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Hindenburg Report: क्या अडानी ने धोखाधड़ी कर के अपना साम्राज्य खड़ा किया

Hindenburg Report: हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट ने हिला दिया पुरा अडानी ग्रुप, जानें क्या है पुरा मामला


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.  अडानी की संपत्ति फोर्ब्स रियल टाइम बिलेनियर इंडेक्स के मुताबिक 6.1 अरब डॉलर यानी 489,99,30,00,000 रुपये घट गई।

.  हिंडनबर्ग रिसर्च की लेटेस्ट रिपोर्ट में अडानी ग्रुप से 88 सवाल किए गए हैं।

.  इस रिपोर्ट द्वारा भारतीय शेयर बाजार में पैदा की गई अस्थिरता बड़ी चिंता का विषय है।

Hindenburg Report: साल के पहले महीने में ही अडानी ग्रुप के लिए एक अमेरिकी फर्म की रिपोर्ट नुकसानदायक साबित हुई है। इस रिपोर्ट के बाद गौतम अडानी की कंपनियों के शेयरों में काफी गिरावट आई थी। फॉरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च फर्म Hindenburg की रिपोर्ट में अडानी ग्रुप की कंपनियों पर कई सवाल खड़े किए गए हैं।

इस रिपोर्ट के बाद गौतम अडानी की संपत्ति फोर्ब्स रियल टाइम बिलेनियर इंडेक्स के मुताबिक 6.1 अरब डॉलर यानी 489,99,30,00,000 रुपये घट गई। फॉरेंसिक फाइनेशियल रिसर्च फर्म Hindenburg ने अपनी एक रिपोर्ट जारी की है। जिसमें कहा गया है कि अडानी की कंपनियों में शॉर्ट पोजीशन पर है। रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप के सभी कंपनियों के लोन  पर भी सवाल खड़े किए हैं। रिपोर्ट में दावा किया है कि अडानी ग्रुप की 7 प्रमुख लिस्टेड कंपनियां 85 फीसदी से अधिक ओवरवैल्यूज हैं। हिंडनबर्ग रिसर्च की लेटेस्ट रिपोर्ट में अडानी ग्रुप से 88 सवाल किए गए हैं। जिस में से कुछ सवाल इस तरह हैं।

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1.  गौतम अडानी के छोटे भाई, राजेश अडानी पर राजस्व खुफिया निदेशालय द्वारा 2004-2005 के आसपास हीरा व्यापार आयात/निर्यात योजना में मुख्य भूमिका निभाने का आरोप लगाया गया था। जालसाजी और कर धोखाधड़ी के अलग-अलग आरोपों में राजेश को दो बार गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्हें अडानी समूह के प्रबंध निदेशक के रूप में पदोन्नत किया गया।

2.  समूह के बहुत शीर्ष रैंक और 22 प्रमुख लोगो में से 8 अडानी परिवार के सदस्य हैं।  समूह की वित्तीय और प्रमुख निर्णयों को कुछ लोगो के हाथों  में है। एक पूर्व  कार्यकारी ने अडानी समूह को “एक पारिवारिक व्यवसाय” के रूप में वर्णित किया था।

3.  हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा विनोद अडानी या करीबी सहयोगियों द्वारा नियंत्रित 38 मॉरीशस शेल संस्थाओं की पहचान की है। हमने ऐसी संस्थाओं की पहचान की है जो साइप्रस, यूएई, सिंगापुर और कई कैरिबियाई द्वीपों में विनोद अडानी द्वारा गुप्त रूप से नियंत्रित हैं।

4. अडानी के सूचीबद्ध कंपनियों में स्टॉक हेरफेर के सबूतों पर आश्चर्य नहीं होना चाहिए। सेबी ने अडानी एंटरप्राइजेज के स्टॉक को पंप करने के लिए अडानी प्रमोटर्स सहित 70 से अधिक संस्थाओं और व्यक्तियों पर वर्षों से जांच और मुकदमा चलाया है।

5. हिंडनबर्ग रिसर्च का कहना है कि सूचीबद्ध और निजी दोनों कंपनियों द्वारा कई अघोषित संबंधित पक्ष लेन-देन की भी पहचान की, जो भारतीय प्रकटीकरण कानूनों का खुला और बार-बार उल्लंघन प्रतीत होता है।

वहीं अडानी समूह ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को निराधार और बदनाम करने वाला बताया है। समूह के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) जुगेशिंदर सिंह ने कहा, रिपोर्ट में इस्तेमाल तथ्यात्मक आंकड़े प्राप्त करने के लिए समूह से कोई संपर्क नहीं किया गया। यह रिपोर्ट चुनिंदा गलत व बासी सूचनाओं, निराधार और बदनाम आरोपों का एक दुर्भावनापूर्ण संयोजन है। इसे भारत की सर्वोच्च अदालतों ने खारिज कर दिया है।

आपको बता दें अडानी ग्रुप के लीगल हेड जतिन जालंधवाला ने गुरुवार को कहा, ’24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा प्रकाशित दुर्भावनापूर्ण और बिना रिसर्च वाली रिपोर्ट ने अडानी ग्रप, हमारे शेयरधारकों और निवेशकों को काफी अधिक प्रभावित किया है। इस रिपोर्ट द्वारा भारतीय शेयर बाजार में पैदा की गई अस्थिरता बड़ी चिंता का विषय है।  इससे भारतीय नागरिकों को काफी नुकसान पहुंचाया है। स्पष्ट रूप से इस रिपोर्ट को अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर प्राइस पर निगेटिव इफेक्ट डालने के लिए डिजाइन किया गया था। हिंडनबर्ग रिसर्च को अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट का फायदा उठाना था।

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