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Manipur Violence: महिला ने सीएम का त्याग-पत्र फाड़ा, वहीं समर्थकों ने कहा हमें मुख्यमंत्री पर भरोसा है
भारत

Manipur Violence: महिला ने सीएम का त्याग-पत्र फाड़ा, वहीं समर्थकों ने कहा हमें मुख्यमंत्री पर भरोसा है

इस्तीफे की खबर सुनकर बीरेन सिंह के समर्थक उनके आवास के बाहर इकठ्ठे हो गए और उनसे इस्तीफा न देने का अनुरोध किया। साथ ही बीरेन सिंह के समर्थन में बड़ी संख्या में महिलाएं इंफाल में मुख्यमंत्री आवास के पास एकत्र हुई।

Manipur Violence: जानिए मणिपुर में हुए हिंसा का क्या है वजह, क्यों सीएम दे रहे इस्तीफा

Manipur Violence: मणिपुर में 3 मई से जारी हिंसा के बीच शुक्रवार सुबह से खबरें आ रही थीं कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह कुर्सी छोड़ने वाले हैं। वे दोपहर 3 बजे राज्यपाल अनुसुइया उइके से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप देंगे। हालांकि, अटकलों के बीच सैकड़ों महिलाएं इंफाल में मुख्यमंत्री आवास के सामने पहुंचीं। महिलाओं ने बीरेन सिंह से इस्तीफा ना देने और हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लेंने की मांग की।

समर्थकों ने इस्तीफा न देने का अनुरोध किया

इस्तीफे की खबर सुनकर बीरेन सिंह के समर्थक उनके आवास के बाहर इकठ्ठे हो गए और उनसे इस्तीफा न देने का अनुरोध किया। साथ ही बीरेन सिंह के समर्थन में बड़ी संख्या में महिलाएं इंफाल में मुख्यमंत्री आवास के पास एकत्र हुई। एक महिला ने कहा कि हम नहीं चाहते कि सीएम इस्तीफा दें, उन्हें इस्तीफा नहीं देना चाहिए। वह हमारे लिए बहुत काम कर रहे हैं।

महिला ने सीएम का त्याग-पत्र फाड़ा

एन बीरेन सिंह को राज्यपाल से मुलाकात करने के लिए राजभवन जाना था, लेकिन सीएम आवास के बाहर सड़क जाम कर बैठे समर्थकों के लिए वह नहीं जा सके। थोड़ी देर इंतजार करने के बाद सीएम आवास से जुड़े कुछ लोगों ने समर्थकों से रास्ता न रोकने की अपील की, लेकिन लोग नहीं मांगे और इस्तीफा न देने की मांग करते रहे। इसके बाद सीएम आवास से जुड़े लोग इस्तीफे वाला पत्र लेकर बाहर आए और इसे सबके सामने पढ़ा गया। लोगों ने पत्र को उन्हें सौंपने की मांग की। इस पर पत्र एक महिला को सौंपा और उन्होंने सबके सामने पत्र को फाड़ दिया।

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समर्थकों ने कहा हमें मुख्यमंत्री पर भरोसा है

मणिपुर के एक स्थानीय निवासी का कहना है कि हम दो महीने से मणिपुर में हिंसा से जूझ रहे हैं। हम उस दिन का इंतजार कर रहे हैं जब भारत सरकार और मणिपुर सरकार इस संघर्ष को लोकतांत्रिक तरीके से हल करेगी। ऐसी स्थिति में अगर मणिपुर के सीएम इस्तीफा दे देते हैं, तो लोग यहां कैसे रहेंगे, हमारा नेतृत्व कौन करेगा? मैं नहीं चाहता कि वह इस्तीफा दें। हमें उन पर भरोसा है।

मणिपुर हिंसा ने बढ़ाया सरकार की मुश्किलों

आपको बता दें कि तीन मई से मणिपुर में जारी हिंसा ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और उनकी सरकार की मुश्किलों बढ़ा रखी हैं। विपक्ष उन पर कानून-व्यवस्था न संभाल पाने का आरोप लगा रहा है। दूसरी तरफ राज्य के नौ विधायकों ने भी बीते दिनों प्रधानमंत्री कार्यालय में पीएम मोदी के नाम ज्ञापन सौंपकर प्रदेश नेतृत्व पर सवाल उठाए थे। विधायकों ने दावा किया था कि मुख्यमंत्री और प्रदेश सरकार जनता के बीच अपना भरोसा खो चुके हैं। इस बीच एन बीरेन सिंह पर आदिवासी विरोधी एजेंडे को बढ़ाने के आरोप भी लग रहे हैं। बीते दिनों जब केंद्र सरकार ने मणिपुर में शांति स्थापित करने के लिए शांति समिति गठित की थी तो उसमें भी शामिल किए गए कई लोगों ने एन बीरेन सिंह के नेतृत्व के खिलाफ असंतोष जाहिर किया था और मुख्यमंत्री को शांति समिति में शामिल करने का विरोध किया था।

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क्या है मामला?

मणिपुर में मैतई समुदाय जनजातीय आरक्षण देने की मांग कर रहा है। इसके खिलाफ बीती तीन मई को हिंसा भड़की थी और अब तक इस हिंसा में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और सैंकड़ों लोग घायल हुए हैं। हजारों लोगों को हिंसा की वजह से विस्थापन झेलना पड़ा है और राज्य की कानून व्यवस्था बेपटरी हो गई है। केंद्र सरकार ने मणिपुर में जारी हिंसा पर बीते दिनों सर्वदलीय बैठक भी बुलाई थी। राहुल गांधी भी दो दिवसीय दौरे पर मणिपुर में हैं।

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