हुआ। इस कामयाबी पर पीएम मोदी ने इसरो का बधाई दी है।
दो घंटे 15 मिनट के मिशन पर निकले पीएसएलवी की यह अब तक की सबसे लंबी उड़ान थी। पहली बार उपग्रहों को दो अलग-अलग कक्षाओं में स्थापित किया गया। इसमें आईआईटी मुंबई के छात्रों ने आठ साल की कड़ी मेहनत के बाद यह सैटलाइट तैयार किया है।
पीएसएलवी सी 35 अपने साथ 371 किलोग्राम वजन वाले स्कैटसैट-1 और सात अन्य उपग्रहों को लेकर गया है। इसमें अमेरिका और कनाडा के भी उपग्रह है। पीएसएलवी सी 35 जिन आठ उपग्रहों को अपने साथ लेकर गया है उनका कुल वजन 675 किलोग्राम है।
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35 उपग्रहों को दो अलग-अलग कक्षाओं में स्थापित करेगा
इसरो के अध्यक्ष ए.एस किरण कुमार के मुताबिक पीएसएलवीसी 35 उपग्रहों को दो अलग-अलग कक्षाओँ स्थापित करेगा। करीब 17 मिनट बाद स्कैटसैट-1 को पहले 730 किलोमीटर वाली पोलर सनसिन्क्रोनस ऑर्बिट में जारी किया जाएगा। जबकि बाकी को करीब दो घंटे के बाद 689 किलोमीटर वाली एक निचली कक्षा में स्थापित किया जाएगा।
साथ ही कुमार ने कहा है कि इस उद्देश्य के लिए प्रक्षेपण यान के दो पुनर्प्रज्वलन होंगे स्कैटसैट-1 के अलावा भारत के शैक्षणिक उपग्रहों प्रथम और पीआईसैट- अल्जीरिया के अल्सै-1बी, अल्सैट-2बी एवं अल्सैट-1एन और अमेरिका के पाथफाइंडर-1 एवं कनाडा के एनएलएस-19 को कक्षाओं में स्थापित करेगा। इसरो के मुताबिक यह पीएसएलवी का पहला मिशन है जिसके तहत उपग्रहों को दो अलग-अलग कक्षाओं में स्थापित किया जाएगा।
आपको बता दें 22 जून को पीएसएलवी सी-34 मिशन में 17 विदेशी उपग्रह तथा तीन घरेलू उपग्रह छोड़े गये थे।