Yoga To Relieve Gas : गैस और एसिडिटी से छुटकारा, करे ये 5 योगासन
सुबह योगासन करने से मन-मस्तिष्क शांत रहता है और कमर, हाथ, पैरों और पीठ से जुड़ी समस्यायों से छुटकारा मिलता है।
Yoga To Relieve Gas :एसिडिटी से छुटकारा पाने के लिए रोज करें ये 5 योगासन, जानें अभ्यास का सही तरीका ।
ऐसे कई योगासन होते हैं, जो पेट की गैस और एसिडिटी को दूर करने में असरदार साबित होते हैं,और इन योगासन को रोज भी किया जा सकता है।
गैस और एसिडिटी दूर करने के आसन –
शारीरिक स्वास्थ्य दुरुस्त रखने के लिए कई योगासन करे जाते हैं, हालांकि सिर्फ शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक सेहत को अच्छा रखने के लिए भी योगा करा जाता है । प्रातः काल में योग करने से मन-मस्तिष्क शांत रहता है और कमर, हाथ, पैरों और पीठ आदि से जुड़ी समस्यायों से छुटकारा मिलता है। वैसे तो कई लोग हैं जो पेट की दिक्कतों से परेशान रहते हैं जैसे,गैस, अपच, एसिडिटी और पेट का फूलना ।ऐसी समस्या आजकल की हमारी व्यस्त दिनचर्या की वजह से होती है। ऐसे में कुछ योगासन ऐसे हैं जिन्हें रोजाना किया जाए तो पेट की दिक्कतें कम हो सकती हैं।और तो और जिसे एसिडिटी और गैस परेशान कर रहे हैं उस समय भी पेट से गैस निकालने पर राहत पाने के लिए इन योगासनों को किया जा सकता है।
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पश्चिमोत्तासन योगासन –
इस योगानासन को करना आसान होता है। इसमे सबसे पहले मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। इसके बाद अपने हाथों को सामने की तरफ लाएं, फिर पीठ मोड़ें और आगे झुककर हथेलियां पैर के पंजे पर रखें। शुरूआत में इस योगा को करना मुश्किल हो सकता है, लेकिन धीरे-धीरे आप इसे बेहतर कर सकते है। इस पोज को 4 से 5 सेकंड ही होल्ड करके रखना होता है।
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हलासन योगासन –
पेट की गैस और एसिडिटी से राहत दिलाने के लिए हलासन योगासन भी किया जा सकता है। हलासन करने के लिए पीठ के बल मैट पर लेट जाएं। और अपने दोनों हाथों को शरीर के बगल में रखें और दोनों पैरों को सिर के ऊपर से लेकर जाते हुए जमीन पर टिकाएं। इस आसन को करने पर पेट की दिक्कत ही दूर होती बल्कि बाहर निकला पेट अंदर जाने में भी मदद करती है, और कमर के दर्द से राहत मिल सकती है।
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पवनमुक्तासन योगासन –
पेट की गैस आराम से निकल जाए इसके लिए पवनमुक्तासन किया जा सकता है। इस आसन को करने के लिए पीठ के बल जमीन पर लेट जाए। सिर को आगे की तरफ लाते हुए अपने दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ते हुए सिर तक लगाएं और हाथों को पैरों के आसपास लपेट लें। मुद्रा बनाए रखते हुए गहरी सांस लें। इस आसन से पेट की गैस बाहर निकलती है और आराम महसूस होने लगता है।
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वज्रासन (वज्र मुद्रा) –
वज्रासन एक बैठकर किया जाने वाला योगासन है जो पाचन में सुधार करके गैस और एसिडिटी को कम करने में मदद कर सकता है। अपने बड़े पैर की उंगलियों को छूते हुए फर्श पर घुटने टेककर शुरुआत करते है। अपने नितंबों को अपनी एड़ियों पर नीचे करें। अपनी रीढ़ सीधी रखें और अपने हाथों को अपने घुटनों पर रखें। गहरी सांस लें और कुछ मिनट तक इसी स्थिति में रहना होता है।इससे गैस और सूजन से राहत मिलता है। और पाचन को बढ़ाता है, पीठ के निचले हिस्से को मजबूत बनाता है।
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अर्ध मत्स्येन्द्रासन मछलियों का आधा स्वामी आसन –
अर्ध मत्स्येन्द्रासन एक आसन आसन है जो पेट के अंगों की मालिश करता है, बेहतर पाचन को बढ़ावा देता है और गैस और एसिडिटी को भी कम करता है।
अर्ध मत्स्येन्द्रासन में अपने पैर फैलाकर बैठें। और अपने दाहिने घुटने को मोड़ें और अपने दाहिने पैर को अपनी बाईं जांघ के बाहर रखें। अपने ऊपरी शरीर के बाईं ओर मुड़ें, अपनी बाईं कोहनी को अपने दाहिने घुटने के बाहर रखें। कुछ सांसों के लिए इसी मुद्रा में बने रहें, फिर करवट बदल लें। यह आसन पाचन को उत्तेजित करता है, गैस और अपच को दूर करता है। और रीढ़ की हड्डी का लचीलापन भी बढ़ता है।
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