Left Hand Right Hand Writing Reason: दुनिया में 10 फीसदी लोग हैं लेफ्टी जबकि 90% लोग लिखने और खाने पीने में करते दाएं हाथ का उपयोग, जानें क्या है खासियत
Left Hand Right Hand Writing Reason: आप लिखने के लिए किस हाथ का इस्तेमाल करते हैं? जाहिर सी बात है कि दाहिने यानी सीधे हाथ का ही इस्तेमाल करते होंगे। 10 लोगों में से 9 का जवाब शायद यही होगा। सर्वे भी यही बताती है कि दुनिया के 90 फीसदी लोग दाएं हाथ से लिखते हैं। जबकि बाकी 10 फीसदी लोग लेफ्टी हैं।
Left Hand Right Hand Writing Reason: क्या वाकई लेफ्टी लोग राइट वालों से अलग होते हैं? जानें क्या कहता है रिसर्च
आप लिखने के लिए किस हाथ का इस्तेमाल करते हैं? जाहिर सी बात है कि दाहिने यानी सीधे हाथ का ही इस्तेमाल करते होंगे। 10 लोगों में से 9 का जवाब शायद यही होगा। सर्वे भी यही बताती है कि दुनिया के 90 फीसदी लोग दाएं हाथ से लिखते हैं। जबकि बाकी 10 फीसदी लोग लेफ्टी हैं। केवल लिखने से ही इसका संबंध नहीं है। खाने-पीने के लिए, इनडोर या आउटडोर गेम खेलने में, कोई सामान उठाने के लिए, किसी को कोई चीज पकड़ाने और ऐसे ही अन्य काम में भी ज्यादातर लोग दाएं हाथ का ही इस्तेमाल करते हैं। इसके पीछे 2 कारण हैं, एक तो है हमारा दिमाग और दूसरा है हमारा DNA। आइए विस्तार से जानते हैं-
यह तो लगभग हर किसी ने किताबों में पढ़ा ही होगा कि हमारे दिमाग का बायां हिस्सा हमारे शारीर के दाएं हिस्से और अंगों को कंट्रोल करता है। जबकि हमारे दिमाग का दायां हिस्सा हमारे शारीर के बाएं हिस्से और अंगों को कंट्रोल करता है। यूं समझ लें जब भी हम किसी भी नई भाषा को बोलना या फिर लिखना सीखते हैं तो उस स्थिति में हमारे दिमाग का बायें वाले भाग का काफी ज्यादा इस्तेमाल होता है।
ब्रेन की होती पहली प्राथमिकता
ज्यादातर लोगों के सीधे हाथ से लिखने का कारण यहीं छिपा है। हमारे ब्रेन की पहली प्राथमिकता होती है कि कम से कम एनर्जी खर्च कर ज्यादा से ज्यादा काम निकाला जाए। ज्यादातर लोगों के दिमाग में एनर्जी मैनेजमेंट यानी ऊर्जा प्रबंधन की यह कला होती है। Left hand से लिखने की स्थिति में अगर हमारा दिमाग सभी भाषा के डाटा को प्रोसेस करके right हिस्से वाले दिमाग में ट्रान्सफर करता है।
ये है कारण
इसके बाद दायें हिस्सा वाला दिमाग उन सिग्नल्स को समझ कर हमारे left hand को लिखने का आदेश देता है तो इस पूरी ही प्रक्रिया में अतिरिक्त उर्जा और समय लगता है। इसी अतिरिक्त उर्जा और समय को बचाने के लिए ज्यादातर स्थिति में हमारा दिमाग परोक्ष रूप से (indirectly) हमें मजबूर करता है कि हम सीधे हाथ से ही लिखें।
क्या वाकई लेफ्टी लोग राइट वालों से अलग होते हैं?
आम तौर पर लोगों की धरणा होती है कि लेफ्टी वाले लोग राइट वालों से ज्यादा क्रिएटिव होते हैं। कुछ रिसर्च में ऐसा कहा भी गया है। तो वहीं कुछ रिसर्च में इस बात को नकार दिया गया है। यानी यह कह सकते हैं कि लेफ्ट ओर राइट दोनों ही हाथों से काम करने वाले लोग एक जैसे ही होते हैं उनमें ज्यादा कोई फर्क नहीं होता।
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लेफ्टी को लेकर ये है खास
- बाएं हाथ से काम करने वाले लोग, जिनके दिमाग का दाहिना भाग अधिक सक्रिय होता है, जिस वजह से वे अधिक रचनात्मक और तार्किक होते हैं। शोधकर्ताओं ने अपने शोध के आधार पर पाया कि संगीत और गणित जैसे विषयों में उनका मन अधिक लगता है और वे इन क्षेत्रों में अपेक्षाकृत अधिक अच्छा प्रदर्शन देते हैं।
- जीएमए पत्रिका में प्रकाशित शोध के मुताबिक बाएं हाथ का अधिक इस्तेमाल करने वाले लोग टेनिस, बॉक्सिंग जैसे खेलों में अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन देते हैं। उनमें खेल के दौरान दोनों हाथों के उपयोग की क्षमता होती है जिससे वे बेहतर प्रदर्शन देते हैं।
- एक मिथक आम है कि दाएं हाथ का इस्तेमाल करने वाले बाएं हाथ का इस्तेमाल करने वालों से 9 साल ज्यादा जीते हैं। मगर यह मिथक पूरी तरह से गलत है। इस मसले पर अमेरिका में बाकायदा स्टडी की जा चुकी है। यह स्टडी वैज्ञानिक जर्नल्स नेचर और न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में छपी थी। स्टडी करने वालों के अनुसार यह बिल्कुल सच नहीं है। इसमें कई ऐसे लोगों को शामिल किया गया जो दाएं हाथ या बाएं हाथ से काम करने वाले थे। इनमें से कइयों की डेथ हो चुकी थी।
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