बिहार के लाल चंदन कुमार आतंकवादी हमले में शहीद, नम आंखों से हजारों लोगों ने दी विदाई: Bihar News
बिहार के नवादा के रहने वाले चंदन कुमार अपने पांच साथियों के साथ आतंकी हमले में शहीद हो गए हैं और ये दुखद घटना जम्मू क्षेत्र के पुंछ में सेना पर हुए आतंकवादी हमले में हुआ है। शहीद चंदन का शव तिरंगे में लिपटा घर पहुंचा है।
तिरंगे में लिपटा घर पहुंचा शहीद चंदन का शव, एक साल पहले ही हुई थी शादी; पूरे गांव में शोक का माहौल : Bihar News
बिहार के नवादा के रहने वाले चंदन कुमार अपने पांच साथियों के साथ आतंकी हमले में शहीद हो गए हैं और ये दुखद घटना जम्मू क्षेत्र के पुंछ में सेना पर हुए आतंकवादी हमले में हुआ है। शहीद चंदन का शव तिरंगे में लिपटा घर पहुंचा है।
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बिहार के लाल चंदन कुमार वीरगति को प्राप्त –
बिहार के नवादा की माटी में जन्में लाल चंदन कुमार ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। चंदन कुमार, 89 आर्म्ड रेजिमेंट के जवान थे। उन्होंने पांच साल पहले सेना ज्वाइन की थी। वे देश की रक्षा करते हुए पांच अन्य जवानों के साथ वीरगति को प्राप्त हुए है। जम्मू क्षेत्र के पुंछ जिले में गुरुवार को घने जंगल के बीच से गुजर रहे सेना के जवानों पर आतंकियों ने घात लगाकर हमला कर दिया था और इस हमले में पांच जवान बलिदान और दो गंभीर रूप से जख्मी हो गए है। घायल जवान को उपचार के लिए सैन्य अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।वहीं एक बलिदानी जवान की पहचान अभी नहीं हो पाई है।
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जम्मू कश्मीर के पुंछ सेक्टर में सेना के गश्ती वाहन हमला –
बिहार के नवादा के रहने वाले चंदन कुमार अपने पांच साथियों के साथ आतंकी हमले में शहीद हो गए हैं। नवादा के नारोमुरार गांव के मौलेश्वर सिंह और जयंती देवी की तीन संतानों में चंदन कुमार दूसरे नंबर पर थे। इनके पिता गांव में ही खेती बारी करते हैं। जवान चंदन कुमार की प्राथमिक शिक्षा गांव में ही हुई थी तथा पांच वर्ष पूर्व सेना में भर्ती हुए थे। जबकि एक साल पहले ही इनकी शादी धूमधाम से हुई थी।
घर पहुंचा शहीद का शव –
जवान चंदन कुमार का पार्थिव शरीर सेना के हेलीकॉप्टर से गया बिहार लाया गया है, जहां अंतिम सलामी के बाद गया एयरपोर्ट से सड़क मार्ग द्वारा शहीद जवान का पार्थिव शरीर गृहनगर जिले के वारिसलीगंज प्रखंड के नारोमुरार गांव लाया गया है जहां पर नम आँखों से हजारों लोग अंतिम विदाई देने के लिए एकत्रित हुए थे। इसके पूर्व जगह-जगह हजारों की संख्या में हाथों में तिरंगा लेकर लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी है। शहीद की विधवा का विलाप व शव देखने की अंतिम इच्छा की मांग के बाद ग्रामीणों ने राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 20 को खरांठ मोड़ के पास छह घंटों तक जाम किया था। वीरांगना विधवा की जिद्द व जनप्रतिनिधियों की मांग पर सेना के अधिकारियों ने शव भेजने का निर्णय लिया और आखिरकार शव गांव पहुंचा है।
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