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Aditya L-1: एक बार फिर इसरो इतिहास रचने को है तैयार, आज लॉन्च होगा आदित्य L- 1

आदित्य- L1 की लॉन्चिंग आज यानी शनिवार सुबह 11:50 बजे लॉन्च किया जाएगा। आदित्य सूरज के कोरोना से निकलने वाली गर्मी और गर्म हवाओं की स्टडी करेगा।

Aditya L-1: जानिए इसरो क्यों भेज रहा है आदित्य-L1, क्या होगें इसके फायदें 


चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारत सूर्य मिशन आदित्य-एल 1 लॉन्च करने के लिए तैयार है। आज इस मिशन को लॉन्च किया जाएगा। इसे लैग्रेंजियन बिंदु 1 पर भेजा जाना है। पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस बिंदु तक मिशन को पहुंचने में लगभग चार महीने का वक्त लगेगा।
Aditya L-1: चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान 3 की ऐतिहासिक लैंडिंग के बाद इसरो एक बार फिर इतिहास रचने की कोशिश कर रहा है। अब देश के साथ-साथ विश्व देश की निगाहें ISRO के सूर्य मिशन यानी Aditya-L1 पर टिकी हैं। इसका काउंटडाउन भी शुरू हो गया है। मिशन आज सुबह 11.50 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्पेस स्टेशन से लॉन्च किया जाएगा। लॉन्चिंग के ठीक 127 दिन बाद यह अपने पॉइंट L1 तक पहुंचेगा। इस पॉइंट पर पहुंचने के बाद Aditya-L1 बेहद अहम डेटा भेजना शुरू कर देगा।

सौर वायुमंडल को समझने की कोशिश करेगा आदित्य-L1

शेड्यूल के मुताबिक आदित्य- L1 की लॉन्चिंग आज यानी शनिवार सुबह 11:50 बजे लॉन्च किया जाएगा। आदित्य सूरज के कोरोना से निकलने वाली गर्मी और गर्म हवाओं की स्टडी करेगा। सौर हवाओं के विभाजन और तापमान की स्टडी करेगा। सौर वायुमंडल को समझने का प्रयास करेगा।

क्यों भेजा जा रहा है आदित्य-L1

इसरो का सूर्यमिशन सूर्य से जुड़े कई रहस्यों को उजागर करने के लिए काम करने वाला है। आदित्य-L1 जिस खास काम के लिए भेजा जा रहा है उनमें सबसे पहले तो ये शामिल है कि, सौर तूफानों के आने की वजह क्या है और सौर लहरों और उनका धरती के वायुमंडल पर क्या असर पड़ता है, यह भी पता लगाएगा।

यहां देख सकते हैं लॉन्चिंग का लाइव प्रसारण

इस मिशन का मकसद सूर्य के बारे में अधिक से अधिक जानकारी जुटाना है। मून मिशन की तरह इसरो आदित्य-L1 की लॉन्चिंग का लाइव टेलीकास्ट करेगा। इसे आप इसरो के यूट्यूब और फेसबुक पेज पर लाइव प्रसारण देख सकते हैं।

आदित्य एल – 1 कुल इतनी दूरी तय करेगा

आदित्य एल-1 अंतरिक्ष यान को पृथ्वी और सूर्य के बीच की एक फीसदी दूरी तय करके L-1 पॉइंट पर पहुंचा देगा। L1 सूरज और धरती की कुल दूरी का एक फीसदी हिस्सा है, यानी 15 लाख किलोमीटर। जबकि, सूरज से धरती की दूरी 15 करोड़ किलोमीटर है।
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