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Lucknow News : लखनऊ मे दिल दहलाने वाली घटना,समय से नहीं हुआ इलाज तो बच्ची ने तोड़ा दम

यूपी के लखनऊ में सरकारी अस्पताल में वेंटिलेटर न मिलने की वजह से 4 दिन की नवजात बच्ची को भर्ती नहीं किया जा सका।लेकिन वहां बच्ची ने दम तोड़ दिया।

Lucknow News: बेड और वेंटिलेटर की तलाश में भटकते रहे परिजन,4 दिन की बच्ची ने तोड़ा दम

यूपी के लखनऊ में सरकारी अस्पताल में वेंटिलेटर न मिलने की वजह से 4 दिन की नवजात बच्ची को भर्ती नहीं किया जा सका।लेकिन वहां बच्ची ने दम तोड़ दिया।

लखनऊ की घटना –

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सरकारी अस्पताल में एक पिता अपनी चार दिन की नवजात बच्ची का इलाज कराने के लिए पहुंचा, लेकिन वेंटिलेटर और बेड न होने की वजह से बच्ची को भर्ती नहीं किया गया। इसके बाद परिजन इधर-उधर दौड़ते रहे,लेकिन कहीं भी इलाज नहीं हो पाया। इसके बाद दो दिन तक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया लेकिन वहां पैसे न होने से रेफर कर दिया गया। फिर जैसे-तैसे बच्ची को अस्पताल में भर्ती किया गया,लेकिन वहां उस बच्ची ने दम तोड़ दिया।

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शमीम बानो ने 10 अक्टूबर को बच्ची का हुआ जन्म –

यूपी के लखनऊ के राजाजीपुरम बख्तामऊ के रहने वाले फाजिल की पत्नी शमीम बानो ने 10 अक्टूबर को लोक बंधु अस्पताल में एक बच्ची को जन्म दिया था। जन्म के कुछ देर बाद बच्ची की हालत बिगड़ने लगी तो उसे किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया था। इसके बाद फाजिल जब बच्ची को लेकर वहां पहुंचा तो अस्पताल में वेंटिलेटर खाली नहीं होने की बात कही गई थी। इस वजह से बच्ची को भर्ती नहीं किया गया। इसके बाद परिजन राम मनोहर लोहिया संस्थान पहुंचे, वहां पर भी प्रिंट लेटर न होने का कारण बता कर बच्ची को भर्ती नहीं किया गया था। इसके बाद बच्ची को लेकर परिजन पीजीआई पहुंचे, मगर वहां बेड उपलब्ध नहीं थे और न ही वेंटीलेटर इसलिए वहां भी भर्ती नहीं किया गया था।

प्राइवेट अस्पताल में किया भर्ती –

इसके बाद थक-हारकर फाजिल ने अपनी बच्ची को कृष्णा नगर के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां दो दिन में तकरीबन 13000 रुपये खर्च हे गये। इसके बाद परिवार की अपनी आर्थिक स्थिति ठीक न होने की बात अस्पताल प्रबंधन को बताया तो,अस्पताल प्रबंधन ने फिर केजीएमयू  अस्पताल रेफर कर दिया गया। इसके बाद परिवार के लोग बच्ची को लेकर केजीएमयू ट्रामा सेंटर पहुंचे, लेकिन वहां से भी वापस कर दिया गया। इसके बाद परिजन पीजीआई पहुंचे, वहां से भी वापस कर दिया गया।

मेडिकल कॉलेज बच्ची को किया भर्ती –

एंबुलेंस में ही एंबु बैग से बच्ची को सांस देने की कोशिश कर रहे थे। नर्सिंग एसोसिएशन की पूर्व अध्यक्ष सीमा शुक्ला की नजर बच्ची पर पड़ी तो उन्होंने रिक्वेस्ट करके मेडिकल कॉलेज में बच्ची को भर्ती किया गया, लेकिन कुछ देर बाद बच्ची की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि अगर सही समय पर इलाज मिल जाता तो बच्ची जिंदा होती।

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