World Press Freedom Day 2020: ऐसे चमत्कारिक पत्रकार के बारे में जिसे “रैमॉन मैगसेसे” पुरस्कार मिला
World Press Freedom Day 2020: क्यों मनाया जाता है विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस
World Press Freedom Day 2020: प्रत्येक वर्ष 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। हर साल इसकी थीम अलग होती है। इसकी मेजबानी भी हर साल अलग-अलग देशों को मिलती है। यूनेस्को महासम्मेलन की अनुशंसा के बाद दिसंबर 1993 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 3 मई को प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाने की घोषणा की। तब से 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रा दिवस मनाया जाता है। यह दिन प्रेस की सेवा करते हुए दिवंगत हुए संवादाताओं को श्रधांजलि देने का दिन होता है। इसका एक और मकसद है। सरकारों को यह याद दिलाना है कि अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार की रक्षा और सम्मान करना इनका कर्तव्य है। लोकतंत्र के मूल्यों की सुरक्षा और उनको बहाल करने में मीडिया अहम भूमिका निभाता है। इसलिए सरकारों को पत्रकारों की विशेष सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
2019 में रवीश कुमार को रैमॉन मैगसेसे पुरस्कार से किया गया सम्मानित
पत्रकारिता की दुनिया में रविश कुमार एक ऐसा नाम है, जिन्हें हर कोई पहचानता है। ये पहचान उन्होंने किसी और तरह से नहीं बल्कि ‘सच’ के दम पर पाई है।रविश कुमार एक ऐसे पत्रकार है, जिन्होंने समाज को एक नई सोच देने का काम किया है। खबर को वैसा ही दिखाया है, जैसी की वो है। उन्होंने देश के युवाओं को दूसरों से सीखकर या भीड़ के पीछे-पीछे चलकर नहीं बल्कि खुद के अनुभव से आगे बढ़ने और अपनी पसंद-नापसंद को तय करने का नज़रिया दिया है।रवीश कुमार एनडीटीवी के मैनेजिंग एडिटर है जिनको 2019 के ‘रैमॉन मैगसेसे’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।रवीश कुमार ये सम्मान पाने वाले छठे पत्रकार हैं। ‘रैमॉन मैगसेसे’ को एशिया का नोबेल पुरस्कार भी कहा जाता है और ये पुरस्कार एशिया के व्यक्तियों और संस्थाओं को उनके अपने क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए दिया जाता है।
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रवीश कुमार को जब रैमॉन मैगसेसे पुरस्कार मिला तो उनको दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने दी थी बधाई
2019 में जब रवीश कुमार को रैमॉन मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, उस सयम उनको हर तरफ से बधाई के संदेश आ रहे थे। उनको वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी, मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल ने बधाई दी थी। अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट में लिखा, ‘रवीश कुमार को 2019 के रेमॉन मैगसेसे पुरस्कार मिलने की बड़ी खबर सुनकर प्रसन्नता हुई। मैं रवीश का मैगसेसे पुरस्कार विजेताओं के क्लब में स्वागत करता हूं और उम्मीद करता हूं कि अपनी बहादुर पत्रकारिता को इस बुरे समय में भी मजबूती से आगे बढ़ाएंगे
Delighted to hear the great news of Ravish Kumar being announced 2019 Ramon Magsaysay award.
I welcome Ravish to the club of Magsaysay awardees and hope to see his brave journalism go from strength to strength in these difficult times.
Many congratulations my friend
Well done— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 2, 2019
रवीश कुमार से पहले किसे और कब मिला था रैमॉन मैगसेसे पुरस्कार
रैमॉन मैगसेसे पुरस्कार12 साल बाद किसी भारतीय पत्रकार को मिला था। रवीश कुमार से पहले, साल 2007 में पी. साईनाथ को पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के लिए मैग्सेसे पुरस्कार से मिला था। रवीश के अलावा 2019 के रैमॉन मैगसेसे पुरस्कार अन्य चार और लोगों को मिला जिसमे म्यांमार से को स्वे विन, फिलीपींस से रेमुंडो पुजांते कैयाब, थाईलैंड से अंगखाना नीलापजीत और दक्षिण कोरिया से किम जोंग शामिल थे।
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