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Brain Temperature: जानिए इंसानी ब्रेन का तापमान कितना होता है? और कैसे करते हैं इसका टेंपेरेचर तय?

हमारे शरीर का सामान्‍य तापमान 37 डिग्री सेल्सियस (98.6 डिग्री फॉरेनहाइट) होता है। इस आधार पर हमारे दिमाग का तापमान भी करीब-करीब इतना ही होना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं होता है। आइए जानते हैं कि हमारे दिमाग का सामान्‍य तौर पर तापमान कितना ज्‍यादा या कम रहता है?

Brain Temperature: शरीर से ज्यादा तापमान ब्रेन का, महिला या पुरुष किसका दिमाग रहता है ज्यादा गर्म?


Brain Temperature:आपने कभी ना कभी किसी को कहते सुना होगा कि अभी मेरा दिमाग गरम है, मुझसे बात मत करो। ये चेतावनी भी कभी ना कभी मिली होगी कि अभी मेरा दिमाग गरम है, मुझसे दूर रहो वरना पिट जाओगे। आपने कभी सोचा है कि क्‍या वाकई हमारा दिमाग गर्म हो जाता होगा या दूसरे शब्‍दों में कहें तो क्‍या हमारे दिमाग का तापमान बाकी शरीर के मुकाबले बढ़ता या घटता होगा? हाल में इंसान के मस्तिष्‍क पर हुआ शोध तो यही कहता है कि हमारे दिमाग का तापमान दिन में कई बार बढ़ता और घटता है।

शरीर से ज्यादा होता है दिमाग का तापमान

हाल में इंसान के दिमाग पर एक रिसर्च हुई, जिसमें पाया गया कि हमारे मस्तिष्क का तापमान दिन में कई बार बढ़ता और घटता है। ब्रिटेन के एक रिसर्च ग्रुप की जर्नल ब्रेन में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, हमारे मस्तिष्क में तापमान एक दिन में बहुत बार घटता और बढ़ता है। अगर दिमाग का तापमान कम या ज्यादा नहीं होता है तो यह इंसान के लिए ठीक नहीं है। रिपोर्ट कहती है कि अगर इंसान का दिमाग पूरी तरह से ठीक है तो इसका तापमान बाकी शरीर के मुकाबले ज्‍यादा रहता है। हमारे शरीर का नॉर्मल तापमान 37°C (98.6° फॉरेनहाइट) होता है।

महिला या पुरुष किसका दिमाग है ज्यादा गर्म?

रिसर्चर्स ने खुलासा किया कि महिलाओं का दिमाग पुरुषों के मुकाबले ज्‍यादा गर्म रहता है। दिमाग के एक गहरे हिस्से में पुरुषों का तापमान 40°C रहता है, लेकिन महिलाओं में इस हिस्से का तापमान 40.90°C रहता है। रिसर्चर्स को लगता है कि इसका संबंध मासिक धर्म से है। रिसर्चर्स ने यह भी पाया है कि जैसे-जैसे इंसान की आयु बढ़ती है, वैसे-वैसे उसके दिमाग का तापमान भी बढ़ने लगता है। आयु के साथ दिमाग के गहरे हिस्‍से में तापमान ज्‍यादा बढ़ता है।

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कैसे तय किया गया दिमाग का तापमान?

कैंब्रिज में मॉलिक्‍यूलर बायोलॉजी के लिए एमआरसी लैबोरेट्री से नीना रेचोरज़ेक की अगुआई वाली शोध टीम ने 20 और 40 साल की उम्र वाले 40 स्वस्थ वॉलिंटियर्स को भर्ती किया। इसके बाद मैग्‍नेटिक रेसोनेंस स्पेक्ट्रोस्कोपी (MRS) का इस्‍तेमाल करके सुबह, दोपहर और शाम को सभी भर्ती लोगों के दिमाग के अलग-अलग हिस्‍सों में तापमान की जांच करने के बाद निर्धारित किया कि किस जगह का तापमान कितना रहना चाहिए।

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