Stress Management Tips: डायबिटीज का एक बड़ा कारण तनाव, क्या है दोनों में कनेक्शन, जानें बचाव के उपाय
Stress Management Tips: तनाव सिर्फ आपके मेंटल हेल्थ को ही प्रभावित नहीं करता बल्कि ये कई शारीरिक समस्याओं की भी वजह बन सकता है। बहुत ज्यादा स्ट्रेस में रहने वाले लोग टाइप-2 डायबिटीज का शिकार हो सकते हैं जो बहुत गंभीर बीमारी है। इसलिए स्ट्रेस को मैनेज करना जरूरी है। आइए जानते हैं तनाव और डायबिटीज का कनेक्शन साथ ही इसे कैसे करें कंट्रोल।
Stress Management Tips: डायबिटीज और तनाव कम करना है तो अपनाएं ये तरीका
आज के समय में तनाव एक बेहद आम समस्या बन चुका है। तनाव न केवल आपके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि यह कई शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं का भी कारण बन सकता है। जिस तरह से डायबिटीज के आंकड़े बढ़ रहे हैं, यह हम सभी के लिए एक बड़ी चिंता बन गया है। आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है, कि तनाव भी डायबिटीज की स्थिति में योगदान देता है। एक सामान्य व्यक्ति की तुलना में एंजाइटी, डिप्रेशन जैसी मानसिक स्थिति से ग्रसित लोगों में डायबिटीज का खतरा अधिक होता है। अब आप सोच रही होंगी कि आखिर यह किस तरह मुमकिन है! तो चलिए जानते हैं।
तनाव कैसे बनता है डायबिटीज का कारण (how stress cause diabetes)
कई रिसर्च के परिणाम यह बताते हैं कि स्ट्रेस टाइप 2 डायबिटीज का कारण बनने वाले फैक्टर में से एक है। अत्यधिक तनाव की स्थिति में बॉडी में स्ट्रेस हार्मोन्स का अधिक उत्पादन होता है। ये हाॅर्मोन पेनक्रियाटिक सेल्स को उचित मात्रा में इंसुलिन प्रोड्यूस करने से रोक सकते हैं। जिसकी वजह से शरीर को कम इंसुलिन मिलता है और यह टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम बढ़ा देता है।
इसका सीधा अर्थ यह है कि जिस व्यक्ति के शरीर में अधिक मात्रा में कॉर्टिसोल का उत्पादन होता है (कॉर्टिसोल एक स्ट्रेस हार्मोन है) उनमें टाइप 2 डायबिटीज का खतरा अधिक होता है। तनाव, चिंता और और अन्य मानसिक स्थितियों में शरीर में कॉर्टिसोल का अधिक उत्पादन होना शुरू हो जाता है। व्यक्ति तनाव में अपनी नियमित गतिविधियों के विपरीत कार्य करने लगते हैं। जैसे कि स्ट्रेस ईटिंग, तनाव में अक्सर लोग ओवर ईटिंग करना शुरू कर देते हैं। खासकर इस दौरान मीठे की अधिक क्रेविंग होती है, जो वेट गेन का कारण बन सकती है। वेट गेन और ओवर ईटिंग दोनों स्थितियां डायबिटीज के खतरे को बढ़ा देती हैं।
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लाइफस्टाइल को खराब कर सकता है तनाव
अत्यधिक तनाव में होने से व्यक्ति के नियमित जीवन शैली पर बेहद नकारात्मक असर पड़ता है। वह अपने व्यायाम, खानपान और नींद पर ठीक तरह से ध्यान नहीं दे पाता। कई बार तनाव से बचने के लिए लोग स्माेकिंग या अल्कोहल का भी सहारा लेने लगते हैं। ये सभी फैक्टर ब्लड में शुगर के स्तर को बढ़ा देते हैं, जिससे कि टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
कमजोर हो जाती है तनावग्रस्त लोगों की इम्युनिटी
क्रॉनिक स्ट्रेस इम्यून सिस्टम को प्रभावित कर सकता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार लंबे समय तक तनावग्रस्त रहने से इम्युनिटी कमजोर हो जाती है। कमजोर इम्युनिटी टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ा देती है।
डायबिटीज से बचने का उपाय
स्ट्रेस ट्रिगर्स को पहचानें
अपने स्ट्रेस ट्रिगर्स को पहचानें और उनसे जितना हो सके उतनी दूरी बनाएं। तनाव की स्थिति में नशीले पदार्थों से दूर रहें और खुद को जितना हो सके उतना पॉजिटिव रखने की कोशिश करें, ताकि आपके शरीर में कॉर्टिसोल का स्तर संतुलित रहे।
स्लीप क्वालिटी इम्प्रूव करें
तनाव की स्थिति में स्लीप क्वालिटी पर बेहद नकारात्मक असर पड़ता है, जिससे बॉडी में कॉर्टिसोल का स्तर बढ़ सकता है। ऐसे में इसपर नियंत्रण पाने के लिए बेहतर नींद प्राप्त करने की कोशिश करें। एक अच्छी स्लीप एनवायरनमेंट तैयार करें और बेड टाइम बनाएं जिससे की नींद आने में मदद मिलेगी।
कॉमेडी शो देखें
कॉमेडी मूवी, शो, स्टैंड अप कॉमेडी, आदि देखने से व्यक्ति का मन हल्का होता है और उनका मूड फ्रेश रहता है। इससे व्यक्ति के शरीर में हैप्पी हार्मोंस रिलीज होते हैं और कॉर्टिसोल कम हो जाता है। जिससे तनाव के साथ ही डायबिटीज का खतरा भी कम हो जाता है।
वॉकिंग या अन्य फिजिकल एक्टिविटी में भाग लें
यदि आप तनाव में हैं और डायबिटीज से बचना चाहती हैं, तो नियमित रूप से वॉक करने की आदत बनाएं। साथ ही एक्सरसाइज, योग, डांसिंग, मेडिटेशन जैसी अन्य रिलैक्सिंग एक्टिविटीज में भाग ले सकती हैं। इससे आपके बॉडी में कोर्टिसोल का स्तर सिमित रहता है।
लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स चुनें
यदि आप अत्यधिक तनाव में रहती हैं, तो तनाव सबसे पहले हंगर हॉर्मोन को प्रभावित करता है। इससके आपको अनचाही क्रेविंग्स हो सकती हैं। ऐसे में कोशिश करें कि लो ग्लाइसेमिक फूड्स लें, और जितना हो सके उतना सादा खाने की कोशिश करें।
नियमित जांच है जरूरी
यदि आपको किसी बात से तनाव है, तो आपको फौरन अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच करनी चाहिए। ताकि स्थिति में समय रहते सुधार किया जा सके। साथ ही साथ अपने तनाव पर नियंत्रण पाने की कोशिश करें। यदि नहीं कर पा रही हैं, तो डॉक्टर के संपर्क में रहे ताकि किसी भी गंभीर परेशानी का सामना न करना पड़े।
मेडिटेशन की प्रैक्टिस करें
अध्ययन में पाया गया है कि टाइप-2 डायबिटीज वाले लोग, अगर तनाव दूर करने के लिए नियमित रूप से व्यायाम और मेडिटेशन करते हैं, तो उन्हें अतिरिक्त दवाएं या इंसुलिन लेने की जरूरत नहीं होती है। कुछ खास तरह के योग और प्राणायाम करने से डायबिटीज के मरीज खुद को हेल्दी रख सकते हैं और इस बीमारी की गंभीरता से बचे रह सकते हैं।
सेल्फ केयर और मैनेजमेंट है जरूरी
स्ट्रेस की वजह से बढ़ने वाले ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करना मुश्किल होता है, लेकिन सेल्फ केयर और हेल्दी रूटीन अपनाकर काफी हद तक इसे कंट्रोल में रखा जा सकता है। स्ट्रेस के अलावा और किन चीज़ों से शुगर बढ़ रहा है, इस पर नजर रखें और अगर उसे कंट्रोल करना आपके बस में है, तो इसके तरीके ढूंढ़ें। डाइट में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम करके, पर्याप्त मात्रा नींद और रोजाना कुछ देर की एक्सरसाइज से डायबिटीज़ ही नहीं और कई समस्याओं से भी बचे रहा जा सकता है।
अपनी मनपसंद चीज़ें करें
एक कहावत है कि खाली दिमाग शैतान का घर होता है और ये बिल्कुल सच है। खाली बैठने से पुरानी बातें सोचकर सिर्फ और सिर्फ तनाव होता है, तो इससे बचने का बहुत अच्छा तरीका है खुद को इंगेज रखना। उन चीज़ों को समय दें जिन्हें करने से आपको खुशी मिलती है। फिर चाहे वो घूमना-फिरना हो, डांस या म्यूजिक हो, वीडियो गेम खेलना हो या फिर दोस्तों के साथ टाइम बिताना। यकीन मानिए अपनी पसंदीदा चीज़ें करने से स्ट्रेस होता ही नहीं।
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