वो काली रात, निर्भया की चीखें और दरिंदों की दरिंदगी आज भी सहम जाता है पूरा देश
निर्भया की 16 दिसंबर रविवार की वह सुबह कितनी खूबसूरत रही होगी जब उसने सोचा होगा की आज वो अपने दोस्त के साथ फिल्म देखने जाएगी. लेकिन उसने सपने में भी कभी ये नहीं सोचा होगा की उसके साथ ऐसा होगा या फिर ये उसकी आखिरी सुबह होगी. हमारे देश की राजधानी में आज ही के दिन निर्भया कुछ दरिंदों की हैवानियत का शिकार हुई थी. दिल्ली के मुनिरका का वह बस स्टैंड, वसंत विहार थाना व सागरपुर की वाहनों की पिट को देखकर अभी भी शरीर कांप उठता है. आज निर्भया कांड के आठ साल पुरे हो गए हैं. और इस घटना के दरिंदों को उनकी दरिंदगी के लिए सज़ा भी मिल चुकी है लेकिन उसके बाद भी आज भी ऐसा लगता है की ये कल की ही घटना है.
16 दिसंबर 2012 की काली रात
आज निर्भया कांड के आठ साल हो गए है लेकिन आज भी लोग16 दिसंबर 2012 की रात, सड़क पर दौड़ रही बस और उसमे चीख रही एक जिंदगी को नहीं भुला पाए.निर्भया हैवानों से गुहार लगा रही थी अपनी जान बख्शने के लिए, लेकिन उन 6 दरिंदों को बिलकुल भी तरस नहीं आया. उसके बाद उन दरिंदों ने कुछ ऐसा किया जिससे सुनकर पूरी दुनिया रो पड़ी. उन 6 दरिंदों ने निर्भया के साथ न सिर्फ दुष्कर्म किया बल्कि उसके जिस्म के साथ वो खिलवाड़ किया, जिसके बारे ने कोई सोच भी नहीं सकता. जिसे सुनकर देश भर के लोग सिहर उठे थे. दरिंदों ने निर्भया के साथ दुष्कर्म किया और फिर उसे
निर्वस्त्र हालत में चलती बस से नीचे फेंक दिया था.
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निर्भया की हालत देखकर रो पडे थे डॉक्टर
जब निर्भया उन दरिंदों की हैवानियत का शिकार हुई थी. तो उन दौरान उनका दोस्त भी बस में था। दरिंदों ने उसके साथ भी मारपीट की और उसे भी बस से बाहर फेंक दिया था. पूरी वारदात को अंजाम देने के बाद दरिंदों ने निर्भया को भी निर्वस्त्र हालत में चलती बस से नीचे फेंक दिया था. इसके बाद जब निर्भया को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया तो डॉक्टर भी उनको नहीं देख पाए थे. डॉक्टर ने जब निर्भया की हालत देखी तो वो भी रो पड़े। उनका कहना था कि आज तक उन्होंने दरिंदगी की इस तरह की तस्वीर कभी नहीं देखी। निर्भया की हालत देखकर उनकी रूह भी कांप उठी.
29 दिसंबर, 2012 को ली थी निर्भया ने आखरी सांस
17 दिसंबर को जब निर्भया को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया तो उसके बाद से उनका लगातार इलाज चला, लेकिन हालत में कुछ सुधार नहीं होने की वजह से उनको 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर भेजा गया. लेकिन वहा भी इलाज के दौरान निर्भया जिंदगी की जंग हार गई। 29 दिसंबर को निर्भया ने रात करीब सवा दो बजे अपनी आखरी सांस ली थी. निर्भया की माँ का कहना था कि वह आखिरी दम तक जीना चाहती थी. लेकिन उनकी हालत इतनी खराब हो गयी थी कि डॉक्टर्स भी उनको बचा न सके. दूसरी तरफ यहाँ पुलिस ने निर्भया के दोषियों को खोजना शुरू कर दिया था.
क्या निर्भया कांड के बाद रुके देश में बलात्कार के मामले
एनसीआरबी यानि की नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार निर्भया कांड के बाद भी भारत में दरिंदगी के मामलों में कमी नहीं आई है. निर्भया कांड के बाद बलात्कार से संबंधित मामलों में कड़े कानून बनाए गए हैं, लेकिन उसके बद भी सही समय पर कानून के लागू न होने और न्याय न मिलने के कारण अपराधियों के मन में खौफ नहीं है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2018 में औसतन हर रोज में 91 महिलाओं के साथ बलात्कार के मामले सामने आए थे वही 2018 में कुल 33,356 बलात्कार के मामले सामने आये थे जबकि 2017 की बात करें तो साल 2017 में 32,559 बलात्कार के मामले सामने आये थे. तो 2016 में 38,947 बलात्कार के मामले सामने आये थे.
एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार दुष्कर्म के कुल मामलों में सिर्फ 27 फीसदी को सजा
एनसीआरबी यानि की नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार हमारे देश में दुष्कर्म के दोषियों को सजा देने की दर मात्र 27.2% है. जबकि 2017 में दोषियों को सजा देने की दर कुछ ज्यादा 32.2 फीसदी थी. अगर हम नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट को माने तो इसके अनुसार बीते 17 सालों की तुलना में आज बलात्कार के मामले दोगुने हो गए हैं. एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक 2001‐2017 के बीच पूरे देश में कुल 415786 बलात्ककार के मामले दर्ज किए गए हैं. इस लिहाज से देखें तो हमारे देश में हर दिन औसतन 67 महिलाओं के साथ बलात्कार की घटना होती है.
पाकिस्तान ने बनाया बलात्कारियों के खिलाफ कड़ा कानून
हाल ही में पाकिस्तान सरकार ने बलात्कार की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कानून को मंजूरी दी है. इस कानून के अनुसार बलात्कारियों को दवा देकर बधिया भी बनाया जा सकता है. साथ ही इस कानून के तहत बलात्कार के दोषी को 25 साल कैद की सजा भी दी जाएगी या फिर सहमति से नपुंसक बनाकर छोड़ दिया जाएगा. इतना ही नहीं पाकिस्तान के इस नए कानून के अनुसार अब दुष्कर्म के मामलों में सुनवाई चार माह में पूरी करनी अनिवार्य होगा.
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