Arvind Kejriwal: क्या अरविंद की गिरफ्तारी से बीजेपी को हुआ बड़ा फायदा? मोदी की रणनीति में फंस गया विपक्ष
Arvind Kejriwal: चाहे टिकट बंटवारे में दलबदलुओं को कैंडिडेट बनाना हो या फिर विरोधियों को टारगेट करने की रणनीति, पार्टी पूरी प्लानिंग से आगे बढ़ती दिख रही है। जिस तरह से दिल्ली के सीएम और AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल पर ईडी का एक्शन हुआ, उसे लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं।
Arvind Kejriwal: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की ईडी की सराहना, बोले- हमने शुरू की है भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई
2024 के चुनावी रण को लेकर सियासी बिसात बिछ चुकी है। सत्ता पक्ष हो या विपक्षी खेमा अपने-अपने तरीके से रणनीति में बनाने में जुटे हैं। ऐसे में सभी की निगाहें बीजेपी पर है, जो लोकसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाने को बेहद एक्टिव दिख रही। पार्टी नेतृत्व ने इस चुनावी समर में अपने लिए 370 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। यही नहीं बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के लिए 400 पार का टारगेट सेट किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पॉपुलैरिटी, विश्वसनीयता के साथ-साथ मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए पार्टी नेतृत्व को पूरी उम्मीद है कि वो इस चुनावी समर में जोरदार प्रदर्शन में सफल होंगे।
इसके लिए आलाकमान हर कदम फूंक-फूंक कर उठा रही है। चाहे टिकट बंटवारे में दलबदलुओं को कैंडिडेट बनाना हो या फिर विरोधियों को टारगेट करने की रणनीति, पार्टी पूरी प्लानिंग से आगे बढ़ती दिख रही है। जिस तरह से दिल्ली के सीएम और AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल पर ईडी का एक्शन हुआ, उसे लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं। कहा जा रहा कि इस कार्रवाई से दिल्ली में AAP-कांग्रेस को सहानुभूति फैक्टर अहम रोल निभा सकता है। हालांकि, बीजेपी नेतृत्व इससे परेशान नजर नहीं आ रही और वो लगातार केजरीवाल के मामले पर हमलावर रवैया अपनाए हुए है।
क्या हीरो बन जाएंगे अरविंद केजरीवाल?
एक सवाल हर किसी के जहन में उठ रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी क्या बीजेपी के लिए सेटबैक साबित होने वाली है? आमतौर पर देश की राजनीति में ऐसा ही होता रहा है कि जेल जाने वाला हर नेता हीरो बनकर निकलता रहा है। तो क्या दिल्ली में ऐसा होने वाला है। क्या अरविंद केजरवाल के प्रति उपजी सहानुभूति के चलते दिल्ली में बीजेपी साफ हो जाएगी। इस तरह के तमाम सवाल और उसके जवाब आजकल दिए जा रहे हैं। पर अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के प्रकरण का एक और पहलू है। क्या बीजेपी ने केजरवाल की गिरफ्तारी को भी अपनी रणनीति से फायदे का सौदा बना लिया है?
सभी दलों ने आप को दिया अपना समर्थन
अगर आपने रविवार को मेरठ में हुई पीएम नरेंद्र मोदी की रैली में उनका भाषण सुना है तो आप निश्चित ही इस रणनीति को समझ सकेंगे। जिस तरह मोदी ने भ्रष्टाचारियों के खिलाफ इस रैली में ताल ठोंकी है उससे क्या ऐसा नहीं लगता है कि बीजेपी केजरीवाल की गिरफ्तारी के सिंपैथी फैक्टर का फायदा विपक्ष को नहीं पहुंचने देने वाली है। केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद विपक्षी दलों के बीच अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी केंद्र में आ गई है। सभी दलों ने अपने मतभेद भुलाकर आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल को अपना समर्थन दिया है।
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बीजेपी को हुआ बड़ा फायदा
यहां तक झारखंड मुक्ति मोर्चा के तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी भी इसी तरह की परिस्थितियों में हुई पर उन्हें इस तरह का समर्थन नहीं मिला। अब केजरीवाल की गिरफ्तारी पर जिस तरह विपक्ष ने अपनी एकजुटता दिखाई है वो अरविंद केजरीवाल को विपक्ष के केंद्र में लाकर खड़ा करता है। कांग्रेस सहित सभी क्षेत्रीय पार्टियों की चमक आम आदमी पार्टी के सामने फीकी पड़ गई है। बीजेपी के लिए इससे बड़ा फायदा क्या हो सकता है। बीजेपी की रणनीति में हमेशा कांग्रेस को डैमेज पहुंचाना रहता है। आपने ध्यान दिया होगा कि पीएम मोदी के हर भाषण के केंद्र में कांग्रेस और राहुल गांधी ही होते हैं।
जुटान में नहीं आईं ममता बनर्जी
विपक्ष ने जिस तरह केजरीवाल की गिरफ्तारी पर दिल्ली के रामलीला मैदान में अपनी एकजुटता दिखाई है उससे विपक्ष के केंद्र में राहुल गांधी की बजाय अरविंद केजरीवाल आ गए हैं। जो जेल में हैं। शायद इसी कारण ममता बनर्जी इस जुटान में नहीं आईं। वो अनुभवी हैं और जानती हैं कि अपने सिवाय किसी और को हीरो नहीं बनने देना है। बीजेपी जानती है कि राहुल गांधी और कांग्रेस के बजाय कोई भी दूसरा केंद्र में आए तो फायदा बीजेपी का ही होने वाला है। आपने देखा होगा कि पिछले कुछ दिनों से इलेक्टोरल बॉन्ड की बातें कम हो गई हैं।
अरविंद केजरीवाल के गिरफ्तारी की हो रही बात
देश के सामने बीजेपी को घेरने के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड का मुद्दा केजरीवाल की गिरफ्तारी से बड़ा मुद्दा था। पर अब उसकी चर्चा कम हो रही है पर मुख्य मुद्दा नहीं है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा, जाति जनगणना, सामाजिक न्याय आदि की बातें फीकी पड़ गईं हैं। अब बात सिर्फ ईडी की हो रही है। अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की हो रही है। हालांकि आम आदमी को अब केजरीवाल की गिरफ्तारी से कोई मतलब नहीं है। आम लोगों के मतलब के मुद्दे केजरीवाल की गिरफ्तारी के आगे गौण हो गए हैं। विपक्ष को भ्रष्टाचार का तरफदार साबित कर देनाप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी लगातार यह साबित करने की कोशिश कर रही है कि विपक्ष भ्रष्टाचार के आरोपियों की गिरफ्तारी पर गैरवाजिब आंसू बहा रहा है।
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प्रधानमंत्री मोदी ने की ईडी की सराहना
जिस तर हेमंत सोरेन और अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर विपक्ष ने केंद्र सरकार की एजेंसियों पर सवाल उठाएं हैं वह इसी का उदाहरण है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2024 को संबोधित करते हुए भ्रष्टाचार से निपटने में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जिस तरह सराहना की थी उसका मतलब था कि वो जांच एजेंसी के कार्यों पर विपक्षी दलों की चिंताओं को खारिज कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को उत्तर प्रदेश में अपने लोकसभा चुनाव अभियान की शुरुआत करते हुए मेरठ से विपक्ष पर भी निशाना साधा और कहा कि कुछ लोग इसलिए परेशान हैं क्योंकि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं।
भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू की लड़ाई
प्रधानमंत्री मोदी ने मेरठ में कहा कि पिछले 10 वर्षों में देश ने देखा है कि हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई शुरू की है। हमने यह सुनिश्चित किया है कि कोई भी बिचौलिया गरीबों का पैसा नहीं चुरा सके। मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहा हूं, यही वजह है कि आज भ्रष्टाचारी सलाखों के पीछे हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आगामी चुनाव एनडीए के बीच है, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहा है, और दूसरा समूह, जो भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए लड़ रहा है। मोदी का मंत्र है ‘भ्रष्टाचार हटाओ’ है और वे कहते हैं ‘भ्रष्टाचारी बचाओ’। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि वह सिर्फ भ्रष्टाचारियों की जांच नहीं कर रहे हैं, बल्कि लोगों की चुराई गई संपत्ति उन्हें वापस लौटा रहे हैं।
जिसने देश काे लूटा, उस संपत्ति को वापस लौटाना मेरा कर्तव्य
उन्होंने कहा, “मैं सिर्फ भ्रष्टाचारियों की जांच नहीं कर रहा हूं। यह मेरी गारंटी है कि जिसने भी मेरे देश के लोगों को लूटा है, मैं अपने लोगों की चुराई गई संपत्ति उन्हें वापस लौटा रहा हूं। मोदी अपनी चुनाव सभाओं और अन्य मंचों पर यह लगातार बता रहे हैं कि भ्रष्टाचारियों की कितने हजार करोड़ की संपत्ति उनके कार्यकाल के दौरान जब्त की गई है। विपक्ष के लिए इससे बड़ी विसंगति और क्या हो सकती है कि जिस कांग्रेस ने दिल्ली के शराब घोटाले की शिकायत की, उसी को अब अरविंद केजरीवाल का बचाव करना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा विपक्ष की इन्हीं विसंगतियों को जनता के बीच लाकर विपक्ष को दीवार से लगाने का काम कर रही है।
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