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International Nelson Mandela Day 2020: आखिर क्यों कहा जाता है नेल्सन मंडेला को  `Greatest of All Time`

क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय नेल्सन मंडेला दिवस?


हर साल 18 जुलाई को पूरे विश्वभर में अंतरराष्ट्रीय नेल्सन मंडेला दिवस मनाया जाता है। नेल्सन मंडेला को दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद एवं भेदभावपूर्ण प्रणाली के विरुद्ध लड़ाई लड़ने वाले विश्व नेता के रूप में जाना है। अंतरराष्ट्रीय नेल्सन मंडेला दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को अच्छे कार्यों के प्रति जागरूक करना है और ऐसे अच्छे कामों के लिए एक दूसरे को प्रेरित करना है। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय नेल्सन मंडेला दिवस अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकतंत्र की स्थापना तथा उनके द्वारा किये गए संघर्ष और योगदान द्वारा दुनिया में शांति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भी मनाया जाता है। 2009 के नवम्बर महीने में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अंतरराष्ट्रीय नेल्सन मंडेला दिवस मनाये जाने का प्रस्ताव पारित की गई थी। यह प्रस्ताव पारित होने के बाद पहली बार 18 जुलाई 2010 को अंतरराष्ट्रीय नेल्सन मंडेला दिवस मनाया गया था।

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नेल्सन मंडेला के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें

नेल्सन मंडेला का जन्म 18 जुलाई 1918 को म्वेज़ो, दक्षिण अफ़्रीका में हुआ था। नेल्सन मंडेला के पिता का नाम हेनरी म्फ़ाकेनिस्वा था। नेल्सन मंडेला के पिता की तीन पत्नियां थी। नेल्सन मंडेला ने अपने स्कूल और कॉलेज की शिक्षा पूरी करने के बाद कानून की पढ़ाई की। जिसने उन्हें बाद में अन्याय के विरुद्ध लड़ाई लड़ने में ताकत प्रदान की। नेल्सन मंडेला का सपना था कि वो अपने देश और दुनिया के लोग शिक्षित, खुशहाल और समृद्ध देखना चाहते थे उनका मानना  था कि शिक्षा विश्व को बदलने का सबसे बड़ा हथियार है इससे आप कुछ भी कर सकते है। नेल्सन मंडेला को लोग प्यार से मदीबा बुलाते थे। नेल्सन मंडेला गांधी जी के विचारों से काफी प्रभावित थे। नेल्सन मंडेला 10 मई 1994 को दक्षिण अफ्रीका के पहला अश्वेत राष्ट्रपति बने थे।

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नेल्सन मंडेला ने क्यों 27 साल जेल में बिताए

नेल्सन मंडेला ने रंगभेद एवं भेदभावपूर्ण प्रणाली के खिलाफ आवाज उठाई थी। इसी के चलते 1956 में उन पर और उनके साथ 155 कार्यकर्ताओं पर मुकदमा चलाया गया था। जिससे चार साल बाद खत्म कर दिया गया था। उसके बाद नेल्सन मंडेला ने देश की अर्थव्यवस्था के विरुद्ध अभियान चलाया था। जिसके लिए उन्हें 05 अगस्त 1962 को मजदूरों को हड़ताल के लिए उकसाने और बिना बताये देश छोड़ने के लिए गिरफ़्तार कर लिया गया था जिसके बाद 1964 में नेल्सन मंडेला को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। जिसके कारण उनको 1964 से साल 1990 तक जेल में रहना पड़ा था इस दौरान नेल्सन मंडेला को रॉबेन द्वीप के कारागार में रखा गया था। इस कारागार में उनको कोयला खनिक का काम कराया जाता था।

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