Thyriod : थायराइड का छुपा खतरा? नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी
Thyriod, एक महत्वपूर्ण ग्रंथि है जो शरीर की चयापचय प्रणाली (मेटाबॉलिज्म) को नियंत्रित करती है। यह ग्रंथि गर्दन के सामने स्थित होती है और तितली के आकार की होती है।
Thyriod : थायराइड के लक्षण, जाने आंखों और शरीर पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव
Thyriod, एक महत्वपूर्ण ग्रंथि है जो शरीर की चयापचय प्रणाली (मेटाबॉलिज्म) को नियंत्रित करती है। यह ग्रंथि गर्दन के सामने स्थित होती है और तितली के आकार की होती है। थायराइड ग्रंथि से निकलने वाले हार्मोन (थायरॉक्सिन और ट्राईआयोडोथायरोनिन) शरीर की ऊर्जा, तापमान और अन्य महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं को संतुलित रखते हैं। हालांकि, जब यह ग्रंथि ठीक से काम नहीं करती, तो इससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। यह लेख थायराइड के छुपे हुए खतरों और इसके आंखों व शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों पर केंद्रित है।
थायराइड की समस्याएं
थायराइड ग्रंथि के काम करने में गड़बड़ी दो प्रमुख प्रकार की होती है:
1. हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism)
इसमें थायराइड हार्मोन का उत्पादन कम हो जाता है, जिससे मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है। इसके लक्षण हैं:
-थकावट
-वजन बढ़ना
-ठंड सहन न कर पाना
-सूखी त्वचा
-बाल झड़ना
-कब्ज
2. हाइपरथायरायडिज्म (Hyperthyroidism)
इसमें थायराइड हार्मोन का उत्पादन ज्यादा हो जाता है, जिससे मेटाबॉलिज्म तेज हो जाता है। इसके लक्षण हैं:
-वजन घटना
-घबराहट
-पसीना आना
-हृदय गति तेज होना
-नींद न आना
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आंखों पर थायराइड का प्रभाव
थायराइड से संबंधित समस्याएं आंखों पर गहरा प्रभाव डाल सकती हैं, विशेष रूप से ग्रेव्स डिजीज के कारण। यह एक ऑटोइम्यून स्थिति है जो हाइपरथायरायडिज्म से जुड़ी होती है।
1. थायराइड आई डिजीज (Thyroid Eye Disease)
इस स्थिति में आंखों के चारों ओर की मांसपेशियां और टिशू सूज जाते हैं। इसके लक्षण हैं:
-आंखों में सूजन और लालिमा
-दोहरी दृष्टि (डबल वीज़न)
-आंखों का बाहर की ओर निकलना (प्रोट्रूज़न)
रोशनी के प्रति संवेदनशीलता
2. आंखों की सूखापन (Dry Eyes)
थायराइड की समस्या के कारण आंखों के आंसू ग्रंथि प्रभावित हो सकती है, जिससे आंखें सूखी और असहज हो जाती हैं।
3. दृष्टि हानि का खतरा
गंभीर मामलों में, थायराइड से जुड़ी समस्याएं ऑप्टिक नर्व को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे दृष्टि में कमी या अंधापन हो सकता है।
थायराइड के खतरे को कैसे पहचानें?
1. लक्षणों की पहचान करें
थायराइड की समस्याएं अक्सर धीरे-धीरे विकसित होती हैं और अन्य बीमारियों की तरह लग सकती हैं। यदि उपरोक्त लक्षण लगातार बने रहें, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
2. ब्लड टेस्ट
-टीएसएच (TSH): यह थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन का स्तर बताता है।
-टी3 और टी4: थायराइड हार्मोन के स्तर को मापा जाता है।
3. इमेजिंग टेस्ट
अल्ट्रासाउंड और थायराइड स्कैन के जरिए ग्रंथि के आकार और स्थिति का पता लगाया जा सकता है।
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थायराइड का उपचार
1. मेडिकल थेरेपी
-हाइपोथायरायडिज्म: सिंथेटिक थायरॉक्सिन (लेवोथायरॉक्सिन) दवा से इलाज।
-हाइपरथायरायडिज्म: एंटी-थायराइड दवाएं, रेडियोएक्टिव आयोडीन थेरेपी।
2. सर्जरी
गंभीर मामलों में, थायराइड ग्रंथि को हटाने की आवश्यकता हो सकती है।
3. आंखों की देखभाल
थायराइड आई डिजीज के लिए स्टेरॉयड थेरेपी और सर्जरी उपयोगी हो सकती है।
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