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गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन में एक नन्हे बच्चे ने सभली बड़ी जिम्मेदारी

जानें सात साल की नीशू पिता के साथ किसान आंदोलन में कैसे हाथ बंटाती है


 

नए कृषि कानूनों के खिलाफ अभी किसानों का आंदोलन काफी तेज होता जा रहा है. किसानों को आंदोलन करते हुए एक महीने से ज्यादा हो गया है. किसान लम्बे समय से नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे है इसके लिए किसानों ने दिल्ली एनसीआर के सारे बॉर्डर ब्लॉक किये हुए है. इस आंदोलन में बड़े, बूढ़े, बच्चे और महिलाएं सभी शामिल है लेकिन आज हम आपको एक सात साल के बच्चे की कहानी बता रहे है जो रोज अपने पिता के साथ किसान आंदोलन में जाता है और वहां पर अपने पिता के साथ एक बड़ी जिम्मेदारी को संभालता है.

 

जानें सात साल की नीशू गाजीपुर बॉर्डर पर अपने पिता का हाथ कैसे बंटाती है

गाजीपुर बॉर्डर पर भी किसान आंदोलन चल रहा है. वहां पर अजय नाम का एक व्यक्ति पिछले तीन दिन से रोज जा रहा है. अजय वहां किसानों की हेयर कटिंग, शेविंग और मसाज करता है और इसके लिए वह किसानों से कोई पैसे भी नहीं लेता है. अजय के साथ वहां उनकी एलकेजी कक्षा में पढ़ने वाली सात साल की बेटी नीशू भी जाती है और किसान आंदोलन का हिस्सा बनती है इतना ही नहीं वहां जाकर नीशू अपने पिता का हाथ भी बंटाती है. नीशू सुबह ही अपने पिता के साथ कॉपी-पेन लेकर बैठ जाती है और हेयर कटिंग, शेविंग और मसाज करने वाले किसानों को क्रमबद्घ करने के लिए उनकी एंट्री करती है. वह अपनी कॉपी में किसानों के नाम और मोबाइल नंबर लिखती है. उसके बाद पिता कॉपी में दर्ज नाम के हिसाब से ही हेयर कटिंग, शेविंग और मसाज करते हैं.

 

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रोज कितने किसानों की होती है एंट्री

अजय बताते है कि वो रोज करीब 60 से 70 किसानों की कटिंग, शेविंग और मसाज करते है वह सुबह 9 बजे से शाम को 7 बजे तक किसानों के लिए अपनी सर्विस देते है. उनके साथ उनकी बेटी निशु भी सुबह 9 बजे से शुरू हुआ एंट्री के काम को शाम को 7 बजे तक करती है. इतना ही नहीं निशु की एंट्री के अनुसार जिन लोगों की सेवा 7 बजे तक नहीं हो पाती उन्हें अगले दिन कॉपी में से नाम और मोबाइल नंबर देखकर फोन कर के बुलाया जाता है. अजय के अनुसार वो पिछले तीन दिनों में 150 से ज्यादा किसानों की निःशुल्क कटिंग, शेविंग और मसाज की सेवा दे चुके है.

 

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