मोदी सरकार ने मध्यम और गरीब वर्ग के लोगों को दिया झटका, PPF की ब्याज दरों में की कटौती
मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए आम आदमी की जेब पर और भार बढ़ा दिया है। मोदी सरकार ने कई छोटी-छोटी बचत योजनाओं के साथ-साथ पीपीएफ की ब्याज दरों को भी घटा दिया है। ये नई दरें अप्रैल से लागू होंगी। लेकिन अभी ये दरें शुरुआती तीन माह के लिए ही लागू होंगी। फिर उसके बाद ये दरें घट या बढ़ सकती है। सरकार को हल ही में EPF से निकासी पर टैक्स लगाने के प्रस्ताव पर भारी विरोध का सामना करना पड़ा था, इन कटौतियों को उसकी भरपाई मन जा रहा है।
आप को बता दें पब्लिक प्रॉविडेंड फंड यानी PPF पर अभी तक 8.7 फीसदी सालाना ब्याज दर मिलती थी, लेकिन सरकार ने इस जमा योजना पर कटौती करके 8.7 से 8.1 फीसदी कर दिया है। यह नई दरें एक अप्रैल से लागू हो जायेंगी। इसके साथ ही राष्ट्रीय बचत योजना पर 8.1 फीसदी, सुकन्या समृद्धि योजना पर 8.6 फीसदी तथा किसान विकास पत्र पर 7.8 फीसदी वार्षिक ब्याज मिलेगा।
वित्त मंत्रालय ने केवीपी पर ब्याज दर 8.7 प्रतिशत से घटाकर 7.8 प्रतिशत तथा डाक घर बचत पर ब्याज दर 4.0 प्रतिशत पर स्थिर है, लेकिन 1 से 5 वर्ष की अवधि वाली जमा योजनाओं पर ब्याज दर में कटौती की गयी है।
सरकार ने बहुत सारी लघु जमा योजनाओं में मिलने वाली ब्याजदरों में कटौती कर दी है। जिससे छोटी-छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने वाले आम लोगों पर इसका अत्यधिक प्रभाव पड़ेगा। लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) पर ब्याज दर 8.7 प्रतिशत से घटाकर 8.1 प्रतिशत कर दी गयी है। नई दरें एक अप्रैल से 30 जून तक के लिये है।
वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2016-17 की पहली तिमाही के लिये ब्याज दरों की घोषणा करते हुए बताया की ‘‘सरकार के निर्णय के आधार पर छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें तिमाही आधार पर अधिसूचित होंगी।’’ देखें किस-किस योजनाओं में हुई कटौती:
योजना का नाम | ब्याज दर | नई ब्याज दरें |
लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) | 8.7 फीसदी | 8.1 फीसदी |
पांच वर्षीय राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र | 8.5 फीसदी | 8.1 फीसदी |
पांच वर्षीय मासिक आय | 8.4 फीसदी | 7.8 फीसदी |
सुकन्या समृद्धि | 9.2 फीसदी | 8.6 फीसदी |
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना | 9.3 फीसदी | 8.6 फीसदी |
डाक घर (1-3वर्ष की अवधि वाली जमा योजना) | 8.4 फीसदी | 7.1-7.4 फीसदी |
डाक घर (5 वर्ष की अवधि वाली जमा योजना) | 8.5 फीसदी | 7.9 फीसदी |
रेकरिंग डिपोजिट ( आर डी ) | 8.4 फीसदी | 7.4 फीसदी |