किसान और सरकार के बीच 10वें दौर की बैठक आज, क्या निकलेगा कोई समाधान
किसान आंदोलन को लेकर समिति को दो महीने के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश
नए कृषि कानूनों को लेकर लम्बे समय से केंद्र सरकार और किसानों के बीच जबरदस्त टक्कर चल रही है. आज केंद्र सरकार और किसानों के बीच 10वें दौर की बैठक है. पहले किसानो और केंद्र सरकार के बीच ये बैठक कल यानि की मंगलवार को होनी थी. लेकिन कुछ कारणों की वजह से इसे टाल दिया गया. अब ये बैठक आज दोपहर दो बजे से विज्ञान भवन में होगी. जैसा की हम सभी लोग जानते है कि आंदोलनकारी किसानों ने 26 नवंबर से ही तीनों नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन किया हुआ है. किसान कृषि के नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं. दूसरी तरफ केंद्र सरकार का कहना है कि नए कृषि कानून किसानों के लिए हितकारी है. बीच में आ रहे गतिरोध को बातचीत से सुलझाया जा सकता है. इसे लेकर अभी तक केंद्र सरकार और आंदोलनकारी किसानों के बीच नौ बैठकें हो चुकी है और आज दसवीं बैठक है.
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आज है किसान आंदोलन का 56वां दिन
नए कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन को आज 56वें दिन पर जा पंहुचा है. फिलहाल केंद्र सरकार और किसानों के बीच नौ बैठकें हो चुकी है. आज किसान और केंद्र सरकार के बीच 10वें दौर की बैठक है. अभी किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के अध्यक्ष ने बताया की उन्हें आज की बैठक से भी कोई उम्मीद नहीं है. उनका कहना है कि इसका नतीजा भी पहली बैठक जैसा ही रहेगा क्योंकि सरकार का नए कृषि कानून को रद्द करने का मन नहीं है और हम इसे रद्द किये बिना मानेगे नहीं.
केंद्र सरकार वार्ता के माध्यम से समाधान तक पहुंचना चाहती है
केंद्र सरकार और किसानों के बीच 15 जनवरी को नौवें दौर की बातचीत हुई थी. जिसके बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि यूनियनों को आपस में अनौपचारिक समूह बनाने और अपनी मांगों के बारे में सरकार को एक मसौदा प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा की हम खुले मन से मसौदे पर विचार करेगे. इतना ही नहीं नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा सरकार ठंड की स्थिति में आंदोलन कर रहे किसानों को लेकर चिंतित है. कृषि मंत्री ने अपनी बात पर जोर देकर कहा कि सरकार वार्ता के माध्यम से समाधान तक पहुंचाने के लिए सकारात्मक है. फिर उन्होंने कहा 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने नए कृषि कानून को लागू करने पर रोक लगा दी और उसके द्वारा गठित समिति से दो महीने में अपनी रिपोर्ट देने को कहा है.
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